1 किलोवाट कैपेसिटी के सोलर सिस्टम की कीमत कितनी है? जानें

Published By SOLAR DUKAN

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सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य सोलर पैनल करते हैं, परिवर्तित की गई बिजली दिष्ट धारा (DC) के रूप में बैटरियों में जमा की जाती है। जिसका प्रयोग प्रत्यावर्ती धारा (AC) के रूप में करने के लिए इंवर्टर का प्रयोग किया जाता है। 1 किलोवाट कैपेसिटी के सोलर सिस्टम की कीमत (1 Kw solar System Price) की जानकारी आप जानेंगे। सोलर सिस्टम का प्रयोग कर घरों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली का उत्पादन करना आज के समय में प्रचलन में है।

इस लेख में 1 किलोवाट सोलर पैनल को स्थापित करने के खर्चे की जानकारी प्रदान की जाएगी। यदि आपके घरों में या दुकानों में प्रतिदिन अधिकतम 5 यूनिट की बिजली का प्रयोग किया जाता है तो आप 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम को स्थापित कर बिजली का यह लाभ कई सालों तक फ्री में प्राप्त कर सकते हैं। जिसमें प्रयोग होने वाले उपकरणों की जानकारी आपको हमारे द्वारा प्रदान की जाएगी।

1 किलोवाट कैपेसिटी के सोलर सिस्टम की कीमत कितनी है? जानें
1 किलोवाट कैपेसिटी के सोलर सिस्टम की कीमत

1 kw सोलर पैनल की कीमत

किसी भी सोलर सिस्टम को स्थापित करने से पूर्व सोलर पैनल के प्रकार की जानकारी आपको होनी चाहिए। सामान्यतः तीन प्रकार के सोलर पैनलों का प्रयोग सोलर सिस्टम में किया जाता है। उसके प्रकार के अनुसार ही उनकी कीमत भी अलग-अलग होती है। इनकी कीमत इनका निर्माण करने वाले ब्रांड के आधार पर भी भिन्न-भिन्न हो सकती है। 1 किलोवाट के सोलर पैनल की कीमत इस प्रकार है:

  • पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की औसतन कीमत 30,000 रुपये है। ये सबसे पुरानी तकनीक से बनाए जाने वाले सोलर पैनल हैं, इनका रंग नीला होता है।
  • मोनो PERC सोलर पैनल की औसतन कीमत 35,000 रुपये है। इनकी दक्षता पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से अधिक होती है। इनका रंग घर नीला या काला होता है।
  • बाइफेशियल सोलर पैनल की औसतन कीमत 40,000 रुपये है। इनकी दक्षता उपर्युक्त दोनों से अधिक होती है।

Solar Charge Controller For 1 Kw Solar System

सोलर पैनल सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, सोलर पैनल के द्वारा आने वाली बिजली के वोल्टेज एवं करंट को नियंत्रित करने के लिए सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जाता है। यह बैटरी को ओवरचार्जिंग से बचाता है। सोलर चार्ज कन्ट्रोलर 2 प्रकार की तकनीक से बने होते हैं। जिनमें MPPT (Maximum Power Point Tracking), PWM (Pulse Width Modulation) की तुलना में 30% अधिक क्षमता के होते हैं। इनकी कीमत भी इनके प्रकार एवं इनका निर्माण करने वाली कंपनी के आधार पर अलग-अलग होती है, 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम के लिए निम्न सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जा सकता है:

  • 12/24 volt/ 50 एम्पियर के लिए Smarten PWM सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जा सकता है।
  • 24 वोल्ट के लिए Smarten MPPT या Asha Power Surya 60 सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जा सकता है।
  • सोलर चार्ज कन्ट्रोलर की औसतन कीमत 5,000 रुपये तक है।

Inverter For 1 Kw Solar System

सोलर इंवर्टर का कार्य सोलर बैटरियों में जमा बिजली को AC रूप में परिवर्तित करना है। सोलर इंवर्टर में सोलर भी PWM एवं MPPT टेक्नॉलॉजी में बने होते हैं, अपनी आवश्यकता के अनुसार आप इनका प्रयोग अपने सोलर सिस्टम को स्थापित करने में कर सकते हैं। सोलर उपकरणों में सोलर इंवर्टर का निर्माण एवं विक्रय बहुत सी प्रसिद्ध कंपनियां करती है। यह ऑफ ग्रिड एवं ऑन ग्रिड दोनों ही प्रकार के सोलर सिस्टम को स्थापित करने में महत्वपूर्ण उपकरण है। 1 किलोवाट के सोलर सीटें पर निम्न सोलर इंवर्टर का प्रयोग किया जा सकता है:

  • Luminous NXG 1450
  • Luminous NXG 1850
  • Luminous NXG Pro 1 Kva
  • Smart Superb 2500
  • UTL Gama Plus 1 Kva

उपर्युक्त सोलर इंवर्टर की कीमत उनके ब्रांड के अनुसार अलग-अलग है। सोलर इंवर्टर की औसतन कीमत 15,000 रुपये है।

Solar Battery 1 Kw सोलर सिस्टम के लिए

सोलर बैटरी में बिजली को संग्रहीत किया जाता है। बाजारों में अलग-अलग ब्रांड की अलग-अलग क्षमता को सोलर बैटरी उपलब्ध है। जिनकी कीमत भी उनके ही अनुसार निर्धारित की जाती है। अपने सोलर सिस्टम के लिए आप अपनी आवश्यकता के अनुसार सोलर बैटरी का प्रयोग कर सकते हैं। जिनमें 80 Ah, 100 Ah, 120 Ah, 150 Ah आदि रेटिंग की बैटरी का उपयोग किया जा सकता है। सामान्यतः 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम के साथ 150 Ah की बैटरी का प्रयोग किया जाता है, जिसकी औसतन कीमत 15,000 रुपये है। एवं 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम में कम से कम 2 बैटरियों का प्रयोग किया जाता है।

पुराने इनवर्टर 1Kw सोलर पैनल लगाने का खर्चा

यदि आपके पास पहले से ही इंवर्टर उपलब्ध हो एवं आप इसे सोलर सिस्टम से जोड़ना चाहते हों तो आप को इस पर सोलर चार्ज कन्ट्रोलर, सोलर पैनल एवं सोलर बैटरी को जोड़ना होता है। इसमें अन्य खर्च में पैनल स्टैन्ड एवं वायरिंग का होता है। जो सोलर सिस्टम को पूरा करने में आवश्यक होते हैं। इन सभी की कीमत को जोड़ कर ऐसे सिस्टम को स्थापित करने का कुल खर्च:

  • पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (1 Kw)- 30,000 रुपये
  • सोलर चार्ज कन्ट्रोलर- 5,000 रुपये
  • सोलर बैटरी (2 x100 Ah)- 20,000 रुपये
  • अन्य खर्च- 5,000 रुपये
  • कुल खर्च- 60,000 रुपये

(उपर्युक्त खर्च की राशि औसतन एवं उच्च ब्रांड के उत्पाद को लगाने पर हो सकती है, यदि आप कम कीमत के उपकरणों का प्रयोग करना चाहते हैं तो यह राशि 30,000 रुपये तक हो सकती है।)

1 किलोवाट कैपेसिटी के सोलर सिस्टम की कीमत

पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल के साथ मोनो PERC सोलर पैनल के साथ
सोलर पैनल- 25,000सोलर पैनल- 35,000
सोलर इंवर्टर- 10,000सोलर इंवर्टर- 15,000
सोलर बैटरी (2 x 100 Ah)- 20,000सोलर बैटरी (4 x 150 Ah)- 30,000
सोलर चार्ज कन्ट्रोलर- 3,000सोलर चार्ज कन्ट्रोलर- 5,000
अन्य खर्चे- 5,000अन्य खर्चे- 5,000
कुल खर्च- 65,000 रुपये कुल खर्च- 90,000 रुपये

सोलर पैनल पर मिलने वाली सब्सिडी चेक करने के लिए यहाँ क्लिक करें

1 किलोवाट सोलर पैनल लगाने में होने वाले खर्च से संबंधित प्रश्न एवं उत्तर

किलोवाट सोलर पैनल लगाने में कम से कम कितना खर्चा हो सकता है?

1 किलोवाट सोलर पैनल लगाने में कम से कम 30 से 40 हजार रुपये का खर्च हो सकता है, जिसमें आप सस्ते ब्रांड के सोलर सिस्टम के उपकरण को स्थापित कर सकते है।

Luminous के 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम को स्थापित करने में कितना खर्च हो सकता है?

Luminous के 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम को स्थापित करने में 55 से 65 हजार रुपये का खर्च हो सकता है।

1 किलोवाट के सोलर सिस्टम में घर के कौन-कौन से उपकरण संचालित किए जा सकते हैं?

1 किलोवाट के सोलर सिस्टम में घर के वे सभी उपकरण संचालित किए जा सकते हैं जो 5 यूनिट की बिजली में संचालित हो सकते हैं। जैसे फ्रिज, लाइट, कंप्यूटर आदि।

निष्कर्ष

कोई भी उपभोक्ता अपने बजट के अनुसार 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम को आसानी से एवं सस्ते में स्थापित कर सकता है। सरकार द्वारा भी सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है उसमें सोलर सिस्टम को ऑनग्रिड रखा जाता है। सोलर सिस्टम से ग्रिड की बिजली पर अधिक आश्रित नहीं रहना पड़ता है, जिस से बिजली का बिल भी कम प्राप्त होगा है। एवं इस प्रक्रिया में पर्यावरण के अनुकूल बिजली का उत्पादन किया जाता है। जिस से किसी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है।

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