Solar Panel एवं Solar System की जानकारी देखें। अब हर समय मिलेगी बिजली

सौर ऊर्जा का लाभ आम नागरिकों को प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा भी अपने स्तर से सहायता प्रदान की जा रही है, और नागरिकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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Solar Panel एवं Solar System की जानकारी देखें। अब हर समय मिलेगी बिजली
Solar Panel एवं Solar System

देश में सोलर उपकरणों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, इन आधुनिक उपकरणों का प्रयोग करने से यूजर के साथ-साथ नेचर को भी फायदा होता है। सोलर उपकरण किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं करते हैं, ऐसे में इनके प्रयोग से पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त किया जा सकता है। Solar Panel एवं Solar System घरों में देखे जा सकते हैं। सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर जैसे उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

Solar Panel एवं Solar System

सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। सोलर पैनल का प्रयोग बिना किसी अन्य उपकरण के नहीं किया जा सकता है। इसलिए इसमें एक सिस्टम स्थापित करना होता है। जिससे पैनल द्वारा बनाई गई बिजली को कंट्रोल किया जा सकता है, और स्टोर किया जा सकता है। भारत में एक बहुत बड़ा सोलर सेक्टर है, यहाँ अनेकों ब्रांड के सोलर उपकरण देखे जा सकते हैं। उन ब्रांड में से केवल विश्वसनीय एवं भरोसेमंद ब्रांड के लिए उपकरणों को खरीदना चाहिए।

Solar Panel क्या है?

सोलर पैनल को जब धूप में रखा जाता है, तो इनके अंदर लगे सोलर सेल मुक्त इलेक्ट्रॉन को प्रवहित कर बिजली का उत्पादन शुरू करते हैं। मुख्यतः बाजार में निम्न प्रकार के सोलर पैनल देखे जा सकते हैं:-

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  • पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल: ये सबसे ज्यादा खरीदे जाने वाले पैनल होते हैं, क्योंकि इन पैनल की कीमत कम होती है। ये पैनल उचित धूप प्राप्त होने पर ही बिजली का उत्पादन करते हैं।
  • मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल: इस प्रकार के पैनल का प्रयोग कर कम रोशनी एवं बादल वाले मौसम में भी बिजली को बनाया जा सकता है। इस पैनल की दक्षता भी उच्च रहती है।
  • बाइफेशियल सोलर पैनल: इस प्रकार के पैनल दोनों ही ओर से बिजली जनरेट करते हैं। इन पैनल को कम स्थान में इंस्टाल किया जा सकता है।

Solar System क्या है?

सोलर सिस्टम में मुख्य रूप से सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर का प्रयोग किया जाता है, सिस्टम के प्रकार के अनुसार ही अन्य उपकरणों को जोड़ा जाता है:-

  • हाइब्रिड सोलर सिस्टम: यह सबसे आधुनिक सोलर सिस्टम है, इसमें सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को स्टोर करने के लिए बैटरी भी जोड़ी जाती है, और ग्रिड को शेयर करने के लिए नेट मिटरिंग भी की जाती है। इस प्रकार के सिस्टम में ज्यादा खर्च होता है।
  • ऑफग्रिड सोलर सिस्टम: ज्यादा बिजली कटौती वाली जगहों के लिए बेस्ट सिस्टम है। इसमें पैनल, इंवर्टर एवं बैटरी को कनेक्ट किया जाता है। और पावर बैकअप रखा जाता है।
  • ऑनग्रिड सोलर सिस्टम: इस सिस्टम में पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड को ट्रांसफर किया जाता है, और ग्रिड की बिजली का ही यूज घर में करते हैं। शेयर बिजली को नेट मीटर कैलकुलेट करता है। ऐसे सिस्टम को कम पावर कट वाली जगह के लिए बेस्ट कहा जाता है।

सोलर सिस्टम को स्थापित करने के बाद घर में बिजली की जरूरतों को सोलर एनर्जी से पूरा कर सकते हैं। सोलर पैनल से 25 साल से ज्यादा समय तक बिजली प्राप्त की जा सकती है।

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