सोलर पैनल क्या होते हैं? जानिए किस जगह होंगे ये सबसे ज्यादा फायदेमंद

सोलर पैनल को विज्ञान का एक चमत्कार कहा जाता है, इनका प्रयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है। सोलर पैनल के प्रयोग से बहुत सारे लाभ उपयोगकर्ता को प्राप्त होते हैं।

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सूर्य प्राकृतिक ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है। जिसके माध्यम से प्रचुर मात्रा में बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल बिजली बनाने का कार्य करते हैं। सोलर पैनल का प्रयोग कर के सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य किया जाता है, आज के समय में लगभग सभी क्षेत्रों में इनका प्रयोग होता है। इनके प्रयोग से पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखा जा सकता है, साथ ही आर्थिक बचत भी की जा सकती है। सोलर पैनल क्या होते हैं? एवं इनका प्रयोग कैसे स्थानों में किया जाता है, यहाँ जानें।

बाजार में अनेक ब्रांड के सोलर पैनल उपलब्ध रहते हैं, आधुनिक तकनीक से बने सोलर पैनल उच्च दक्षता एवं क्षमता के साथ उपलब्ध रहते हैं। सोलर पैनल का प्रयोग कर के घर के सभी विद्युत उपकरणों को संचालित किया जा सकता है। सोलर पैनल के महत्व को समझते हुए सरकार द्वारा भी सोलर सिस्टम लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। जिस से कम कीमत में सोलर सिस्टम लगाया जा सकता है।

सोलर पैनल क्या होते हैं? जानिए किस जगह होंगे ये सबसे ज्यादा फायदेमंद

सोलर पैनल क्या होते हैं?

सोलर पैनल के अंदर सोलर सेल लगे होते हैं, सोलर सेल को फोटोवोल्टिक सेल (PV Cell) भी कहते हैं। सोलर सेल अर्द्धचालक पदार्थों से निर्मित होते हैं। सोलर सेल पर जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तो अर्द्धचालक पदार्थ से इलेक्ट्रान मुक्त होते हैं। मुक्त इलेक्ट्रान जब प्रवाहित होते हैं, तो बिजली प्रवाहित होती है। सोलर सेल से बिजली का उत्पादन फोटोवोल्टिक प्रभाव के कारण संभव होता है। सोलर सेल। सोलर पैनल का सबसे मुख्य घटक होता है। सोलर पैनल मुख्यतः पॉलीक्रिस्टलाइन एवं मोनोक्रिस्टलाइन प्रकार के होते हैं। दोनों ही प्रकार के सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है।

इनमें पॉलीक्रिस्टलाइन प्रकार के सोलर पैनल की कीमत कम होती है, इनका सबसे अधिक प्रयोग होता है। ऐसे सोलर पैनल की दक्षता कम होती है। जबकि मोनोक्रिस्टलाइन प्रकार के सोलर पैनल उच्च दक्षता के आधुनिक सोलर पैनल होते हैं। इनकी कीमत अधिक होती है, क्योंकि इनके द्वारा अधिक बिजली का उत्पादन भी किया जा सकता है। इनका प्रयोग कर कम धूप में बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। इनके अतिरिक्त बाइफेशियल सोलर पैनल सबसे एडवांस सोलर पैनल हैं, जो दोनों ओर से बिजली का निर्माण कर सकते हैं।

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सोलर पैनल के प्रयोग वाले क्षेत्र

सोलर पैनल का प्रयोग आज के समय में सभी प्रकार के क्षेत्रों में किया जा सकता है, जिस क्षेत्र में भी बिजली की आवश्यकता होती है, ऐसे सभी क्षेत्रों में बिजली का निर्माण सोलर पैनल के माध्यम से किया जा सकता है। निम्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सोलर पैनल बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग किए जाते हैं:-

  • रेजिडेंशियल पावर जनरेशन– आज के समय में घर-घर में सोलर पैनल द्वारा बिजली का उत्पादन किया जाता है, सोलर पैनल के माध्यम से बिजली का निर्माण करने से बिजली के भारी बिल से राहत प्राप्त होती है। घरों में ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगाने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। यदि बिजली के बैकअप की आवश्यकता होती है, तो ऐसे में ऑफग्रिड सोलर सिस्टम के माध्यम से बैटरी भी जोड़ी जा सकती है। ऐसे सोलर सिस्टम का लाभ प्राप्त कर घर के सभी उपकरणों को चलाया जा सकता है।
  • साइंटिफिक रिसर्च में– आधुनिक तकनीक के उच्च दक्षता एवं उच्च क्षमता के सोलर पैनल का प्रयोग वैज्ञानिक अनुसंधानों में भी किया जाता है, ऐसे सोलर पैनल का प्रयोग अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले उपग्रहों पर भी किया जाता है, जिस से वे लंबे समय तक कार्य करते हैं। विज्ञान के क्षेत्र में अनेकों प्रोजेक्ट में सोलर पैनल आवश्यक होते हैं।
  • कृषि एवं डेयरी उद्योग में– कृषि के क्षेत्र में सिंचाई करने के लिए सोलर पंप का प्रयोग किया जा सकता है, ऐसे उपकरणों को चलाने के लिए सोलर पैनल लगे होते हैं, इन उपकरणों के माध्यम से आधुनिक तकनीक से कृषि को विकसित किया जा सकता है, एवं किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा सकता है, डेयरी उद्योग में बॉयलर फीडवाटर जैसे उपकरण दबाव एवं सूखापन नियंत्रण जैसी अनेक प्रक्रियाओं को करने के लिए प्रयोग होने वाली बिजली को सोलर पैनल के द्वारा बनाया जाता है।
  • बेवरीज प्रोडक्शन एवं प्लास्टिक इंडस्ट्री– पाश्चुरीकरण एवं वाशिंग जैसी प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग बेवरीज में किया जाता है। प्लास्टिक उद्योग में सोलर पैनल द्वारा बनने वाली बिजली के माध्यम से ऊष्मा प्रदान की जाती है। साथ ही हीट एक्सट्रूज़न, पोलीमराइज़ेशन एवं सम्मिश्रण की प्रक्रियाओं को भी आसानी से किया जा सकता है।
  • टेक्सटाइल, पेपर इंडस्ट्री एवं केमिकल मैन्युफैक्चरिंग– टेक्सटाइल उद्योग में सोलर पैनल का प्रयोग कर के ब्लीचिंग, डाइंग, ड्रइंग एवं डीग्रीजिंग जैसी प्रक्रियाओं को करने के लिए बिजली दी जाती है। कागज उद्योग में सोलर पैनल का प्रयोग हीट प्रदान करने के लिए किया जाता है, इसमें बॉयलर फीडवाटर, ब्लीचिंग एवं सुखाने के लिए गर्मी की आवश्यकता होती है। रसायन उद्योग में भी हीट प्रदान करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है, जिसके प्रयोग से साबुन, सिंथेटिक रबर एवं अन्य उत्पादों का निर्माण होता है।
  • कैंड फ़ूड इंडस्ट्री एवं अन्य इंडस्ट्री– पाश्चुरीकरण, स्टरलाइज़ेशन, खाना पकाने एवं ब्लीचिंग जैसी प्रक्रियाएं कैंड फ़ूड इंडस्ट्री में होती है, इन प्रक्रियाओं में आवश्यक हीट को सोलर पैनल के माध्यम से जनरेट होने वाली बिजली के द्वारा निर्मित किया जाता है। सोलर पैनल का प्रयोग अन्य कई क्षेत्रों में भी किया जाता है। इनका प्रयोग वाहनों में भी किया जा रहा है, इंवर्टर का प्रयोग कर के बिजली का रूपांतरण किया जा सकता है, जिससे AC वाले प्रोजेक्ट में भी सोलर पैनल को लगा सकते हैं।

निष्कर्ष

सोलर पैनल का प्रयोग कर के अनेक क्षेत्रों में बिजली का लाभ प्राप्त किया जा सकता है, सोलर पैनल का प्रयोग अधिक से अधिक कर के जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। जिस से पर्यावरण में मौजूद कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है। इस प्रकार हरित भविष्य की कल्पना को सच किया जा सकता है। सोलर पैनल पर एक बार निवेश करने के बाद लंबे समय तक इनके माध्यम से बिजली का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सोलर पैनल पर किए जाने वाली निवेश को इसलिए ही बुद्धिमानी का निवेश कहते हैं।

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