Smarten 3 किलोवाट सोलर सिस्टम लगवाने का खर्चा

Published By SOLAR DUKAN

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Smarten 3 किलोवाट सोलर सिस्टम की जानकारी से पूर्व यह जाने, सूर्य से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा का प्रयोग कर बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसके लिए घरों या औद्योगिक क्षेत्रों में सोलर सिस्टम को स्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया में पर्यावरण के अनुकूल बिजली का निर्माण होता है। किसी प्रकार का प्रदूषण इसमें उत्पन्न नहीं होता है। नागरिक अपने सोलर प्लांट को बिजली के लोड के अनुसार ही स्थापित करते हैं। सामान्यतः घरों में 1 किलोवाट या 2 किलोवाट के सोलर सिस्टम को स्थापित किया जाता है।

Smarten 3 किलोवाट सोलर सिस्टम लगवाने का खर्चा
Smarten 3 किलोवाट सोलर सिस्टम

यदि आप के घर में या किसी अन्य स्थान जहां आप सोलर सिस्टम स्थापित करना चाहते हैं, यदि ऐसे स्थान में प्रतिदिन 15 यूनिट बिजली की आवश्यकता होती है तो आप 3 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम लगा सकते हैं। इस आर्टिकल से आप Smarten 3 किलोवाट सोलर सिस्टम (Smarten 3 Kw solar System) की जानकारी प्राप्त करेंगे। इस सिस्टम को स्थापित करने में कितना खर्चा आएगा यह आप आसानी से जान सकते हैं।

Smarten 3 किलोवाट सोलर सिस्टम लगवाने का खर्चा

ऐसे घर जिनमें बिजली के उपकरणों का प्रयोग अधिक मात्रा में होता है, एवं अधिक लोड वाले उपकरणों का उपयोग किया जाता है। वे Smarten के 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम को स्थापित कर सकते हैं। जिसमें Smarten के सोलर इंवर्टर, सोलर पैनल एवं सोलर बैटरी का प्रयोग किया जाता है। इस सोलर सिस्टम को लगवाने की कीमत इन पर ही मुख्यतः निर्भर करती है। इनमें सोलर पैनल के प्रकार के अनुसार यह कम ज्यादा हो सकती है।

Smarten Superb 4000 VA Inverter

Smarten द्वारा 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम के लिए 4 KVA का सोलर इंवर्टर प्रयोग किया जा सकता है। Smarten की Superb सीरीज का Smarten Superb 4000 VA Inverter इस सिस्टम में प्रयोग करेंगे। इस सोलर इंवर्टर में 50 एम्पियर का MPPT (Maximum Power Point Tracking) तकनीक से बना सोलर चार्ज कन्ट्रोलर लगा होता है। इस इंवर्टर को 3500 वाट के सोलर सोलर पैनल पर भी जोड़ा जा सकता है।

यह इंवर्टर 1.5 टन के एयर कंडीशनर को चलाने में सक्षम है। एवं 1 एचपी के वाटर मोटर को भी इस के द्वारा संचालित किया जा सकता है। इस इंवर्टर पर सुरक्षा एवं इन्डिकेशन के लिए LCD स्क्रीन दी गई होती है। इस इंवर्टर पर DSP कंट्रोलर लगे होते हैं। वर्तमान में इसकी कीमत लगभग 30 हजार रुपये है।

3 किलोवाट सोलर पैनल

इस सोलर सिस्टम को स्थापित करने में पॉलीक्रिस्टलाइन एवं मोनो PERC सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है। पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल प्रारम्भिक तकनीक से बने सोलर पैनल होते हैं। जबकि मोनो PERC पैनल आधुनिक तकनीक के उच्च दक्षता के सोलर पैनल होते हैं। इनकी कीमत पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल की तुलना में अधिक होती है।

  • 3 किलोवाट पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की कीमत लगभग 85,000 रुपये है।
  • 3 किलोवाट मोनो PERC सोलर पैनल की कीमत लगभग 1 लाख रुपये है।

Smarten Solar बैटरी

Smarten को सोलर बैटरी की कीमत उसकी क्षमता के आधार पर अलग-अलग है। उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार बैटरी को स्थापित करते हैं। 100 Ah की बैटरी की कीमत लगभग 10,000 रुपये है। 150 Ah की बैटरी की कीमत लगभग 14,000 रुपये है। यदि आप अधिक बैकअप चाहते हैं तो आप 200 Ah की बैटरी भी लगा सकते हैं जिसकी कीमत लगभग 18,000 रुपये है।

अन्य खर्चे

किसी भी सोलर सिस्टम को स्थापित करने में मुख्य उपकरणों के अतिरिक्त अन्य कुछ उपकरणों (जैसे- र्थिंग किट, लाइटनिंग अरेस्टर, सेफ़्टी डिवाइस) को भी लगाया जाता है। इंस्टॉलेशन की फीस आदि सभी को मिलाकर अन्य खर्च लगभग 15,000 रुपये तक होता है।

Smarten 3 किलोवाट सोलर सिस्टम में कुल लागत

  • यदि आप पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल एवं 100Ah की बैटरी द्वारा सोलर सिस्टम स्थापित करते हैं तो कुल लागत में:
    • Smarten Superb 4000 VA Inverter- 30,000 रुपये
    • 3 किलोवाट पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल- 85,000 रुपये
    • 4 x सोलर बैटरी- 40,000 रुपये
    • अन्य- 15,000 रुपये
    • कुल खर्चा- 1,70,000 रुपये
  • यदि आप मोनो PERC सोलर पैनल एवं 150Ah बैटरी के साथ अपने सोलर सिस्टम को स्थापित करते हैं तो कुल लागत में:
    • Smarten Superb 4000 VA Inverter- 30,000 रुपये
    • मोनो PERC सोलर पैनल- 1,00,000 रुपये
    • 4 x सोलर बैटरी (150 Ah)- 56,000 रुपये
    • अन्य- 15,000 रुपये
    • कुल- 2,00,000 रुपये से ऊपर

निष्कर्ष

smarten के 3 किलोवाट सोलर सिस्टम को स्थापित करने में लगभग 2 लाख रुपये तक का कुल खर्च होता है। इस सोलर सिस्टम की सहायता से आप घर के सभी उपकरणों को संचालित कर सकते हैं। सोलर सिस्टम पर निवेश करना बुद्धिमानी है यह आने वाले कई वर्षों तक आपको फ्री में बिजली प्रदान करता है। एवं ग्रिड पावर पर निर्भरता को कम करता है। साथ ही पर्यावरण में कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करने में सहायक है।

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