1.5 किलोवाट सोलर पैनल की कीमत क्या है और कितनी सब्सिडी मिलती है? जानें

इस सोलर पैनल के द्वारा मासिक रूप से 200 यूनिट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। जिस से आप इतनी बिजली का प्रयोग कर बिजली के बिल को कम कर सकते हैं।

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1.5 किलोवाट सोलर पैनल की कीमत क्या है और कितनी सब्सिडी मिलती है? जानें
1.5 किलोवाट सोलर पैनल की कीमत

आज के समय में जहां अधिकांश कार्य बिजली पर निर्भर हो गए हैं। ऐसे में नागरिकों को भारी बिजली का बिल भी प्राप्त होता है। बिजली के बिल को कम करने के लिए आप नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है। सोलर पैनल के माध्यम से सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को बिजली में बदला जाता है। 1.5 किलोवाट सोलर पैनल (1.5 Kw Solar Panel) से जुड़ी हुई जानकारी इस लेख से आप प्राप्त कर सकते हैं।

आज के समय में आधुनिक तकनीक के सोलर पैनल बाजार में उपलब्ध हैं। आधुनिक तकनीक के सोलर पैनल को एक बार सही से स्थापित करने के बाद आने वाले 25-30 सालों तक प्रयोग किया जा सकता है। एवं जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को इनके द्वारा खत्म किया जा सकता है। इस सोलर पैनल का प्रयोग कर पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपनी भागीदारी की जा सकती है। क्योंकि सोलर पैनल द्वारा बिना किसी प्रदूषण को उत्पन्न कर बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।

1.5 किलोवाट सोलर पैनल

यदि आपके घर में प्रतिदिन बिजली का लोड 7-8 यूनिट तक रहता है, तो ऐसे में आप 1.5 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल को स्थापित कर सकते हैं। इस सोलर पैनल से बनने वाली बिजली के द्वारा आप घर के अधिकांश उपकरणों को संचालित कर सकते हैं। यदि आपके पास 1 HP का सबमर्सिबल पंप है तो आप उसे भी चला सकते हैं। इस सोलर पैनल को स्थापित करने में आप 160 वाट या 250 वाट या 415 वाट के सोलर पैनल का प्रयोग कर सकते हैं।

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इस सोलर पैनल के द्वारा मासिक रूप से 200 यूनिट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। जिस से आप इतनी बिजली का प्रयोग कर बिजली के बिल को कम कर सकते हैं। सोलर पैनल में आप पॉलीक्रिस्टलाइन प्रकार का प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि यह सोलर पैनल एडवांस होने के साथ ही सस्ता भी है। यदि आपका बजट अधिक है तो आप मोनोक्रिस्टलाइन या बाइफेशियल सोलर पैनल का प्रयोग भी अपने सोलर सिस्टम में कर सकते हैं।

1.5 किलोवाट सोलर सिस्टम में सोलर इंवर्टर

सोलर सिस्टम में सोलर पैनल के द्वारा दिष्ट धारा (DC) का निर्माण किया जाता है, घरों में प्रयोग होने वाले अधिकांश उपकरण AC (प्रत्यावर्ती धारा) के माध्यम से संचालित होते हैं। सोलर पैनल से प्राप्त DC को AC में बदलने के लिए इंवर्टर का प्रयोग किया जाता है। 1.5 किलोवाट के सोलर सिस्टम में 1800 VA तक लोड संचालित करने वाले इंवर्टर को लगाया जा सकता है। जिस से यदि आप भविष्य में अपने सोलर सिस्टम की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो बढ़ा सकते हैं। आप PWM या MPPT तकनीक के सोलर इंवर्टर का प्रयोग कर सकते हैं।

सोलर सिस्टम में पावर बैकअप

किसी भी सोलर सिस्टम में पावर बैकअप के लिए सोलर बैटरी का प्रयोग किया जाता है। जिसका प्रयोग नागरिक अपनी आवश्यकता के अनुसार कर सकते हैं। सोलर सिस्टम दिन के समय बिजली का उत्पादन करते हैं, जिसमें बनने वाली बिजली को बैटरी में संग्रहीत किया जा सकता है। 1.5 किलोवाट क्षमता के सोलर सिस्टम में आप अपनी आवश्यकता के अनुसार 100 Ah, 150 Ah या 200 Ah की सोलर बैटरी को स्थापित कर सकते हैं।

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1.5 किलोवाट सोलर सिस्टम की कीमत एवं वारंटी

किसी भी सोलर सिस्टम में प्रयोग होने वाले उपकरणों की कीमत के आधार पर उसकी कुल कीमत की गणना की जा सकती है। इस लेख में हम आपको सोलर सिस्टम की औसतन कीमत की जानकारी प्रदान करेंगे। यह कीमत उपभोक्ता के स्थान के आधार एवं सोलर उपकरण के ब्रांड के आधार पर अलग-अलग हो सकती है:

  • 1.5 किलोवाट सोलर पैनल की कीमत- 60,000 रुपये
  • सोलर इंवर्टर की कीमत- 30,000 रुपये
  • 150 Ah की दो सोलर बैटरी की कीमत- 30,000 रुपये
  • अन्य खर्च- 5,000 रुपये
  • कुल खर्चा- 1,25,000 रुपये

नोट: इस कुल खर्च में सोलर उपकरणों की शिपिंग एवं स्थापना खर्च को नहीं जोड़ा गया है।

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उपर्युक्त सोलर सिस्टम में प्रयोग होने वाले सोलर पैनल पर 25 वर्ष की कार्य प्रदर्शन वारंटी निर्माता ब्रांड द्वारा दी जाती है। इस वारंटी के लिए आवश्यक है कि सोलर पैनल का सामान्य रखरखाव किया जाए, जिस से वे टूटने नहीं चाहिए। टूटने पर किसी प्रकार की वारंटी नहीं दी जाती है। इंवर्टर पर 5 साल तक की वारंटी प्रदान की जाती है। सोलर बैटरियों पर 2 से 5 साल तक की वारंटी उपभोक्ता को दी जाती है। सोलर सिस्टम को एक बार सही से स्थापित करने पर बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है।

सब्सिडी कितनी मिलती है?

केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अपने-अपने स्तर से नागरिकों को सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान कर प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसे में आपको 1.5 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल पर कुल 70% तक सब्सिडी प्राप्त हो सकती है। जिस से आप सिर्फ 30% राशि का ही भुगतान करना होता है। सोलर सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सोलर सिस्टम के निवेश को कम किया जा सकता है। ऐसे में अधिक से अधिक नागरिक अपने घर की छतों या अन्य प्रतिष्ठानों में सोलर पैनल को लगा सकते हैं।

निष्कर्ष

इस प्रकार आप उपरोक्त लेख के माध्यम से 1.5 किलोवाट सोलर पैनल से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एवं एक कुशल सोलर सिस्टम अपने लिए स्थापित कर सकते हैं। सोलर सिस्टम द्वारा जहां आप एक ओर बिजली बिल की बचत करते हैं और ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगा कर आर्थिक लाभ प्राप्त करते हैं, वहीं दूसरी ओर आप सोलर सिस्टम के द्वारा पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सहायता प्रदान करते हैं। एवं हरित भविष्य की ओर अग्रसर होते हैं।

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