फार्मिंग के लिए क्यों जरूरी सोलर सिस्टम? जानें

फ़ार्मिंग को आधुनिक रूप से करने के लिए सोलर सिस्टम के द्वारा विकसित किया जा सकता है। सोलर सिस्टम फ़ार्मिंग में अनेक प्रकार से प्रयोग किया जाता है।

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फार्मिंग के लिए क्यों जरूरी सोलर सिस्टम? जानें
फार्मिंग के लिए क्यों जरूरी सोलर सिस्टम?

आज के समय में हर क्षेत्र चाहे वह आवासीय हो, औद्योगिक क्षेत्र, शोध संधान या कृषि क्षेत्र हो, सभी क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग तेजी से बढ़ रहता है। इस प्रकार की ऊर्जा के माध्यम से हर क्षेत्र को विकसित एवं आधुनिक किया जा रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा में सौर ऊर्जा की लोकप्रियता देखी जा सकती है, सौर ऊर्जा से बिजली प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है, सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल बिजली का उत्पादन करते हैं। कृषि में सिंचाई करने के लिए सोलर पंप का प्रयोग किया जाता है। फार्मिंग के लिए क्यों जरूरी सोलर सिस्टम? यहाँ जानें।

फार्मिंग के लिए क्यों जरूरी सोलर सिस्टम?

कृषि कार्यों में बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर सिस्टम को स्थापित किया जा सकता है, जिससे ग्रिड बिजली की निर्भरता को कम कर के बिजली के भारी बिल से राहत प्राप्त की जा सकती है। कृषि में सोलर सिस्टम से जुड़े कई उपकरणों को संचालित किया जाता है, इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कृषि अनुप्रयोग इस प्रकार रहते हैं:-

  • सोलर पंप– कृषि में सिंचाई करने के लिए सोलर पंप को स्थापित किया जाता है, सोलर पंप के माध्यम से नहरों, नदियों से पानी को आसानी से खींचा जा सकता है, यह उपकरण ऐसे स्थानों के लिए उपयुक्त कहा जाता है, जहां पानी की मात्रा बहुत कम होती है। सोलर पंप लगाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी योजना के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है।
  • सोलर स्प्रेयर– कृषि में कीटनाशकों का प्रयोग भी किया जाता है, सोलर स्प्रेयर के द्वारा किसान कृषि की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते हैं, ज्यादातर कीटनाशकों का छिड़काव दिन के समय में किया जाता है, सोलर स्प्रेयर सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित होता है, इसमें किसी प्रकार से बैटरी का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
  • सोलर क्रॉप ड्रायर– इस उपकरण के प्रयोग से कृषि में उगाए जाने वाले अनाज को सुखाया जाता है। सोलर क्रॉप ड्रायर के प्रयोग से बिना किसी अतिरिक्त खर्चे के आसानी से अनाज को सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • सोलर ट्रैक्टर– आज के समय में अनेक वाहनों को सौर ऊर्जा से माध्यम से चलाया जा सकता है, इसमें वाहनों में लगी बैटरी को सौर ऊर्जा से बनने वाली बिजली के माध्यम से चार्ज किया जाता है। ट्रैक्टर के द्वारा कृषि क्षेत्र में हल लगाने के साथ ही अनेक कार्यों को किया जाता है। सोलर ट्रैक्टर का प्रयोग करने से जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को खत्म किया जा सकता है, एवं आर्थिक बचत की जा सकती है।

कृषि में सोलर सिस्टम के लाभ

भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ की अधिकतम आबादी कृषि पर ही आश्रित रहती है, सूर्य द्वारा औसतन 300 दिन अच्छी धूप हमारे देश में प्राप्त होती है, फार्मिंग के लिए क्यों जरूरी सोलर सिस्टम, यह आसानी से समझा जा सकता है। कृषि के क्षेत्र में सोलर सिस्टम से इस प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं:-

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  • कृषि क्षेत्र को सोलर सिस्टम के माध्यम से विकसित किया जा सकता है, जिसके द्वारा अनेक उपकरणों को आसानी से चलाया जा सकता है। सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर के सोलर सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  • सोलर सिस्टम से बनने वाली बिजली मुफ़्त में बनाई जा सकती है, जबकि जीवाश्म ईंधन या ग्रिड बिजली से चलने वाले उपकरण आर्थिक लोड भी किसानों पर डालते हैं। सोलर सिस्टम के द्वारा लंबे समय तक बिजली का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
  • कृषि के साथ ही अन्य प्रकार की फ़ार्मिंग में भी सोलर सिस्टम का प्रयोग किया जाता है, जैसे फिश फ़ार्मिंग।
  • सोलर उपकरणों से कृषि के साथ ही पर्यावरण को भी स्वच्छ एवं सुरक्षित रखा जा सकता है, क्योंकि सोलर सिस्टम में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण पर्यावरण के अनुकूल ही कार्य करते हैं, जबकि जीवाश्म ईंधन वाले उपकरण विषैली गैसों को उत्सर्जित कर के पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाते हैं।
  • सोलर सिस्टम को अपने कृषि क्षेत्र में स्थापित कर के किसान उस से बनने वाली बिजली को बेच कर आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिए किसानों को ऑनग्रिड सोलर सिस्टम स्थापित करना होता है, जिसमें सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को डिस्कॉम के साथ शेयर किया जा सकता है, जिसमें शेयर बिजली की गणना करने के लिए नेट मिटरिंग की जाती है।

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सोलर सिस्टम के प्रयोग से कृषि में आधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया जा सकता है, सोलर सिस्टम में प्राथमिक निवेश अधिक होता है, इसे कम करने के लिए ही सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। सोलर सिस्टम पर किए जाने वाले निवेश को समझदारी का निवेश कहा जाता है, क्योंकि एक बार इन्हें स्थापित करने के बाद फ्री में लंबे समय तक बिजली की जरूरतों को आसानी से पूरा किया जा सकता है। सोलर सिस्टम का रखरखाव करने से ही लंबे समय तक इनका प्रयोग कर सकते हैं। सोलर सिस्टम को कृषि क्षेत्र में गेमचेंगर भी कहा जाता है।

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