कौन सा सोलर पैनल लगायें, कौन सा सोलट सिस्टम सबसे अच्छा है

सोलर पैनल चुनते समय, आपको कई बातों को ध्यान में रखना होगा, जैसे कि: बजट, बिजली की आवश्यकता, घर का स्थान, सोलर पैनल की दक्षता आदि

Published By News Desk

Published on

नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग कर के ही हरित भविष्य की कल्पना को सच किया जा सकता है। सौर ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा का एक प्रमुख रूप है। सौर ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। यदि आप सोलर सिस्टम स्थापित करना चाहते हैं, तो कौन सा सोलर पैनल लगायें, कौन सा पैनल सबसे अच्छा है (Which solar panel is best in India) की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कौन सा सोलर पैनल लगायें, कौन सा सोलट सिस्टम सबसे अच्छा है
कौन सा सोलर पैनल लगायें, कौन सा सोलट सिस्टम सबसे अच्छा है

कौन सा सोलर पैनल लगायें

सोलर पैनल लगाने से पूर्व आपको सोलर पैनल के मुख्य घटक सोलर सेल की जानकारी का होना आवश्यक है। सोलर सेल जिन्हें फ़ोटोवोल्टिक सेल (PV Cell) भी कहा जाता है। सोलर सेल के द्वारा ही सूर्य से प्राप्त होने वाले प्रकाश से बिजली का निर्माण किया जाता है। सोलर सेल दो प्रकार के पॉली एवं मोनो सोलर सेल होते हैं। यदि बात करें विशेषताओं की तो मोनो सोलर सेल वाले सोलर पैनल अधिक बिजली का उत्पादन करते हैं।

मोनो सोलर पैनल

मोनो सोलर पैनल को M4 से M12 सोलर सेल की सहायता से निर्मित किए जाते हैं, इन सोलर पैनल की दक्षता उच्च एवं कार्य प्रदर्शन क्षमता दीर्घकालीन होती है। आज के समय में मोनो सोलर पैनल को बनाने में 160 mm के M6 सोलर सेल का प्रयोग सर्वाधिक हो रहा है। जल्द ही M12 सोलर सेल 210 mm से निर्मित होने वाले मोनो पैनल भी बाजारों में उपलब्ध हो जाएंगे।

पॉली सोलर पैनल

पॉली सोलर पैनल को M0 से M3 सोलर सेल की सहायता से निर्मित किया जाता है। आज के समय में M2 प्रकार के सोलर सेल का सर्वाधिक प्रयोग पॉली सोलर पैनल का निर्माण करने में किया जा रहा है, M3 प्रकार के सोलर सेल का प्रयोग कर के भी कुछ निर्माता कंपनियां सोलर पैनल बना रही हैं।

सोलर पैनल का साइज क्या होता है?

सोलर पैनल का साइज़ निम्न प्रकार में होता है:-

यह भी देखें:बिना बैटरी के 3 kw सोलर सिस्टम की कीमत जानें

बिना बैटरी के 3 kw सोलर सिस्टम की कीमत जानें

  • Standard Size में 335 वाट के पॉली सोलर पैनल एवं 400 वाट से 450 वाट के मोनो सोलर पैनल होते हैं, इनका साइज़ 1960 X 990 mm होता है। ऐसे सोलर पैनल का वजन लगभग 22.5 किलोग्राम होता है।
  • 2384 X 1096 mm साइज़ के सोलर पैनल 500 वाट से 550 वाट तक होते हैं। ऐसे सोलर पैनल का वजन लगभग 30 किलोग्राम तक होता है।
  • 2172 X 1303 mm साइज़ के सोलर पैनल 600 वाट तक के होते हैं। ऐसे सोलर पेनलों में 60 सलार सेल का प्रयोग किया जाता है।

कौन से पैनल खरीदना सही रहेगा?

यदि सोलर पैनल के चयन की बात करें तो यह कुछ कारकों पर निर्भर करता है। जिनमें दक्षता, कीमत, विशेषता आदि सम्मिलित होती है। बड़े साइज़ के सोलर पैनल की स्थापना में अधिक रखरखाव की आवश्यकता होती है। पॉली सोलर पैनल की कीमत कम होती है। इनका सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है। मोनो सोलर पैनल की दक्षता अधिक होती है, इनकी कीमत भी अधिक होती है, इनके बहुत लाभ उपभोक्ता को प्राप्त होते हैं।

आप अपने बजट के अनुसार सोलर पैनल का चयन कर सकते हैं, एवं ऐसे ब्रांड के सोलर पैनल को खरीदें जो आपको कम से कम 25 वर्ष की कार्य प्रदर्शन वारंटी प्रदान करता हो। जिस से आप लंबे समय तक सोलर पैनल से बिजली प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सोलर पैनल का प्रयोग कर बिजली के बिल को कम किया जा सकता है। एवं इस से आर्थिक बचत होती है। सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल बिना किसी प्रकार के प्रदूषण को उत्पन्न किए बिजली का उत्पादन करने का कार्य करते हैं। सोलर पैनल को स्थापित कर के उपयोगकर्ता को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यदि आप घर पर सोलर सिस्टम स्थापित करना चाहते हैं। उसके लिए आपको अपने घर के लोड की जानकारी का होना आवश्यक होता है।

यह भी देखें:घरेलू उपकरणों के लिए बिजली का लोड पता करें

घरेलू उपकरणों के लिए बिजली का लोड पता करें

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें