सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया?

अलेक्जेंड्रे-एडमंड बेकरेल द्वारा सोलर क्षेत्र की नींव रखी रखी थी, इसलिए उन्हें ही सोलर पैनल का आविष्कारक कहा जाता है।

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वर्तमान समय में नवीकरणीय ऊर्जाओं में सौर ऊर्जा के प्रयोग द्वारा अधिकांश उपकरण संचालित किए जा रहे हैं। जो पर्यावरण प्रदूषण के समाधान के रूप में उपयोग में लाए जा सकते हैं। सोलर उपकरण पर्यावरण के अनुकूल कार्य करते हैं, इनके माध्यम से किसी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है। इनके प्रयोग से कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है। किसी भी सोलर उपकरण में सोलर पैनल आपने देखें होंगे, क्या आप जानते हैं सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया?

सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया (who invented solar panels) से जुड़ी जानकारी यहाँ जानें। सोलर पैनल आज के समय में लगभग घर से लेकर हर जगह प्रयोग किए जाते हैं। इनके प्रयोग से उपयोगकर्ता लंबे समय तक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। एवं अपनी आवश्यकता के अनुसार इनका प्रयोग कर कई अन्य लाभ भी अर्जित कर सकते हैं। सोलर पैनल के माध्यम से सूर्य से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य किया जाता है।

सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया: who invented solar panels
सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया

सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया

सोलर पैनल की सबसे छोटी इकाई की अगर बात की जाए तो वह है सोलर सेल। सोलर पैनल सोलर सेल की सहायता से ही कार्य करते हैं। इन्हें सोलर पैनल का हृदय भी कहा जाता है। 1839 में 19 वर्षीय फ्रांसीसी वैज्ञानिक एलेक्जेंडर-एडमंड बेकरेल द्वारा एक ऐसे उपकरण का निर्माण किया गया जो सूर्य से प्राप्त होने वाले प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करता था। बेकरेल द्वारा फ़ोटोवोल्टिक प्रभाव की खोज की गई थी। बेकरेल ने अपने परीक्षण में पाया की जब प्लैटिनम या सोने की दो छड़ों को अम्ल या क्षारीय घोल में रख कर सूर्य की किरणों के संपर्क में रखा जाता है तो उनमें विद्युत धारा उत्पन्न होती है।

पहला सोलर सेल

फ़ोटोवोल्टिक प्रभाव की व्याख्या के लिए 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को भौतिकी के क्षेत्र में नोबल पुरुस्कार प्राप्त हुआ। वर्ष 1883 में पहली बार अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स फ्रिट्स के द्वारा पहली बार सेलेनियम सेल बनाया गया। यह पहला सोलर सेल था। इसमें दो धातुओं के बीच सेलेनियम की शीट एक ग्लास बॉक्स में थी, जब सूर्य का प्रकाश इस बॉक्स से टकराता था तो सेलेनियम के माध्यम से इलेक्ट्रान का प्रवाह शुरू हो जाता था। फ्रिट्स के इस सोलर सेल द्वारा सूर्य के प्रकाश का 1% ही उपयोग किया जा सकता था।

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एडवांस तकनीक के सोलर पैनल

पहले सोलर सेल का प्रयोग व्यवहारिक रूप से नहीं किया जा सकता था, सन 1954 में तीन वैज्ञानिक डेरिल चैपिन, केल्विन साउथर फुलर और गेराल्ड पियर्सन द्वारा बेल लेबोरेटरीज में 4% की दक्षता के सोलर सेल का आविष्कार किया गया। यह पहला ऐसा से था जिसका प्रयोग सामान्य उपकरणों को बिजली देने के लिए किया गया। इसके बाद वर्ष 1958 में हॉफमैन इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा निर्मित सोलर सेल को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में नासा के वैनगार्ड उपग्रह पर स्थापित किया गया था। सोलर सेल के पैनल अब अंतरिक्ष अभियानों में एक सामान्य विशेषता बनने की शुरुआत के प्रतीक बन गए थे।

वर्तमान में सोलर पैनल

वर्तमान समय में प्रयोग होने वाले सोलर पैनल बहुत अधिक आधुनिक तकनीक से बनाए जाते हैं, इनका प्रयोग सभी जगह किया जा सकता है। अलेक्जेंड्रे-एडमंड बेकरेल द्वारा सोलर क्षेत्र की नींव रखी रखी थी, इसलिए उन्हें ही सोलर पैनल का आविष्कारक कहा जाता है। आज के समय में सोलर पैनल का प्रयोग घर के बड़े से बड़े उपकरण को चलाने से लेकर अंतरिक्ष उपग्रहों में किया जाता है। वर्तमान समय में पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल सोलर पैनल के अतिरिक्त भी अनेक तकनीकों के सोल पैनल बाजारों में उपलब्ध हैं।

निष्कर्ष

सोलर पैनल मानव सभ्यता के द्वारा की गई सबसे बड़ी खोज कही जा सकती है, इसके प्रयोग से प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है, एवं एक हरित भविष्य की कल्पना की जा सकती है। सोलर पैनल भविष्य में और भी उच्च क्षमता के निर्मित किए जाएंगे। जिस से अधिक से अधिक सूर्य की ऊर्जा से कार्य किया जा सकेगा। सोलर उपकरणों के महत्व को समझते हुए सरकारों द्वारा भी अपने नागरिकों को अधिक से अधिक सोलर उपकरणों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है। अब आप जब भी सोलर पैनल को देखेंगे तो आप इस महान आविष्कार की खोज करने वाले अलेक्जेंड्रे-एडमंड बेकरेल वैज्ञानिक का नाम याद कर सकते हैं।

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