सौर पैनल दक्षता: सौर पैनलों की दक्षता और प्रकारों के बारे में जानकारी

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सूर्य की ऊर्जा को फोटोवोल्विक सेल (PV) की सहायता से विद्युत ऊर्जा में बदलने का कार्य सोलर पैनलों द्वारा किया जाता है। इन सौर पैनलों की सबसे छोटी इकाई फोटोवोल्विक सेल होते हैं जिन्हें सौर सेल भी कहा जाता है। सौर सेल द्वारा सूर्य से आने वाली ऊर्जा/प्रकाश को जिसे फोटॉन कहते हैं इलेक्ट्रॉन में परिवर्तित कर तारों के माध्यम से बैटरी में दिष्ट धारा (DC) रूप में संग्रहित किया जाता है। सौर सेल P और N टाइप अर्द्धचालकों को मिलाने से निर्मित किये जाते हैं।

सौर पैनल दक्षता के अनुसार विद्युत का उत्पादन करते हैं। पैनलों की दक्षता बहुत से कारकों पर निर्भर होती है। उच्च दक्षता के सौर पैनल अधिक सौर ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित करते हैं। वर्तमान में सर्वाधित सौर पैनल दक्षता 47.6% है। सौर पैनलों का प्रयोग मुख्यतः आवासीय, व्यवसायिक एवं वाणिज्यिक, संस्थानों में, परिवहन में एवं अंतरिक्ष में किया जाता है। यह पर्यावरण के अनुकूल सबसे बेहतर विद्युत ऊर्जा उत्पादन का स्रोत है।

सौर पैनल दक्षता (Efficiency) क्या होती है?

सौर पैनल दक्षता जिस से यह निर्धारित किया जाता है कि पैनल द्वारा कितनी सौर ऊर्जा फोटॉन को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर दिया गया है। फोटोवोल्विक सेलों द्वारा परिवर्तित की गयी ऊर्जा के प्रतिशत को ही सौर पैनल दक्षता कहते हैं। यह विश्व के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग कारकों पर निर्भर करती है। सौर पैनल दक्षता क्या होती है?

सामान्यतः सौर पैनल दक्षता 5% से 25% के मध्य होती है। विशेष प्रकार के कुछ सोलर पैनलों की अधिकतम दक्षता 47% होती है। अपनी सौर दक्षता के अतिरिक्त जितनी भी सौर ऊर्जा को पैनल ग्रहण करता है उसे गर्मी के रूप में छोड़ देता है। राष्ट्रीय नवीनीकरण ऊर्जा प्रयोगशाला (NREL) द्वारा सौर पैनल की दक्षता के लिए चार्ट प्रस्तुत किया गया है।

कुशल सौर पैनल

कुशल सौर पैनल वे होते हैं जिनकी सौर सेल दक्षता उच्च होती है। सोलर पैनलों में लगे सौर सेलों PV सेलों के अनुसार ही वे सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्षमता रखते हैं। सोलर पैनलों की प्रारम्भिक लागत महंगी होती है जिस कर अधिकांश नागरिक इसका प्रयोग नहीं करते हैं। उच्च दक्षता के सौर पैनल कम दक्षता के सौर पैनलों की तुलना में दुगने दाम में बिकते हैं। कुशल सौर पैनल

सूर्य की स्थिति एवं उसकी किरणों से प्राप्त होने वाले फोटॉन की प्रचुरता सौर पैनल की दक्षता को कम और जयदा करती हैं। ज्यादातर आवासीय स्तरों पर 15% से 20% दक्षता वाले सोलर पैनलों का प्रयोग ही किया जाता है।

सौर पैनलों के प्रकार एवं उनकी दक्षता

सौर पैनलों की दक्षता उनके प्रकार के अनुसार बदलती है। सोलर पैनल में जितने अधिक सौर सेल लगे होंगें उतनी ही अधिक उसकी दक्षता भी होगी। सोलर पैनल के कुछ प्रकार सिलिकॉन अर्द्धचालक का प्रयोग कर बनाये जाते हैं एवं कुछ फोटोवोल्विक पदार्थों के प्रयोग से बनाये जाते हैं। मुख्यतः सौर पैनल निम्न 4 प्रकार के होते हैं:

  1. मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल (Monocrystalline Solar Panel)
  2. पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनल (Polycrystalline Solar Panel)
  3. पतली फिल्म वाले सौर पैनल (Thin-Film TF Solar Panel)
  4. बायफेशियल सौर पैनल (Bifacial Solar Panel)

मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल

मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल को सिंगल क्रिस्टलीय सिलिकॉन पैनल भी कहा जाता है क्योंकि इनका निर्माण शुद्ध सिलिकॉन क्रिस्टल से किया जाता है। इसके सेलों को बनाने के लिए क्रिस्टल को कई अष्टकोणीय वेफर्स में काटा जाता है। इनमें शुद्ध सिलिकॉन क्रिस्टल का प्रयोग होने के कारण ही ये सर्वाधिक कुशलता से विद्युत का उत्पादन करते हैं। इसी कारण इनका सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है। यह मुख्यतः गहरे काले रंग के होते हैं। Monocrystalline Solar Panel

मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल दक्षता की बात करे तो सामान्यतः इनकी दक्षता 16% से 20% तक होती है एवं नई जनरेशन के बने मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल की दक्षता 22% से 25% तक होती है। औसतन सौर पैनल दक्षता में इसकी दक्षता 21.5% होती है। यह पैनल उच्च ताप पर भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। अन्य सौर पैनलों से अलग ये बादलों के बावजूद भी विद्युत का उत्पादन करते हैं। यह अन्य सौर पैनलों की तुलना में सर्वाधिक महंगे होते हैं। इन्हें प्रयोग करने की आयुसीमा 25 वर्ष होती है।

पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनल

पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनल को मल्टी क्रिस्टल सोलर पैनल भी कहते हैं। इनमें फोटोवोल्विक सेलों में सिलिकॉन के कई सारे टुकड़े उपलब्ध रहते हैं। इसके वेफर्स बनाने के लिए सिलिकॉन को पिघलाया जाता है। पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनल चतुष्कोणीय होते हैं एवं चमकदार हल्के नीले रंग के हैं। यह सिलिकॉन अर्धचालक उपकरणों के अनुसार कार्य करते हैं। यह छोटे-बड़े सभी प्रकार के प्रोजक्ट में लगाए जाते हैं। Solar Panel Efficiency Polycrystalline

पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनल दक्षता सामान्यतः 13% से 15% तक होती है। इनकी औसतन सौर पैनल दक्षता 17% तक है। यह बारिश एवं बादलों वाले मौसम के दौरान कम मात्रा में विद्युत का उत्पादन करते हैं अर्थात यह बहुत कम तापमान एवं बहुत अधिक तापमान पर कम क्षमता प्रदर्शित करते हैं। यह मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल की तुलना में सस्ते होते हैं।

पतली फिल्म वाले सौर पैनल

पतली फिल्म वाले सौर पैनल वाले पैनलों का निर्माण फोटोवोल्विक पदार्थों अर्थात जो सूर्य की ऊर्जा का अवशोषण करते हैं उनसे किया जाता है। जिनमें कॉपर इंडियम गैलियम सेलेनाइड (CIGS), कैडमियम टेलुराइड (CdTe) एवं अमोरफियस सिलिकॉन (a-Si) मुख्य हैं। इनमें फोटोवोल्विक पदार्थ की एक या एक से अधिक परते जमा करके बनाई जाती है। यह फिल्म परतें नैनोमीटर से माइक्रोन तक मोटी होती हैं। thin film Solar Panel Efficiency

पतली फिल्म वाले सौर पैनल क्षमता 7% से 10% के मध्य होती है। इसकी औसतन सौर पैनल दक्षता 5% से कम होती है। ये पैनल अन्य पैनलों की तुलना में अधिक हल्के एवं लचीले होते हैं। इनकी दक्षता कम होने के कारण ही यह सस्ते भी होते हैं। इनका प्रयोग बड़ी छतों या खुले स्थानों में सर्वाधिक किया जाता है। सामान्य प्रयोग इनका स्ट्रीट लाइट में होता है। इनका इंस्टालेशन आसान होता है।

बायफेशियल सौर पैनल (Bifacial Solar Panel)

बायफेशियल सौर पैनल के दोनों ओर ही कांच की परत लगी होती है अन्य सौर पैनलों के पीछे सफ़ेद सीट लगाई जाती है। इसी लिए यह अन्य से अलग होते हैं। बायफेशियल होने के कारण यह दोनों और से ही सूर्य की ऊर्जा को अवशोषित कर सकता है एवं अधिक मात्रा में विद्युत का निर्माण करता है। Bifacial Solar Panel Efficiency

बायफेशियल सौर पैनल की दक्षता अन्य सभी सोलर पैनलों से अधिक होती है ये बहुत महंगे होते हैं जिस वजह से ये बाजार में कम दिखते हैं। बायफेशियल सौर पैनल दक्षता 27% से अधिक होती है। इनकी औसतन दक्षता 30% तक होती है। इसके इंस्टालेशन के लिए कम स्थान चाहिए होता है। बायफेशियल सौर पैनल हर प्रकार के मौसम में कार्य करने की क्षमता रखते हैं।

सौर पैनल दक्षता की गणना कैसे की जाती है?

सौर पैनल दक्षता की गणना करने के लिए सबसे पहले इस पर ध्यान देना चाहिए कि सूर्य की ऊर्जा की वह मात्रा जिसका प्रयोग कर सोलर पैनल विद्युत ऊर्जा में उसे परिवर्तन करता है इस से ही सौर पैनल दक्षता की गणना की जाती है। सौर पैनल दक्षता की गणना करने के लिए मानक 25 डिग्री सेल्सियस तापमान एवं 1000 वाट प्रति वर्गमीटर विकिरण STC होना चाहिए। सौर पैनल दक्षता की गणना कैसे की जाती है?

सामान्यतः सोलर पैनलों को दक्षता 15% से 25% होती है। दक्षता को प्रभावित करने वाले कारकों में प्लांट का इंस्टॉलेशन, अभिविन्यास एवं मौसम की स्थिति मुख्य है। सौर दक्षता का वर्ष 2022 तक का रिकॉर्ड 47.1% है।

मौसम के अनुसार सौर पैनलों की दक्षता

किसी भी सौर पैनल पर मौसम के प्रभाव से उसकी दक्षता प्रभावित होती है। कुछ प्राकृतिक घटनाओं से जहां एक ओर दक्षता बढ़ती भी है तो वहीं दूसरी ओर अन्य मौसम से यह कम भी होती है:

विषम परिस्थति सौर पैनल दक्षता पर प्रभाव
हवा इस से पैनल ठंडे होते हैं। जब पैनल 1 डिग्री ठंडे होते हैं तो ऐसे में दक्षता 0.05% बढ़ जाती है।
बर्फ बर्फ से सौर पैनलों को सर्वाधिक नुकसान होता है यह दक्षता को 25% से 100% तक कम कार देती है। यदि बर्फ को समय रहते साफ़ ना किया जाये तो इनकी दक्षता पूरी खत्म हो जाती है एवं ये काम करना बंद कर देते हैं।
ओलों ओलावृष्टि होने पर पैनल डैमेज हो जाते हैं। पैनलों को स्थापित इस रूप में किया जाता है कि ओलों से उन्हें बचाया जा सके। इसलिए ओलावृष्टि होने पर दक्षता में 0.1% का अंतर आ जाता है।
UV में गिरावट होने पर इस स्थिति में सौर सेल प्रभावित होते हैं। पैनलों के ऊपर बोरॉन ऑक्साइड की लेयर जमा हो जाती है। अधिक समय होने पर यह दक्षता को 1% से 3% तक कम कर देती है।

सौर पैनल की दक्षता बढ़ाने के उपाय

सौर पैनलों की दक्षता बढ़ाने के लिए मुख्यतः निम्न उपाय किये जाते हैं:

  • सौर पैनल दक्षता को सामान्य स्थिति में सौर पैनल के विशेषज्ञों द्वारा स्थापित करें।
  • सोलर पैनल प्लान को 18 डिग्री से 36 डिग्री के कोण में स्थापित किया जाता है। इसे दक्षिण दिशा की ओर लगाया जाता है।
  • इस प्लांट को ऐसे स्थान पर लगाएं जहां छाया ना आती हो अर्थात खुले आसमान के नीचे लगाएं।
  • सौर पैनलों की सफाई समय-समय पर करते रहे ऐसा करने पर उनकी परतों पर जमी हुई धूल साल होगी और वे अच्छे से सूर्य के प्रकाश को ग्रहण कर पायेंगें।

निष्कर्ष

सौर पैनल दक्षता उच्च होने पर वह अधिक बिजली का उत्पादन करती है। इसलिए इनकी प्रारम्भिक लगत अधिक होती है। लेकिन यदि एक बार इनका इंस्टालेशन अच्छे से कर दिया जाये तो तो 25 वर्ष तक आपको बिजली की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। सौर पैनलों की दक्षता को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है कि उन्हें ऐसे स्थापित किया जाये जिस से मौसम द्वारा वे कम प्रभावित हों। इन प्लांट की सहायता से पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सकता है।

Solar Panel Efficiency से सम्बंधित प्रश्न एवं उत्तर

सर्वाधिक उच्च दक्षता के सोलर पैनल कौन होते हैं?

सर्वाधिक उच्च दक्षता के सौर पैनल वैसे तो बायफेशियल सौर पैनल होते हैं। इनकी दक्षता 30% तक होती है पर यह आसानी से कम मिलते हैं। ऐसे में मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल उत्तम हैं इनकी दक्षता 25% तक होती है।

क्या किसी सौर पैनल की दक्षता 100% हो सकती है?

नहीं। किसी भी सौर पैनल की दक्षता 100% नहीं हो सकती है। सर्वाधित दक्षता वाले सौर पैनलों का प्रयोग वैज्ञानिक प्रयोगशालों में किया जाता है।

पतली फिल्म वाले सौर पैनल की दक्षता कितनी होती है?

पतली फिल्म वाले सौर पैनल की दक्षता 7 से 10% के बीच होती है।

पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनल की दक्षता कितनी होती है?

पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनल की दक्षता 13 से 15% तक होती है।

मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल की दक्षता कितनी होती है?

मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनल की दक्षता 22 से 25% तक होती है।

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