PM-KUSUM के अंदर हरियाणा में लगाया जायेगा 28.35 MW का सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट

कृषि क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों को आधुनिक सोलर उपकरणों का प्रयोग कर के किया जा सकता है। सोलर उपकरण उपयोगकर्ता को अनेक लाभ प्रदान करते हैं।

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सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा प्रदान करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार अपने-अपने स्तर से प्रयास कर रही है। सभी क्षेत्रों में सोलर पैनल का प्रयोग किया जा रहा है, कृषि के क्षेत्र में सोलर पैनल को स्थापित कर के किसानों को सहायता प्रदान की जा रही है, एवं कृषि को विकसित किया जा रहा है। PM-KUSUM के अंदर हरियाणा में 28.35 MW का सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा। पीएम कुसुम योजना के माध्यम से देश के किसानों के खेतों में सिंचाई करने के लिए सोलर पंप स्थापित किए जाते हैं। इसमें लगे सोलर पैनल से बिजली का उत्पादन किया जाता है।

PM-KUSUM के अंदर हरियाणा में लगाया जायेगा 28.35 MW का सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट
PM-KUSUM हरियाणा में लगाया जायेगा 28.35 MW का सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट

PM-KUSUM के अंदर हरियाणा में 28.35 MW का सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट

हरियाणा में सौर ऊर्जा का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है, राज्य में अनेकों सोलर प्रोजेक्ट शुरू किए गए है। DHBVN ( दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम) द्वारा PM-KUSUM (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) के A घटक के अंतर्गत 28.35 मेगावाट की विकेन्द्रीकृत (Decentralized) सोलर एनर्जी परियोजना की स्थापना के लिए आवेदन करने को आमंत्रित किया गया है। पीएम कुसुम योजना में कंपोनेन्ट A के तहत किसानों को अपनी कृषि भूमि पर 10 हजार मेगावाट विकेन्द्रीकृत ग्राउंड या एलिवेटेड लैंड पर गरुड से जुड़े सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। सोलर वाटर पंप (Solar Pump)

कृषि क्षेत्र में लगने वाले सोलर पैनल द्वारा कृषि के समय की जाने वाली सिंचाई के लिए सोलर पंप को बिजली प्रदान की जाती है, सोलर पैनल साल भर बिजली बनाने का कार्य करते हैं, ऐसे में जब कृषि क्षेत्र में बिजली की आवश्यकता नहीं रहती है, तो सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड के साथ साझा किया जाता है, जिससे राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। ग्रिड को बिजली भेजने के बाद किसानों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है, एवं उन्हें जीवाश्म ईंधन से चलने वाले पंप की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

हरियाणा सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट की विशेषताएं

  • राज्य में लगने वाले इस सोलर प्रोजेक्ट में किसान 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की क्षमता के सोलर पैनल लगा सकते हैं।
  • सोलर प्रोजेक्ट को लगाने के लिए स्थान किसी सबस्टेशन के 5 किलोमीटर के केंद्र में होना चाहिए।
  • इस योजना में आवेदन प्रक्रिया का शुल्क 5 हजार रुपये प्रति मेगावाट है। बैंक गारंटी के रूप में 1 लाख रुपये प्रति मेगावाट है।

योजना की स्थिति एवं आर्थिक पात्रताएं

  • इस योजना को स्थापित करने की अनुमानित कीमत 40,00,00,00,000 रुपये प्रति मेगावाट है।
  • योजना में पर्याप्त फंड के प्रमाण के लिए आवश्यक लागत प्रोजेक्ट की कीमत का 30% यानि 12,00,00,00,000 रुपये प्रति मेगावाट है।
  • FY 2023 के लिए डेवलपर की कुल आय 10,00,00,00,000 प्रति मेगावाट के प्रोजेक्ट की क्षमता से कम नहीं होनी चाहिए।

हरियाणा सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट में आवेदन कौन कर सकता है?

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PM-KUSUM के अंदर हरियाणा में लगाए जाने वाले 28.35 MW के सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का आवेदन निम्न कर सकते हैं:-

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  • राज्य के किसान नागरिक
  • किसानों का समूह
  • ग्राम पंचायतें
  • किसान प्रोडूसर आर्गेनाइजेशन (FPO)
  • कोआपरेटिव सोसाइटी
  • जल उपयोगकर्ता एसोसिएशन

योजना में बिजली परचेज एग्रीमेंट एवं भूमि का प्रयोग

योजना में चयनित बोलीदाता को आवंटन के 20 महीने के अंदर HPPC (हरियाणा पावर परचेज सेंटर) के साथ 25 साल का बिजली परचेस एग्रीमेंट करना होता है, परियोजना को 15 महीनों के अंदर चालू करना होता है, यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो बैंक की प्रदर्शन बैंक गारंटी को इनकेश कर लिया जाता है। योजना को समय से शुरू एवं समय पर ही पूरा करने से चयनित बोलीदाता को लाभ प्राप्त हो सकता है।

प्रोजेक्ट को बंजर, गैर कृषि योग्य भूमि, चरागाह या दलदली भूमि में स्थापित किया जाता है, कृषि भूमि का प्रयोग भी किया जा सकता है, ऐसे में सोलर पैनल को कृषि के बीच में पर्याप्त स्थान के साथ ऊंचे स्थान पर लगाया जाता है, जिससे कृषि पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। 4 एकड़ प्रति मेगावाट भूमि की आवश्यकता परियोजना को स्थापित करने के लिए जरूरी होती है।

निष्कर्ष

कृषि क्षेत्र को विकसित करने के लिए आधुनिक उपकरणों का प्रयोग करना आवश्यक है, ऐसे उपकरण हो पर्यावरण के अनुकूल भी कार्य करते हैं, जिनके द्वारा किसी प्रकार का कोई प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है। सोलर उपकरणों का प्रयोग करने से उपयोगकर्ता को अनेक लाभ होते हैं, जीवाश्म ईंधन की निर्भरता खत्म हो सकती है, एवं ग्रिड बिजली के भारी बिल से राहत प्राप्त की जा सकती है। सोलर उपकरणों का प्रयोग करना बुद्धिमानी है। इन्हें कम कीमत में स्थापित करने के लिए योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

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