तूफान में उड़ जाए छत पर लगी सोलर प्लेट तो क्या मुआवजा मिलेगा?

कुछ वर्ष पूर्व में ऐसे ही मामले में गुजरात राज्य उपभोक्ता आयोग द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसके द्वारा जिला कंज्यूमर फॉर्म के उस आदेश को बदल दिया गया है।

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नवीकरणीय ऊर्जा के उपकरणों का प्रयोग कर के उपयोगकर्ता के साथ पर्यावरण को भी लाभ प्राप्त होता है। सौर ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। यदि तूफान में उड़ जाए छत पर लगी सोलर प्लेट तो क्या मुआवजा मिलेगा? इसकी जानकारी आप इस लेख के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।

तूफान में उड़ जाए छत पर लगी सोलर प्लेट तो क्या मुआवजा मिलेगा?

कुछ समय पहले गुजरात में बिपरजॉय तूफान की वजह से घरों, इमारतों आदि को बहुत नुकसान हुआ था, ऐसे में कई घर जिन पर सोलर पैनल लगे हुए थे उन्हें भी नुकसान हुआ। कुछ वर्ष पूर्व में ऐसे ही मामले में गुजरात राज्य उपभोक्ता आयोग द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसके द्वारा जिला कंज्यूमर फॉर्म के उस आदेश को बदल दिया गया है। जिसमें सोलर विनिर्माता ब्रैड को 1 लाख 55 हजार रुपये का जुर्माना देने के लिए कहा गया था।

तूफान में उड़ जाए छत पर लगी सोलर प्लेट तो क्या मुआवजा मिलेगा?
तूफान में उड़ जाए छत पर लगी सोलर प्लेट तो क्या मुआवजा मिलेगा?

गुजरात की वास्तविक घटना

वर्ष 2020 में भावनगर (गुजरात) निवासी जयेन्द्र सिंह जडेजा के घर पर लगे 3.10 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल तूफान की वजह से उड़ गए। सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने के बाद भी उन्हें इस सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए सोलर प्राइवेट कंपनी को 85 हजार रुपये देने पड़े थे। ऐसे में उन्हें 5 साल की वारंटी भी प्रदान की गई थी। कंपनों द्वारा तूफान के बाद सोलर सिस्टम की मरम्मत के समय 3 सोलर पैनल और खराब हो गए जिन्हें सही करने से कंपनी द्वारा मना किया गया।

भावनगर जिला उपभोक्ता आयोग में केस

कंपनी द्वारा सोलर पैनल को सही करने से मना करने पर जयेन्द्र सिंह जडेजा द्वारा जिला कंज्यूमर फॉर्म में शिकायत दर्ज की गई। जिसमें उनके द्वारा यह कहा गया कि सोलर स्थापित करने वाली कंपनी द्वारा खराब गुणवत्ता के सोलर उपकरण उन्हें दिए गए और उनकी स्थापना भी सही से नहीं की गई। अतः इसके लिए उन्होंने कंपनी से मुआवजे की मांग की।

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जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यह फैसला दिया गया कि कंपनी को उपभोक्ता के नुकसान के लिए 1 लाख रुपए का मुआवजा देना होगा और साथ ही मानसिक उत्पीड़न के लिए 50 हजार रुपये और कानूनी खर्चे के लिए हुए 5 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कंपनी को कहा गया।

राज्य उपभोक्ता आयोग में केस

भावनगर जिला उपभोक्ता आयोग के फैसले को कंपनी ने गुजरात राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी। जिसके बाद स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशन द्वारा फैसले को पलट दिया गया। जिसका कारण मामले में सबूत की कमी को बताया गया। और यह बताया गया की किसी भी कंपनी द्वारा उत्पाद वारंटी में प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान को कवर नहीं किया जाता है। कंपनी द्वारा दी गई वारंटी उपकरण के निर्माण एवं स्थापना में आने वाली खराबी को कवर करने के लिए दी जाती है।

निष्कर्ष

उपरोक्त मामले के द्वारा आप यह समझ सकते हैं कि यदि किसी प्राकृतिक आपदा (तूफान, बाढ़ आदि) के कारण किसी प्रकार से आपके सोलर पैनल को नुकसान होता है। तो ऐसे में आप कंपनी द्वारा दी जाने वाली वारंटी की गाइडलाइन की जकरी रखें। एवं तत्काल रूप से कार्यवाही करें।

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