भारत, दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश, अपने ऊर्जा क्षेत्र में एक उल्लेखनीय परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। जलवायु परिवर्तन और सतत विकास की आवश्यकता पर बढ़ती चिंताओं के साथ देश सक्रिय रूप से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपना रहा है। इनमें से सौर ऊर्जा ऑन ग्रिड प्रणाली (On Grid Solar System) की व्यापक उपयोगिता और लाभ के कारण सबसे मुख्य नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत के रूप में उभरा है।
इस लेख के माध्यम से आप ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के बारे में जानेंगे। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम कैसे कार्य करता है, इसके लाभ और वर्तमान ऊर्जा परिदृृश्य में सौर ऊर्जा के स्थान के बारे में विस्तृत जानकारी इस लेख में हम प्रदान करने जा रहे हैं। अधिक जानकारी के लिये लेख को अंत तक पढें।

On Grid Solar System क्या होता है?
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम को ग्रिड टाइड या ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम भी कहा जाता है। इसके माध्यम से सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न की जाती है। यह इस तरह से डिजाईन किया जाता है जिससे कि इसे सीधे पावर ग्रिड से जोड़ा जा सकता है।
इस प्रणाली में फोटोवोल्टिक पैनल, इनवर्टर, विद्युत केबल और ग्रिड कनेक्शन का उपयोग किया जाता है। सीधे तौर से यूटिलिटी ग्रिड से जुड़ा होने के कारण आवश्यकता होने पर अतिरिक्त बिजली को भी सोलर पैनल से लिया जा सकता है।
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम उपभोक्ताओं को अपनी बिजली स्वयं उत्पन्न करने की अनुमति प्रदान करते हैं। यह ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के विपरीत कार्य करता है जो कि सौर ऊर्जा के भंडारण की व्यवस्था पर निर्धारित है।
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम कैसे काम करता है
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम सीधे तौर पर विद्युत ग्रिड से जुड़े रहने के दौरान सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का एक लोकप्रिय और प्रभावी तरीका है। यह प्रणाली उपयोगकर्ता को मुख्यतः सोलर पैनलों का उपयोग करते हुये स्वयं की बिजली का उत्पादन करने की सुविधा प्रदान करती है।
इसके साथ ही ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में किसी भी अतिरिक्त या उपयोग न होने वाली बिजली को वापिस ग्रिड में भेजने की भी सुविधा होती है। यहां हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि आखिर ऑन ग्रेड सोलर सिस्टम काम कैसे करता है-
- सोलर पैनल (फोटोवोल्टिक माड्यूल)
- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का सबसे मुख्य घटक सौर पैनल होता है। यह फोटोवोल्टिक (पीवी) माड्यूल के द्वारा संचालित होता है।
- इन पैनलों में सेमीकंडक्टर (जिनमें सिलिकॉन मुख्य है) से बने कई सोलर सेल लगे होते हैं, जो कि सूर्य के प्रकाश को फोटो वोल्टिक तकनीक के माध्यम से बिजली में परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं।
- यह प्रणाली सूर्य के प्रकाश को डीसी करंट में बदल देती है।
- इन्वर्टर
- फोटोवोल्टिक माड्यूल के माध्यम से सोलर पैनलों के द्वारा उत्पन्न दिष्ट धारा (डीसी करंट) को विद्युत तारों के माध्यम से इन्वर्टर में भेजा जाता है।
- इन्वर्टर ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण भाग है। क्योंकि यह आने वाली दिष्ट धारा यानी डायरेक्ट करंट को प्रत्यावर्ती धारा (एसी) में परिवर्तित कर देता है।
- हमारे घरों और अन्य व्यवसायों में उपयोग में आने वाली बिजली आमतौर पर प्रत्यावर्ती धारा (अल्टरनेटिव करंट) ही होती है।
- बिजली का उपयोग
- इन्वर्टर के द्वारा परिवर्तित की गयी बिजली उपभोक्ता के सीधे उपयोग के लिये होती है।
- इस बिजली का उपयोग बिजली से चलने वाले उपकरणों को चलाने, भवन व अन्य व्यवसायों में किया जाता है।
- यदि उपभोक्ता की खपत से अधिक बिजली सोलर पैनल के द्वारा उत्पादित कर दी जाती है तो बची हुयी अतिरिक्त बिजली को सोलर सिस्टम के द्वारा वापिस विद्युत ग्रिड में भेज दिया जाता है।
- नेट मीटर
- सोलर सिस्टम से उत्पादित और उपयोग में लायी गयी बिजली और विद्युत ग्रिड में वापिस भेजी गयी अतिरिक्त बिजली का उचित रिकार्ड रखने के लिये सोलर सिस्टम के बाद नेट मीटर लगा दिया जाता है।
- यह एक तरह से हमारे घरों में उपयोग होने वाले मीटर के जैसा ही होता है। नेट मीटर दोनों ओर बिजली के प्रवाह को सटीकता से मापता है। खास तौर पर यह अतिरिक्त बिजली के विनिमय के समय उचित बिलिंग को सुनिश्चित करता है।
- ग्रिड कनेक्शन
- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के लिये वैद्युत ग्रिड एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। यह विद्युत ग्रिड एक कनेक्शन प्वाइंट के माध्यम से ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम से जुडा रहता है।
- इसके साथ ही यह बिजली के निर्बाधित प्रवाह को बनाये रखना भी सुनिश्चित करता है।
- यदि सोलर सिस्टम कुल खपत से कम बिजली का उत्पादन करता है तो मांग के अनुसार अतिरिक्त बिजली विद्युत ग्रिड से प्राप्त की जा सकती है।

- यूटिलिटी इंटरेक्शन अथवा फीड इन टैरिफ
- यह उन उपभोक्ताओं के लिये फायदेमंद होता है जो कि खपत से अधिक बिजली उत्पन्न करते हैं।
- ऐसा करने पर उपयोगकर्ता के द्वारा उत्पन्न की गयी अतिरिक्त बिजली के लिये भारत सरकार तथा कई निजी कंपनियां भी टैरिफ का भुगतान उत्पादक को करती है।
- इस प्रकार से भारत सरकार सोलर सिस्टम से बिजली बनाने के लिये उपयोगकर्ताओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करती है।
- निगरानी और नियंत्रण
- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का सुचारू रूप से प्रदर्शन सुनिश्चित करने और सौर पैनल से बिजली उत्पादन को ट्रैक करने के लिए ऑन ग्रिड सौर प्रणाली में निगरानी और नियंत्रण प्रणाली शामिल की जाती है। है।
- ये सिस्टम ऊर्जा उत्पादनए खपत और ग्रिड इंटरैक्शन पर रीयल.टाइम डेटा प्रदान करते हैं जिससे उपयोगकर्ता सिस्टम के प्रदर्शन की निगरानी कर सकते हैं और उचित निर्णय ले सकते हैं।
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने में आने वाली लागत
यहां हम आपको ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने में आने वाली लागत का विवरण दे रहे हैं। ध्यान दें कि अलग-अलग राज्यों की सोलर एनर्जी पॉलिसी और क्षेत्रीय आधार पर मूल्यों में कुछ भिन्नता होना सम्भव है।
इसके साथ ही सरकार के द्वारा सोलर सिस्टम इंस्टाल करने पर उपभोक्ता को सब्सिडी भी मुहैया करवायी जाती है। यदि आप भी अपने घर अथवा व्यवसाय में ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाना चाहते हैं तो इसकी अनुमानित लागत इस प्रकार है-
ऑन ग्रिड सोलर मॉडल | प्राइस | सब्सिडी |
1kW सोलर सिस्टम | 60 हजार रुपये | 30 हजार रुपये |
2kW सोलर सिस्टम | 1 लाख रुपये | 60 हजार रुपये |
3kW सोलर सिस्टम | 1 लाख 45 हजार रुपये | 78 हजार रुपये |
4kW सोलर सिस्टम | 1 लाख 85 हजार रुपये | 78 हजार रुपये |
5kW सोलर सिस्टम | 2 लाख 25 हजार रुपये | 78 हजार रुपये |
10kW सोलर सिस्टम | 4 लाख रुपये | 78 हजार रुपये |
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के लाभ
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम भारतीय सोलर एनर्जी उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिया होता जा रहा है। इस लोकप्रियता का कारण ऑन ग्रिड सौर सिस्टम से मिलने वाले लाभ हैं जो कि इसके उपयोगकर्ता को कहीं अधिक फायदा पहुंचाते हैं।
इसके साथ ही यह प्रणाली भारत के ऊर्जा लक्ष्यों, आर्थिक विकास और पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभ पहुँचाती है। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं-
- बिजली के बिल में कमी-
- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के द्वारा उपभोक्ता अपनी खपत के अनुसार स्वयं बिजली पैदा कर सकता है।
- इसका असर उपभोक्ता के परंपरागत बिजली के बिलों पर पड़ता है। क्योंकि सरकार इसकी लागत में निरंतर कमी कर रही है।
- इसलिये यह पारंपरिक बिजली के स्थान पर ऊर्जा का नया और अपेक्षाकृत सस्ता संसाधन है।
- सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन-
- भारत सरकार का लक्ष्य, देश भर में अधिक से अधिक सौर ऊर्जा के उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि करना है ताकि पारंपरिक और गैर नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों पर से देश की निर्भरता कम हो सके।
- इसलिये विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर भारत सरकार उपभोक्ताओं को बढ़ावा देने के लिये सोलर पैनल सिस्टम का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं को वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करती है।
- इन प्रोत्साहनों में इंस्टेंट डिस्काउंट बेनिफिट, कम ब्याज पर ऋण की सुविधा और अधिक सब्सिडी शामिल है।
- इसके अलावा सरकार और निजी कंपनियां अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को वापिस भेजने पर उपभोक्ताओं को भुगतान भी करती है, जिसका लाभ उपभोक्ता आसानी से उठा सकते हैं।
- पर्यावरण के अनुकूल –
- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम जीवाश्म ईंधन की जगह सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिये करता है।
- इससे हानिकारक गैसों के उत्सर्जन, वायु प्रदूषण और परंपरागत जीवाश्म ईंधन संसाधनों पर निर्भरता में कटौती होती है।
- साथ ही यह भारत के जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने के लक्ष्य में भी उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।
- स्थिर और नियमित बिजली –
- वर्तमान में परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता और अधिक जनसंख्या के कारण भारत में आये दिन बिजली कटौती और ग्रिड अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।
- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम दिन के उजाले के दौरान अतिरिक्त बिजली उत्पादित करके ग्रिड को स्थिर रखने में मदद करता है।
- साथ ही यह ग्रिड पर तनाव कम करके ब्लैक आउट के जोखिम को भी कम करता है जो कि सरकार तथा नागरिक दोनों के हित में है।
- रोजगार के अवसर और आर्थिक विकास-
- सौर ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा मिलने से भारत में रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।
- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम की स्थापना, रखरखाव, निर्माण, ट्रैकिंग और विकास के लिए कुशल श्रम की आवश्यकता होती है और रोजगार पैदा होता है।
- सौर उद्योग के विकास को बढ़ावा देकर भारत आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकता है, निवेश आकर्षित कर सकता है और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे सकता है।
भारत में सौर ऊर्जा
अपने विशाल भूमि क्षेत्र और प्रचुर मात्रा में धूप के साथ भारत सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये एक अनुकूल देश है। ऊर्जा के गैर परम्परागत संसाधनों की वैश्विक मांग के साथ-साथ देश की बढ़ती ऊर्जा चुनौतियों से निपटने के लिये भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास कर रहा है।
देश के सौर ऊर्जा क्षेत्र में हाल ही के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गयी है। भारत अनुकूल और लचीली सरकारी नीतियों और कम लागत के लक्ष्य के साथ इस दिशा में प्रतिबद्ध है।
भारत की सौर क्षमता
भारत भौगोलिक रूप से ऐसे स्थान पर है जहां वर्ष भर पर्याप्त धूप प्राप्त होती है। साथ ही यहां की जलवायु भी काफी हद तक इसमें सहायता प्रदान करती है, जिसके कारण भारत सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये एक आदर्श देश के रूप में जाना जा रहा है।
भारत में 750 GW तक की सौर ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता का अनुमान लगाया गया है। इस प्रकार हमारे देश में सौर ऊर्जा के लिये अपार संभावनायें हैं। सौर उत्पादन की क्षमता और संभावनायें भारत को देश की दिन प्रतिदिन बढ़ती ऊर्जा की मांग को पूरा करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
सरकार की पहल और नीतियां
ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन को कम करने में सौर ऊर्जा के महत्व को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई पहल और नीतियां लागू की हैं।
भारत सरकार ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम इंस्टाल करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी उपलब्ध करवाती है। विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर यह सब्सिडी 40 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक हो सकती है।
2010 में लॉन्च किए गए जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (JNNSM) ने 2022 तक 100 GW सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया था। इस मिशन ने सौर क्षेत्र में निवेश, अनुसंधान, विकास और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दिया।
वर्तमान सौर ऊर्जा की स्थिति
भारत के द्वारा अपने सौर ऊर्जा के मिशन की शुरूआत के बाद इस क्षेत्र में पर्याप्त प्रगति की है। अपने निरंतर प्रयास के कारण ही वर्तमान में भारत विश्व का चौथा सबसे बडा सोलर सिस्टम मार्केट है।
सितंबर 2021 तक भारत के पास 47 GW से अधिक संचित सोलर पावर कैपिसिटी की गणना की गयी थी। इसके साथ ही यह तेजी से अपने लक्ष्य की ओर बढ रहा है।
सोलर सिस्टम में मुख्य रूप से यूटिलिटी स्केल प्रोजेक्ट, रूफटॉप इंस्टालेशन, ऑफ ग्रिड समाधान तथा ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम प्रोग्राम शामिल हैं।
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है?
ऑन ग्रेड सोलर सिस्टम एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें कि सौर ऊर्जा को सोलर पैनल की मदद से बिजली में परिवर्तित किया जाता है। इसमें अतिरिक्त बिजली को विद्युत ग्रिड में भेजने की सुविधा भी उपलब्ध होती है।
भारत कितनी सौर ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है?
भारत की अनुमानित सौर ऊर्जा उत्पादन की कुल क्षमता 750 kW आंकी गयी है।
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?
भारत सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट mnre.gov.in है। इस वेबसाइट पर विजिट करके आप सरकार के द्वारा संचालित सोलर सिस्टम प्रोजेक्ट और योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सौर ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या है?
सौर ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य से आने वाला प्रकाश है। सोलर पैनल की सहायता से इस प्रकाशीय ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित किया जाता है।