ये हैं भारत के सबसे पावरफुल सोलर पैनल, जानें परफॉरमेंस और कीमत

भारत में आज के समय में बहुत पावरफुल सोलर पैनल उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग कर आप कुशल सोलर सिस्टम बना सकते हैं।

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भारत के सबसे पावरफुल सोलर पैनल, जानिए परफॉरमेंस और कीमत
भारत के सबसे पावरफुल सोलर पैनल

सौर ऊर्जा को भविष्य की ऊर्जा भी कहा जाता है, सूर्य ऊर्जा का एक बहुत बड़ा प्राकृतिक स्रोत है, जिसके माध्यम से प्रचुर मात्रा में ऊर्जा को प्राप्त किया जा सकता है। सूर्य द्वारा प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य सोलर पैनल द्वारा किया जाता है, आज के समय में भारत में अनेक ब्रांड अपने सोलर उपकरणों के लिए प्रसिद्ध हैं, जिनके द्वारा आधुनिक तकनीक के सोलर उपकरणों का निर्माण किया जाता है। भारत के सबसे पावरफुल सोलर पैनल को स्थापित कर आप उच्च दक्षता के साथ बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।

भारत के सबसे पावरफुल सोलर पैनल

सोलर पैनल द्वारा बिजली बनाने की पावर उसकी दक्षता एवं क्षमता पर निर्भर करती है, सोलर पैनल का निर्माण करने वाले विनिर्माता लगातार अपने सोलर पैनल की दक्षता एवं क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। एडवांस तकनीक के सोलर पैनल का प्रयोग करने वाले उपयोगकर्ता अनेक लाभ प्राप्त करते हैं, सोलर पैनल का प्रयोग कर अपनी बिजली की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है, सोलर पैनल को लगाने से पहले उस से जुड़ी जानकारी का होना आवश्यक है, जिस से उनका चयन सही प्रकार से किया जा सकता है।

सोलर पैनल लगाने से पहले घर में बिजली के लोड की जानकारी को प्राप्त करना चाहिए, घर में बिजली के लोड को इलेक्ट्रिक मीटर के द्वारा या बिजली के बिल के माध्यम से जान सकते हैं, उनके द्वारा प्राप्त जानकारी से औसतन लोड की गणना आसानी से की जा सकती है, लोड की जानकारी प्राप्त होने के बाद सही क्षमता के सोलर पैनल को खरीद सकते हैं। सोलर पैनल को आवासीय, व्यवसायिक, वाणिज्यिक, कृषि आदि क्षेत्रों में प्रयोग किया जा सकता है। सोलर पैनल लगाने के लिए आवश्यक जगह होनी चाहिए। एडवांस क्षमता के सोलर पैनल कम जगह पर भी स्थापित किए जा सकते हैं।

भारत में सोलर पैनल

भारत में मुख्यतः निम्न 4 प्रकार के सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है:-

  • पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– भारत में सबसे अधिक सोलर सिस्टम में पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है, ऐसे सोलर पैनल की दक्षता कम होती है, इन्हें घरेलू प्रयोग के लिए बेस्ट सोलर पैनल कहा जाता है। इनकी कीमत भी अन्य सोलर पैनल से कम होती है। भारत सरकार द्वारा सोलर सिस्टम लगाने के लिए उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी प्रदान की जाती है, सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी के माध्यम से पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं। इन सोलर को कम कीमत में खरीदने के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी का प्रयोग कर सकते हैं।
  • मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल को उनके काले एवं गहरे नीले रंग की सहायता से पहचाना जा सकता है। इन सोलर पैनल की दक्षता पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से अधिक होती है। इन सोलर पैनल की कीमत भी पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से अधिक होती है। ऐसे सोलर पैनल का प्रयोग कर के अपने सोलर सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है।
  • बाइफेशियल सोलर पैनल– यह सोलर पैनल की सबसे आधुनिक तकनीक है, इसका प्रयोग कर दोनों ओर से बिजली का का उत्पादन किया जा सकता है, ऐसे सोलर पैनल सामने की ओर से सूर्य के प्रकाश के माध्यम से बिजली का उत्पादन करते हैं, जबकि पीछे की ओर से ऐसे सोलर पैनल परावर्तित प्रकाश (Albedo Lights) के माध्यम से बिजली का उत्पादन करते हैं। ऐसे सोलर पैनल का प्रयोग कर एडवांस सोलर सिस्टम को स्थापित किया जा सकता है। इनकी दक्षता उच्च होती है। ये अधिक बिजली का उत्पादन करते हैं।
  • थिन-फिल्म सोलर पैनल– ऐसे सोलर पैनल सबसे कम कीमत में उपलब्ध हो जाते हैं, इनकी दक्षता सबसे कम होती है। इनका प्रयोग अनेक छोटे-छोटे उपकरणों एवं छतों के निर्माण में किया जाता है। ऐसे सोलर पैनल की लाइफ-साइकिल सबसे कम होती है। इन्हें बहुत अधिक रखरखाव की आवश्यकता होती है। इन सोलर पैनल का प्रयोग अस्थाई सोलर सिस्टम के रूप में किया जा सकता है।

भारत में सौर ऊर्जा की स्थिति

भारत में सौर ऊर्जा से जुड़े मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं:-

  • वर्ष 2022 के लास्ट तक भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य 175 गीगावाट रखा गया था, जिसमें सौर ऊर्जा के साथ-साथ अतिरिक्त ऊर्जा स्रोतों से 100 गीगावाट सम्मिलित था।
  • भारत में प्रतिवर्ग मीटर में 5 हजार लाख kWh के समान सौर ऊर्जा प्राप्त होती है। भारत में लगभग 300 दिन सूर्य का प्रकाश अछे से प्राप्त होता है।
  • वर्ष 2035 तक भारत में सौर ऊर्जा की मांग 7 गुना बढ़ सकती है, सौर ऊर्जा के सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद देश की GDP में भी बढ़ावा हो सकता है। साथ ही भारत विश्व में सबसे अधिक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन करने वाला देश बन सकता है।
  • सौर ऊर्जा एवं अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग कर के देश की नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता में वृद्धि हो सकती है।
  • भारत में सोलर पैनल की स्थापना के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार अपने-अपने स्तर से नागरिकों को सोलर सब्सिडी के माध्यम से प्रोत्साहित कर रहे हैं। देश में सबसे अधिक ऊर्जा उत्पादन रुफटॉप एवं सोलर पार्क से होता है। यह भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा का 80% है। सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का उत्पादन कर क्षमता को 60% तक बढ़ाना है।

Loom सोलर 575 वाट का सोलर पैनल

Loom Solar भारत में सौर ऊर्जा का एक प्रसिद्ध ब्रांड है, इनके द्वारा उच्च दक्षता एवं क्षमता के सोलर पैनल का निर्माण किया जाता हो। बाजार में लूम सोलर का 575 वाट का बाइफेशियल सोलर पैनल उपलब्ध है। इस सोलर पैनल की दक्षता 22% से अधिक है। इन सोलर पैनल पर 144 सोलर सेल लगे होते हैं। लूम सोलर द्वारा अनेक सीरीज में सोलर पैनल उपभोक्ता को प्रदान किए जाते हैं। यह सोलर पैनल शार्क सीरीज के अंतर्गत प्राप्त होता है। इस पर 10 साल की उत्पाद वारंटी एवं 25 साल की कार्य प्रदर्शन वारंटी उपभोक्ता को प्रदान की जाती है, इसकी कीमत लगभग 20,250 रुपये है।

Waaree का 715 वाट का सोलर पैनल

वारी भी सोलर पैनल का निर्माण करने वाली भारत की शीर्ष कंपनियों में से एक है इनके द्वारा भारत के सबसे पावरफुल सोलर पैनल का निर्माण किया जाता है। यह 715 वाट के बाइफेशियल सोलर पैनल का निर्माण एवं विक्रय करती है। इस सोलर पैनल की दक्षता 22.88% है। इस सोलर पैनल का प्रयोग करने के अनेक फायदे हैं। वारी के सोलर पैनल अपनी उच्च दक्षता एवं क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यह ब्रांड उपकरणों की विश्वसनीयता के लिए भी प्रसिद्ध है।

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वारी द्वारा 685 वाट से 715 वाट तक के सोलर पैनल प्लेक्सस सीरीज में रखे गए हैं। यह सोलर पैनल अन्य सोलर पैनल से 30% अधिक बिजली का उत्पादन करने में सक्षम होते हैं। इस सोलर पैनल पर 132 सेल लगे हुए हैं। वारी द्वारा उपभोक्ता को उत्पाद वारंटी के साथ में 30 वर्ष की कार्य प्रदर्शन वारंटी भी प्रदान की जाती है।

सोलर सेल की TopCon तकनीक

सोलर पैनल में सोलर सेल लगे होते हैं, जो अर्द्धचालक पदार्थों के बने होते हैं। ये ही सूर्य के प्रकाश से बिजली का उत्पादन करने का कार्य करते हैं, सोलर से पर जब सूर्य का प्रकाश (फ़ोटॉन) पड़ता है, तो वह इलेक्ट्रान को मुक्त करता है, यही मुक्त इलेक्ट्रॉन का प्रवाह बिजली के रूप में प्रयोग किया जाता है। आज के समय में TopCon तकनीक जिसे टनल ऑक्साइड पैसिवेटेड कॉन्टैक्ट तकनीक भी कहा जाता है। यह सोलर सेल की एक आधुनिक तकनीक है। इसमें सेल फॉस्फोरस-डोप्ड अर्द्धचालक से बने n-टाइप होते हैं।

TOPCon तकनीक में उच्च दक्षता प्राप्त होती है, ये सोलर सेल कम प्रकाश में भी बिजली का उत्पादन करने में सक्षम होते हैं। ऐसे सोलर सेल की PERC तकनीक में बने सोलर सेल को एल्युमीनियम ऑक्साइड की लेयर द्वारा निष्क्रिय किया जाता है, ऐसा करने से सेल की दक्षता में सुधार होता है। एल्युमीनियम ऑक्साइड की लेयर पर जब सिलिकॉन आक्साइड की लेयर जमा की जाती है तो एक टनलिंग जंक्शन का निर्माण होता है। p-टाइप के एमिटर से n- टाइप तक आसानी से इलेक्ट्रान प्रवाहित होते हैं। ऐसे सोलर पैनल की लाइफ-साइकिल भी बहुत अधिक होती है।

सोलर सिस्टम को कितने प्रकार से लगा सकते हैं?

सोलर सिस्टम को उपभोक्ता अपने उपयोग के अनुसार निम्न तीन प्रकार से स्थापित कर सकते हैं:-

  • ऑनग्रिड सोलर सिस्टम– ऐसे सोलर सिस्टम को कम बिजली कटौती वाले स्थानों के लिए उपयुक्त कहा जाता है, ऐसे सोलर सिस्टम को स्थापित करने पर सोलर सब्सिडी भी प्राप्त की जा सकती है। ऐसे सोलर सिस्टम में सोलर पैनल द्वारा बनने वाली बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है, ऐसे सोलर सिस्टम में ग्रिड की बिजली का प्रयोग ही उपयोगकर्ता करते हैं। शेयर होने वाली बिजली की गणना करने के लिए नेट-मीटर स्थापित किया जाता है। ऐसे सोलर सिस्टम को कम कीमत में लगा सकते हैं।
  • ऑफग्रिड सोलर सिस्टम– ऑफग्रिड सोलर सिस्टम को अधिक बिजली कटौती वाले स्थानों एवं ऐसे स्थानों जहां बिजली नहीं है, वहाँ के लिए उपयुक्त कहा जाता है। ऐसे सोलर सिस्टम में सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को सोलर बैटरियों में स्टोर कर सकते हैं। ऑफग्रिड सोलर सिस्टम में स्टोर की जाने वाली बिजली को DC से AC में बदलने के लिए इंवर्टर का प्रयोग किया जाता है। बैटरी की क्षमता का चयन उपभोक्ता अपनी बिजली बैकअप की आवश्यकताओं के अनुसार कर सकते हैं। आज के समय में बाजारों में आधुनिक तकनीक की बैटरियाँ भी उपलब्ध रहती हैं।
  • हाइब्रिड सोलर सिस्टम-यह एक एडवांस सोलर सिस्टम है, इस सोलर सिस्टम में पैनल से बनने वाली बिजली को स्टोर करने के लिए बैटरी का प्रयोग भी किया जाता है, एवं ऐसे सिस्टम में इलेक्ट्रिक ग्रिड से भी बिजली को साझा किया जाता है। यह एक महंगा सोलर सिस्टम है। इसका प्रयोग कर के बिजली की चिंता पूरी तरह से समाप्त की जा सकती है।

निष्कर्ष

सोलर पैनल को विज्ञान का एक चमत्कार भी कहा जा सकता है, इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनका प्रयोग कर के पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर रखा जा सकता है। जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सोलर पैनल का अधिक से अधिक प्रयोग किया जा सकता है। ऐसा करने पर ही हरित भविष्य की कल्पना को सच किया जा सकता है। सोलर पैनल लंबे समय तक प्रयोग किए जा सकते हैं। एवं बिजली के बिल से भी उपयोगकर्ता को राहत प्रदान करते हैं।

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