घर पर सोलर पैनल लगाने पर मिलेगी और भी ज्यादा सब्सिडी

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नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग करने से उपयोगकर्ता को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग करने के लिए विशेष उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। सूर्य ऊर्जा का प्रचुर भंडार है, जिसके द्वारा प्राप्त ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। घर पर सोलर पैनल लगाने से अनेक लाभ होते हैं। सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है।

सोलर पैनल के अंदर सोलर सेल लगे होते हैं, जिन्हें PV सेल (फोटोवोल्टिक सेल) भी कहा जाता है। सोलर सिस्टम में प्राथमिक निवेश अधिक होने के कारण कई नागरिक इसका प्रयोग नहीं करते हैं तो ऐसे में घर पर सोलर पैनल लगाने पर मिलेगी और भी ज्यादा सब्सिडी की जानकारी देखें।

घर पर सोलर पैनल लगाने पर मिलेगी और भी ज्यादा सब्सिडी
घर पर सोलर पैनल

सोलर सिस्टम को स्थापित कर नागरिक इलेक्ट्रिक ग्रिड बिजली के बिल को कम कर सकता है। एक पूरे सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर, सोलर चार्ज कन्ट्रोलर एवं सोलर बैटरी का प्रयोग किया जाता है। सोलर सिस्टम को ऑफ-ग्रिड एवं ऑनग्रिड स्थापित किया जा सकता है। सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय MNRE भारत सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है। ऐसा करने से आप कम कीमत में अपने सोलर सिस्टम को स्थापित कर सकते हैं। जिसकी पूरी जानकारी आप इस लेख से प्राप्त कर सकते हैं।

घर पर सोलर पैनल लगाने पर कितनी सब्सिडी मिलेगी

भारत सरकार के MNRE मंत्रालय द्वारा घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सोलर रुफटॉप योजना के माध्यम से सब्सिडी प्रदान की जाती है, वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत केन्द्रीय वित्तीय सहायता (CFA) बढ़ा दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को निम्न प्रकार से सब्सिडी प्रदान की जाती है:-

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  • 1 किलोवाट से 3 किलोवाट तक: 3 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम को स्थापित करने वाले नागरिकों को सोलर रुफटॉप योजना के अंतर्गत CFA को बढ़ा दिया गया है, वर्तमान में यह 18,000 रुपये प्रति किलोवाट प्रदान किया जाता है। इस से पहले यह 14,588 रुपये प्रदान किया जाता था। इस राशि में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है, जिसका लाभ उपभोक्ता योजना का आवेदन करने पर प्राप्त कर सकता है। एवं प्राथमिक आवेदन में छूट प्राप्त कर सकता है।
  • 3 किलोवाट से 10 किलोवाट तक: 3 से 10 किलोवाट क्षमता के सोलर सिस्टम को भी घर की छत पर लगाने के लिए नागरिकों को सब्सिडी प्रदान की जाती है, वर्तमान में योजना के अंतर्गत 9,000 रुपये प्रति किलोवाट सब्सिडी प्रदान की जाती है, पहले यह राशि 7,394 रुपये प्रति किलोवाट थी। इस राशि में वृद्धि होने से नागरिक को सोलर सिस्टम को स्थापित करने में आसानी होती है।
  • योजना से संबंधित किसी विशेष स्थिति में 1 किलोवाट से 3 किलोवाट क्षमता वाले सोलर सिस्टम में CFA 20,000 रुपये प्रति किलोवाट प्रदान किया जा सकता है। एवं विशेष स्थिति में ही 3 किलोवाट से 10 किलोवाट तक क्षमता के सोलर सिस्टम पर सब्सिडी की राशि 10,000 रुपये प्रति किलोवाट हो सकती है।

रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को सोलर सब्सिडी

MNRE भारत सरकार द्वारा सोलर सिस्टम को आवासों के अतिरिक्त रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में भी सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान करता है। इस योजना में प्रति घर 10 किलोवाट से 500 किलोवाट तक की सामान्य सुविधाओं के लिए मंत्रालय द्वारा राज्यों में 9,000 रुपये प्रति किलोवाट रुपये सब्सिडी प्रदान की जाएगी, एवं विशेष राज्यों में यह सब्सिडी 10,000 रुपये प्रति किलोवाट सब्सिडी प्रदान की जाती है। इन विशेष राज्यों में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।

योजना से संबंधित जरूरी जानकारी

MNRE भारत सरकार द्वारा नई दरों को भविष्य की सभी बीड्स एवं उन सभी बीड्स पर लागू किया जाएगा जिन्हें नोटिस प्राप्त होने से 15 दिन बाद बंद किया जाना है, इस जानकारी में बताया गया कि नई CFA दरें सोलर रुफटॉप के आधिकारिक पोर्टल में जमा किए गए सभी claims पर लागू की जाएगी। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आप रुफटॉप सोलर योजना पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं।

यहाँ क्लिक करें: सोलर रुफटॉप योजना का आवेदन करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

निष्कर्ष

किसी भी क्षमता के सोलर सिस्टम में किया जाने वाला प्राथमिक निवेश अधिक होता है, जिस कारण बहुत से नागरिक अपने प्रतिष्ठानों पर सोलर सिस्टम को स्थापित नहीं करते हैं। सोलर सिस्टम की स्थापना करने से एवं उसके अधिक से अधिक प्रयोग करने से नागरिक की जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को कम किया जा सकता है। ऐसा करने से पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकता है। क्योंकि सोलर सिस्टम पर्यावरण के अनुकूल कार्य कर बिजली का निर्माण करते हैं। ऐसा करने से हरित भविष्य की कल्पना की जा सकती है। एवं इलेक्ट्रिक ग्रिड बिजली के बिल को कम कर लंबे समय तक सोलर पैनल से निर्मित बिजली का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

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