सोलर पैनल को बैटरी और इन्वर्टर से कैसे जोड़ते हैं? जानें

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सौर ऊर्जा का प्रयोग करने के लिए सोलर सिस्टम को स्थापित किया जाता है। एक पूरे सोलर सिस्टम में मुख्य रूप से सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर, सोलर चार्ज कन्ट्रोलर एवं सोलर बैटरी का प्रयोग किया जाता है। वर्तमान समय में सरकार भी अपने नागरिकों को अधिक से अधिक सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रही है। क्योंकि सोलर सिस्टम की सहायता से बिजली का उत्पादन करने पर किसी प्रकार से पर्यावरण प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है। यह पर्यावरण के अनुकूल ही बिजली का उत्पादन करने वाली प्रक्रिया है।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सोलर सिस्टम में सोलर पैनल को बैटरी और इन्वर्टर से कैसे कनेक्ट करें की जानकारी प्रदान करेंगे। जिस से आप आसानी से स्वयं ही सोलर पैनल को स्थापित कर सकते हैं। किसी भी सोलर सिस्टम को स्थापित करते समय यह ध्यान रखना चाहिए, कि इसमें स्थापित किए गए उपकरणों की रेटिंग एक-दूसरे के अनुकूल होनी चाहिए। एवं इन्हें सही से कनेक्ट करना चाहिए ताकि इनमें किसी प्रकार का शॉर्ट सर्किट न हो। गलत कनेक्शन आपके सोलर सिस्टम को खराब कर सकता है। इसके लिए आप नजदीकी की सोलर उपकरणों के डीलर या किसी कारीगर की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

सोलर पैनल को बैटरी और इन्वर्टर से कैसे जोड़ते हैं? जानें
सोलर पैनल को बैटरी और इन्वर्टर से कैसे कनेक्ट करें

सोलर पैनल को बैटरी और इन्वर्टर से कैसे जोड़ते हैं?

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सोलर सिस्टम में सोलर चार्ज कन्ट्रोलर या सोलर इंवर्टर की सहायता से ही बैटरी को जोड़ा जा सकता है। सोलर चार्ज कन्ट्रोलर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: PWM (Pulse Width Modulation) एवं MPPT (Maximum Power Point Tracking) दोनों ही प्रकार के सोलर इंवर्टर की अपनी विशेषता होती है। PWM सोलर चार्ज कन्ट्रोलर की तुलना में MPPT सोलर चार्ज कन्ट्रोलर उच्च कार्य क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। PWM सोलर चार्ज कन्ट्रोलर सिर्फ पैनल से प्राप्त होने करंट को ही नियंत्रित करने का कार्य करते हैं, जबकि MPPT द्वारा करंट एवं वोल्टेज दोनों को ही नियंत्रित किया जा सकता है। इनका प्रयोग सोलर सिस्टम की क्षमता के अनुसार किया जा सकता है।

सोलर चार्ज कन्ट्रोलर कनेक्ट करें

सोलर सिस्टम को स्थापित करने वाले उपयोगकर्ता अपने सोलर सिस्टम की आवश्यकता के अनुसार किसी भी प्रकार के सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग कर सकते हैं। बैटरी के टर्मिनल से तार को सीधा इंवर्टर एवं सोलर चार्ज कन्ट्रोलर से जोड़ा जाता है। इसमें ध्यान रखने योग्य बात यह है कि बैटरी के पाज़िटिव टर्मिनल से निकलने वाले तार को कन्ट्रोलर के पाज़िटिव टर्मिनल में एवं नेगेटिव टर्मिनल से निकलने वाले तार को नेगेटिव टर्मिनल में जोड़ना होता है। ऐसा करने पर सुरक्षित सर्किट स्थापित होता है। यदि आप स्वयं कनेक्शन स्थापित करने में असमर्थ हैं तो आप विशेषज्ञ से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

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सोलर इंवर्टर कनेक्ट करें

सोलर इंवर्टर को सोलर पैनल से जोड़ने की प्रक्रिया आसान है, सोलर इंवर्टर में इसके लिए टर्मिनल प्रदान किए होते हैं, यदि आप सामान्य इंवर्टर का प्रयोग करते हैं तो उसके लिए आपको सोलर पैनल से आने वाले तार को सोलर चार्ज कन्ट्रोलर से जोड़ना होता है, उसके बाद सोलर चार्ज कन्ट्रोलर को इंवर्टर से जोड़ना होता है। सोलर इंवर्टर को सोलर पैनल से कनेक्ट करने के लिए पाज़िटिव टर्मिनल को पाज़िटिव टर्मिनल से एवं नेगेटिव टर्मिनल को नेगेटिव टर्मिनल से जोड़ना होता है, जिस से सोलर सिस्टम को सुरक्षित रखा जा सकता है।
सोलर पैनल को बैटरी और इन्वर्टर से कनेक्ट करें

इस कनेक्शन को जोड़ने से पहले आपको VOC (Open Circuit Voltage) की जानकारी का होना आवश्यक होता है। ऐसे में आपको यह देखना चाहिए कि आपके सोलर इंवर्टर की VOC कितनी है। साधारणतया यह 72 सेल के पैनल पर 45 वोल्ट से 50 वोल्ट तक होती है। VOC की जानकारी के लिए आपको बता दें यदि आप सिंगल बैटरी के PWM तकनीक के सोलर इंवर्टर का प्रयोग कर रहे हैं तो इसकी VOC 25 वोल्ट तक होती है, जिसके लिए इस पर 36 सेल के सोलर पैनल को कनेक्ट किया जा सकता है। 90 वोल्ट VOC पर भी 72 सेल के सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है।

निष्कर्ष

इस पाकर उपर्युक्त लेख के माध्यम से आप सोलर पैनल को बैटरी और इन्वर्टर से कैसे कनेक्ट करने की प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सोलर सिस्टम में यह सबसे अधिक जरूरी होता है कि आप सही रेटिंग के उपकरणों का प्रयोग करें एवं यदि आप स्वयं सोलर सिस्टम के कनेक्शन को स्थापित करने में सक्षम नहीं हैं तो आप इसके लिए सोलर सिस्टम से संबंधित कार्य करने वाले व्यक्तियों द्वारा इसे स्थापित कर सकते हैं। सोलर सिस्टम का प्रयोग कर नागरिकों की जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को कम किया जा सकता है। एवं ग्रिड से प्राप्त होने वाले बिजली के बिल को कम किया जा सकता है। यह कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करने में सहायक सिस्टम है।

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