घर के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम लगाएं, यहां जानें

घर में बिजली के कुल लोड की जानकारी प्राप्त होने पर ही सही क्षमता सोलर सिस्टम को स्थापित किया जा सकता है।

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आपके घर के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम लगेगा ऐसे करें हिसाब
सोलर पैनल सिस्टम

आज के समय में बिजली की जरूरत प्रतिदिन बढ़ रही है, जिसे साथ ही बिजली का बिल भी बढ़ रहा है। बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर पैनल सिस्टम की लोकप्रियता को देखा जा सकता है, सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल ही कार्य करते हैं, जिनके द्वारा सौर ऊर्जा से बिजली को बनाया जाता है, सूर्य ऊर्जा का एक बड़ा प्राकृतिक स्रोत है, जो प्रचुर मात्रा में ऊर्जा को प्रदान करता है। सोलर पैनल से बिजली की जरूरतों को पूरा करने से अनेक लाभ उपयोगकर्ता को प्राप्त होते हैं।

सोलर पैनल द्वारा घर के सभी विद्युत उपकरणों को चलाया जा सकता है, जिसके लिए आवश्यक है कि घर में बिजली के कुल लोड की जानकारी हो, ऐसा होने पर आपके घर के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम लगेगा, यह जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। सोलर पैनल लगाने से पहले आप निम्न प्रकार से घर के बिजली के लोड की जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं, सही लोड की जानकारी होने पर ही उचित क्षमता के सोलर सिस्टम को स्थापित किया जा सकता है। जिससे आप अपने घर में प्रयोग किए जाने वाले सभी विद्युत उपकरणों को आसानी से चला सकते हैं।

घर में बिजली का लोड देखें

घर में निम्न प्रकार से बिजली के लोड की जानकारी को पता किया जा सकता है:-

  • बिजली के मीटर से लोड– घरों में डिस्कॉम द्वारा बिजली का मीटर स्थापित किया जाता है, इस मीटर से घर में चलने वाली बिजली के लोड की जानकारी देखी जा सकती है, मीटर में बिजली को यूनिट या kW/h के रूप में देख सकते हैं। मासिक लोड के आधार पर आप प्रतिदिन की बिजली की गणना भी कर सकते हैं। यदि महीने महीने में बिजली की यूनिट 180 यूनिट है तो इस से यह समझ सकते हैं कि एक दिन में 6 यूनिट तक बिजली का प्रयोग किया जाता है।
  • बिजली के मीटर से लोड– यदि आप बिजली के बिल के द्वारा घर के लोड की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो बिल में आपको अपने द्वारा प्रयोग की गई बिजली की यूनिट दिखती है। बिजली का बिल मुख्यतः मासिक, तीन महीने में, अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक रूप से प्राप्त होता है। बिजली के बिल से हर दिन प्रयोग की जाने वाली बिजली की औसतन जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यदि मासिक बिल में प्रयोग की गई कुल बिजली 150 यूनिट हो, तो ऐसे में 5 यूनिट बिजली का प्रयोग प्रतिदिन किया जाता है।

आपके घर के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल सिस्टम लगेगा?

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सोलर पैनल मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल। सबसे अधिक घरों में पॉलीक्रिस्टलाइन प्रकार के सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। सोलर पैनल की अपनी एक दक्षता होती है, जिसके अनुसार वे बिजली का उत्पादन करते हैं। सोलर पैनल को सही दिशा एवं सही कोण के साथ में स्थापित करना चाहिए, जिससे वे सही से कार्य कर सकते हैं। मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के सोलर पैनल आधुनिक तकनीक के सोलर पैनल होते हैं, ये उच्च दक्षता के साथ में उपलब्ध रहते हैं।

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1 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल प्रतिदिन उचित धूप प्राप्त होने पर लगभग 5 यूनिट तक बिजली का निर्माण करते हैं। इसके अनुसार आप सोलर पैनल का चयन अपने घर में बिजली के लोड के आधार पर सही से कर सकते हैं, यदि आपके घर में बिजली का प्रतिदिन लोड 23 से 26 यूनिट तक रहता है, तो ऐसे में आप 5 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल को लगा सकते हैं। सोलर पैनल लगाने से पहले उसकी क्षमता, दक्षता एवं निर्माता ब्रांड की पूरी जानकारी होनी चाहिए। आज के समय में 25 सालों से अधिक समय तक वारंटी प्रदान करने वाले सोलर पैनल बाजार में उपलब्ध हैं।

सोलर सिस्टम के प्रकार

मुख्यतः सोलर सिस्टम को निम्न तीन प्रकार से स्थापित किया जाता है:-

  • ऑफग्रिड सोलर सिस्टम– इस प्रकार के सोलर सिस्टम को अधिक बिजली कटौती वाले या जहां ग्रिड बिजली नहीं है ऐसे स्थानों के लिए उपयुक्त कहा जाता है। इस सोलर सिस्टम में सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को बैटरी में स्टोर किया जा सकता है।
  • ऑनग्रिड सोलर सिस्टम– ऑनग्रिड सोलर सिस्टम को कम बिजली कटौती वाले स्थानों में स्थापित किया जा सकता है, ऐसे सोलर सिस्टम सिस्टम में सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ साझा किया जा सकता है, सोलर सिस्टम में साझा होने वाली बिजली की गणना करने के लिए नेट-मीटर का प्रयोग किया जाता है। ऐसे सिस्टम से बिजली का बिल कम किया जा सकता है।
  • हाइब्रिड सोलर सिस्टम– यह एक आधुनिक सोल सिस्टम होता है, इसमें सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को बैटरी में भी स्टोर किया जा सकता है एवं ग्रिड के साथ भी शेयर किया जा सकता है। ऐसे सोलर सिस्टम की कीमत अधिक होती है।

इस प्रकार आप अपने घर में सोलर सिस्टम को आवश्यकता के अनुसार स्थापित कर सकते हैं। सोलर सिस्टम में किए जाने वाले निवेश को बुद्धिमानी का निवेश कहा जाता है, क्योंकि एक बार सही से सोलर सिस्टम को स्थापित करने के बाद 25 से अधिक सालों तक बिजली का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सोलर सिस्टम के अधिक से अधिक प्रयोग से ही हरित भविष्य की ओर बढ़ा जा सकता है। क्योंकि सोलर सिस्टम के प्रयोग से कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रख कर बिजली की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।

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