Inverter Vs Solar Inverter Vs Lithium Inverter में क्या अंतर होता है? जाने

Published By SOLAR DUKAN

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इन्वर्टर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो दिष्ट धारा (DC) को प्रत्यावर्ती धारा (AC) में परिवर्तित करता है। इसे दूसरे शब्दों में कहें तो इन्वर्टर इनपुट में DC को प्राप्त कर आउटपुट में AC को प्रदान करता है। किसी भी प्रकार के इन्वर्टर का मुख्य कार्य धारा के रूप को प्रत्यावर्ती करना ही है।

Inverter Vs Solar Inverter Vs Lithium Inverter में अंतर होता है इसकी जानकारी आप प्राप्त कर अपने उपयोग के अनुसार इन्वर्टर का चयन कर सकते हैं। सभी प्रकार के इन्वर्टर की कार्यविधि एवं अन्य विशेषताएं क्या हैं यह सब इस आर्टिकल के माध्यम से जान सकते हैं।

इन्वर्टर, सोलर इन्वर्टर, लिथियम इन्वर्टर में क्या अंतर होता है?
इन्वर्टर, सोलर इन्वर्टर, लिथियम इन्वर्टर में अंतर

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इन्वर्टर की कार्यविधि

दिष्ट धारा को प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तित करना ही इन्वर्टर का मुख्य कार्य होता है। Inverter Vs Solar Inverter Vs Lithium Inverter में अंतर जानने के लिए इन्वर्टर के प्रकार के अनुसार इन्वर्टर की कार्यविधि (Working of Inverter) इस प्रकार है:

सामान्य इन्वर्टर की कार्यविधि

कोई भी सामान्य इन्वर्टर घर में प्रयोग की जाने वाली ग्रिड की मुख्य लाइन से प्राप्त बिजली के द्वारा आपूर्ति के लिए बैटरियों को चार्ज करता है एवं जब ग्रिड की बिजली बंद हो जाती है तो यह बैटरी में संग्रहित की हुई DC को AC में परिवर्तित कर अन्य विद्युत उपकरणों को प्रदान करता है। इन्वर्टर में मुख्यतः इनपुट सर्किट, परिवर्तक सर्किट, आउटपुट सर्किट, सहायक सर्किट, कण्ट्रोल सर्किट एवं प्रोटेक्ट सर्किट होता है।
सामान्य इन्वर्टर की कार्यविधि

किसी भी सामान्य इन्वर्टर को बैटरियों से कनेक्ट किया जाता है। उन बैटरियों को चार्ज करने के लिए ग्रिड की बिजली का प्रयोग किया जाता है। सामान्य इन्वर्टर को सोलर इन्वर्टर में परिवर्तित किया जा सकता है। जिसके लिए इन्वर्टर सिस्टम को सोलर चार्ज कंट्रोलर से जोड़ा जाता है। जिसका प्रयोग सिर्फ बैटरी चार्ज करने के लिए ही किया जा सकता है।

सोलर इन्वर्टर की कार्यविधि

सोलर सिस्टम में जब सोलर पैनल द्वारा फोटोवोल्विक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तो चार्ज कंट्रोलर के माध्यम से उस विद्युत ऊर्जा को बैटरी में DC रूप में संगृहीत किया जाता है। बैटरी को फिर सोलर इन्वर्टर (Solar Inverter/PV inverter) से जोड़ा जाता है। जो DC को AC में बदलने का कार्य करती है। सोलर इन्वर्टर की कार्यविधि

अब यही सिस्टम ऑन-ग्रिड हो तो बिजली को ग्रिड के साथ साँझा क्या जायेगा। नहीं तो बैटरी की DC को ही AC में परिवर्तित कर उपकरणों को संचालित किया जायेगा। सामान्यतः सोलर इन्वर्टर बैटरी की दिष्ट धारा को 120volt या 240volt की प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तित करता है।

Lithium Inverter की कार्यविधि

लिथियम इन्वर्टर भी सामान्य इन्वर्टर के सामान ही होता है। जिस प्रकार सामान्य इन्वर्टर में लेड एसिड बैटरी लगी होती है उसी प्रकार इसमें लिथियम बैटरी प्रयुक्त की जाती है। यह आधुनिक तकनीक से बनाया गया इन्वर्टर है। यह सामान्य इन्वर्टर की तुलना में हल्के होते हैं।
Lithium Inverter की कार्यविधि

Lithium Inverter द्वारा भी बैटरी में संगृहीत की गयी DC को AC में परिवर्तित किया जाता है। वर्तमान में कुछ लिथियम इन्वर्टर सोलर पैनलों से भी जोड़े जा सकते हैं। इनमें लिथियम सोलर इन्वर्टर भी मुख्य रूप से प्रचलन में हैं।

Inverter Vs Solar Inverter Vs Lithium Inverter में अंतर

Inverter Vs Solar Inverter Vs Lithium Inverter में अंतर को कीमत, अनुकूलन, वजन, बैटरी बैकअप, रखरखाव के आधार पर देखा जा सकता है। इन इन्वर्टर में होने वाले मुख्य अंतर् इस प्रकार हैं:

इन्वर्टर की कीमत

इन्वर्टरों की कीमत (Inverter Price) के आधार पर इनमें अंतर ब्रांड का भी होता है। यहां इन्वेर्टरों की कीमत का एक औसतन दिया गया है जो समय के साथ घट-बढ़ सकता है:

  • सामान्य इन्वर्टर में क्षमता के आधार पर सबसे कम क्षमता के इन्वर्टर की कीमत 4000 रूपये से शुरू हो जाती है। अच्छे ब्रांड के इन्वर्टर भी 8000 रूपये से मिलना शुरू हो जाते हैं। जिनका प्रयोग बाद में सोलर इन्वर्टर बनाने में भी किया जा सकता है।
  • सोलर इन्वर्टर की कीमत (Solar Panel Price) पैनल की क्षमता के अनुसार निर्धारित की जाती हैं। इनकी कीमत 10 हजार रूपये से शुरू हो जाती है। कम्पनी के आधार पर इनकी कीमत में अंतर उत्पन्न होता है।
  • लिथियम इन्वर्टर अन्य दोनों इन्वर्टर से महंगा होता है। क्योंकि लिथियम इन्वर्टर में लिथियम बैटरी पहले से ही लगी होती है। अन्य इन्वर्टर में बैटरी अलग से खरीदनी होती है। लिथियम इन्वर्टर की कीमत 30 हजार रूपये से अधिक होती है।

इन्वर्टर में अनुकूलन

  • सामान्य इन्वर्टर को सोलर इन्वर्टर में बदलने के लिए उस पर सोलर चार्ज कंट्रोलर लगा कर उसे बैटरी एवं सोलर पैनल से जोड़ सकते हैं।
  • सोलर इन्वर्टर को लिथियम बैटरी से जोड़ कर लिथियम इन्वर्टर में परिवर्तित किया जा सकता है। ऐसा कुछ-कुछ ब्रांडों के इन्वर्टर के साथ ही किया जा सकता है। जबकि Nexus कंपनी द्वारा बनाई गयी एक लिथियम बैटरी को किसी भी इन्वर्टर के साथ जोड़ का लिथियम इन्वर्टर में बदला जा सकता है।

इन्वर्टर का वजन एवं आकार

  • सामान्य एवं सोलर इन्वर्टर के इंस्टालेशन में अधिक स्थान चाहिए होता है क्योंकि इनमें अलग से बैटरी जोड़नी होती है जिस कारण इनका वजन भी होता है। इन्हें बैटरी सहित अपने साथ ले जाना थोड़ा कठिन है।
  • लिथियम इन्वर्टर का प्रयोग करने पर यह कम स्थान में लग जाता है। इसका वजन अन्य दो की तुलना में कम होता है। इसे अपने साथ आसानी से ले जाया जा सकता है।

इन्वर्टर का रखरखाव

  • लिथियम इन्वर्टर को वैसे तो मेंटिनेंस की आवश्यकता नहीं पड़ती है लेकिन एक बार खराब हो जाने पर इसे बदलना पद सकता है।
  • अगर किसी सामान्य या सोलर इन्वर्टर में कोई खराबी हो जाती है तो बैटरी या इन्वर्टर को अन्य के साथ कनेक्ट किया जा सकता हैं। इनकी मेंटिनेंस समय-समय पर करनी होती है।

इन्वर्टर का बैटरी बैकअप

  • सामान्य या सोलर इन्वर्टर में अलग से बैटरी कनेक्ट करनी होती है, बैटरी की क्षमता एवं बैटरी के प्रकार से ही बैकअप का पता लगाया जा सकता है। यदि लेड एसिड बैटरी हो तो उसकी दक्षता ६०% तक होती है। 150Ah की बैटरी 2 यूनिट तक का बैकअप प्रदान करती है।
  • लिथियम बैटरी इन्वर्टर (Lithium Battery Inverter) में लगी बैटरी की दक्षता 95% तक होती है। यह कुशल बैकअप प्रदान करती है यदि इसे 2000 वाट चार्ज किया जाये तो यह 1800 वाट से 1900 वाट तक प्रदान करती है।

घर के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वर्टर

घर के लिए इन्वर्टर खरीदने के लिए बिजली के लोड, आपकी आवश्यकताएं एवं वजट पर यह निर्धारित करता है कि आपको किस प्रकार के इन्वर्टर का प्रयोग करना चाहिए। Inverter Vs Solar Inverter Vs Lithium Inverter में अंतर को समझने के बाद लिथियम इन्वर्टर आधुनिक तकनीक से बना हुआ इन्वर्टर है। जिसका भविष्य में बहुतायत में प्रयोग किया जायेगा। यह अन्य दो इन्वर्टर से महंगा है पर यह कार्य उन से बेहतर करता है साथ ही इसे यदि सोलर इन्वर्टर के साथ जोड़ा जाये तो यह उत्कृष्ट होगा। यदि आप कम क्षमता का इन्वर्टर प्रयोग करना चाहते हैं तो आप सामान्य इन्वर्टर खरीद सकते हैं। ल्यूमिनस के सोलर इन्वर्टर की जानकारी के लिए क्लिक करें।

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Inverter Vs Solar Inverter Vs Lithium Inverter में अंतर से सम्बंधित प्रश्न एवं उत्तर

Inverter क्या कार्य करता है?

Inverter बैटरी से प्राप्त होने वाली दिष्ट धारा DC को प्रत्यावर्ती धारा AC में परिवर्तित करने का कार्य करता है।

लिथियम बैटरी एवं लेड एसिड बैटरी की दक्षता क्या है?

लिथियम बैटरी की दक्षता लगभग 95% है, एवं लेड एसिड बैटरी की दक्षता 60% तक है।

प्रत्यावर्ती धारा AC को दिष्ट धारा DC में परिवर्तित करने वाले उपकरण को क्या कहते हैं?

प्रत्यावर्ती धारा AC को दिष्ट धारा DC में परिवर्तित करने वाले उपकरण को दिष्टकारी/ऋजुकारी (Rectifier) कहते हैं।

सोलर इन्वर्टर बनाने के लिए सामान्य इन्वर्टर को किस से जोड़ा जाता है?

सोलर इन्वर्टर बनाने के लिए सामान्य इन्वर्टर को सोलर चार्ज कंट्रोलर से जोड़ा जाता है।

इन्वर्टर स्थापित करने पर क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

इन्वर्टर स्थापित करने पर उसे धूप में नहीं रखना चाहिए, उसे बारिश से या पानी से दूर रखना चाहिए। कार्य करने के दौरान इन्वर्टर गर्म हो जाते हैं उन्हें ऐसी जगह पर स्थापित करना चाहिए जहाँ से कोई नुकसान ना हो।

निष्कर्ष

Inverter Vs Solar Inverter Vs Lithium Inverter में अंतरर इस आर्टिकल के द्वारा जान सकते हैं। घर के लिए किस प्रकार का इन्वर्टर अच्छा रहेगा, इसके लिए आप इन्वर्टर की जानकारी रखने वाले व्यक्ति से भी सलाह प्राप्त कर सकते हैं।

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