विक्रम 3 किलोवाट सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, यहाँ देखें कितना होगा खर्चा

विक्रम सोलर के 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल का प्रयोग कर आप अपने घर में एक अच्छा सोलर सिस्टम लगा सकते हैं, जो लंबे समय तक आपको लाभ प्रदान करता है।

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बिजली की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए आज के समय में आधुनिक सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है, सोलर पैनल का प्रयोग कर के बिजली के भारी बिल में छूट प्राप्त की जा सकती है। सोलर पैनल द्वारा पर्यावरण के अनुकूल बिजली का उत्पादन किया जाता है, इनका प्रयोग कर के पर्यावरण को सुरक्षित एवं स्वच्छ रखा जा सकता है। सोलर पैनल का प्रयोग आवासीय, व्यवसायिक, वाणिज्यिक, कृषि एवं अनुसंधान सभी क्षेत्रों में किया जाता है। विक्रम 3 किलोवाट सोलर पैनल (Vikram 3 Kw Solar Panel) का प्रयोग कर घर में बिजली की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है।

विक्रम 3 किलोवाट सोलर पैनल लगाना चाहते हैं, यहाँ देखें कितना होगा खर्चा
विक्रम 3 किलोवाट सोलर पैनल 

विक्रम सोलर

देश की प्रसिद्ध सोलर कंपनियों में से विक्रम सोलर प्रसिद्ध एवं विश्वसनीय ब्रांड है। जिसके द्वारा बनाए गए सोलर पैनल का प्रयोग सभी क्षेत्रों में किया जाता है। इस कंपनी की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। विक्रम सोलर द्वारा पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल सोलर पैनल का निर्माण एवं विक्रय किया जाता है। विक्रम सोलर का मुख्यालय पश्चिम बंगाल के कोलकाता में है। विक्रम सोलर पैनल द्वारा भारत सहित विश्व के अनेक देशों में अपने सोलर पैनल का निर्यात किया जाता है। इस सोलर पैनल द्वारा बनाए जाने वाले सोलर पैनल अनेक सीरीज में अलग-अलग क्षमता के साथ उपलब्ध रहते हैं।

विक्रम 3 किलोवाट सोलर पैनल 

यदि आपके घर या अन्य प्रतिष्ठान में बिजली का प्रतिदिन लोड 12 वाट से 15 वाट तक रहता है, तो ऐसे में विक्रम 3 किलोवाट सोलर पाने को आप स्थापित कर सकते हैं। 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल द्वारा उचित धूप प्राप्त होने पर प्रतिदिन 15 यूनिट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। 3 किलोवाट के सोलर पैनल को लगाने के लिए 300 स्क्वायर फुट स्थान की आवश्यकता होती है। विक्रम सोलर पैनल की कीमत उनके प्रकार एवं क्षमता के अनुसार इस प्रकार रहती है:-

  • 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल को लगाने में 335 वाट के पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है। 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम में 335 वाट के 9 पैनल लगाए जा सकते हैं। एक सोलर पैनल की कीमत 8,000 रुपये है। 3 किलोवाट के विक्रम पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर की कुल कीमत लगभग 72,000 रुपये है।
  • विक्रम सोलर के मोनो PERC सोलर पैनल का प्रयोग करने पर आप 345 वाट क्षमता के सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है। ऐसे सिस्टम में 345 वाट के 9 सोलर पैनल लगते हैं। एक 345 वाट के सोलर पैनल की कीमत लगभग 9,000 रुपये होती है। 3 किलोवाट के विक्रम मोनो पर्क सोलर पैनल की कुल कीमत लगभग 81,000 रुपये है।
  • 3 किलोवाट क्षमता के सोलर सिस्टम में विक्रम सोलर के बाइफेशियल सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है। ऐसे सिस्टम में 375 वाट के 9 सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है। 375 वाट के 1 सोलर पैनल की कीमत 11,000 रुपये है। विक्रम सोलर के 9 किलोवाट क्षमता के सोलर सिस्टम में लगने वाले कुल 9 बाइफेशियल सोलर पैनल की कीमत लगभग 99,000 रुपये है।

विक्रम सोलर पैनल की सोलर सीरीज

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विक्रम सोलर द्वारा निम्नलिखित सीरीज में सोलर पैनल उपलब्ध किए जाते हैं:-

  • Hypersol Series– विक्रम सोलर के इस सीरीज के सोलर पैनल का प्रयोग अधिक बिजली उत्पादन करने वाले प्रोजेक्ट में किया जाता है। इस सीरीज में बाइफेशियल सोलर रहते हैं जो nTOPCon तकनीक के होते हैं। सोलर पैनल की इस सीरीज में 415 वाट से 715 वाट के उच्च क्षमता के सोलर पैनल रखे गए हैं, इस सीरीज के सोलर पैनल की दक्षता 23.02% है।
  • Paradea Series– इस सीरीज के सोलर पैनल का प्रयोग भी अधिक बिजली उत्पादन करने वाले प्रोजेक्ट में किया जाता है। इस सीरीज में बाइफेशियल मल्टी बसबार वाले सोलर पैनल हैं। इस सीरीज के सोलर पैनल की दक्षता 21.18% है। सोलर पैनल की Paradea सीरीज में 420 वाट से 660 वाट के उच्च क्षमता के सोलर पैनल रखे गए हैं।
  • Prexos Series– विक्रम सोलर की इस सीरीज में 340 वाट से 550 वाट क्षमता तक के सोलर पैनल रखे गए हैं। इस सोल सीरीज के सोलर पैनल का प्रयोग रुफटॉप प्रोजेक्ट में किया जा सकता है। इन सोलर पैनल का प्रयोग आप अपने घर के लिए भी कर सकते हैं। इस सीरीज के सोलर पैनल की दक्षता 21.33% होती है।
  • Somera Series– इस सीरीज में मोनोफेशियल मल्टी बसबार सोलर पैनल होते हैं, इस सीरीज के सोलर पैनल का प्रयोग कम भूमि वाले क्षेत्र में किया जा सकता है। इस सीरीज में 345 वाट से 665 वाट तक के सोलर पैनल उपलब्ध रहते हैं, इस सीरीज के सोलर पैनल की दक्षता 21.35% रहती है।

विक्रम सोलर द्वारा बनाई गई सभी सीरीज के सोलर पैनल पर 30 वर्ष की कार्य-प्रदर्शन वारंटी उपभोक्ता को प्रदान की जाती है। ऐसे सोलर पैनल का प्रयोग कर लंबे समय तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। ये उच्च दक्षता के सोलर पैनल होते हैं। विक्रम सोलर पैनल सभी प्रकार से प्रमाणीकृत हैं।

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विक्रम सोलर पैनल कहाँ से खरीदें

यदि आप एक अच्छा एवं कुशल सोलर सिस्टम स्थापित करना चाहते हैं तो आप विक्रम सोलर के सोलर पैनल का प्रयोग कर सकते हैं। इन सोलर पैनल को आप अपने नजदीकी बाजार से सोलर डीलर से खरीद सकते हैं। साथ ही आप विक्रम सोलर पैनल को ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं। हमारे द्वारा आपको सोलर पैनल की औसतन कीमत बताई गई है, ये कीमतें आपके स्थान एवं आपके द्वारा खरीदे जाने वाले माध्यम के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। विक्रम सोलर पैनल की अधिक जानकारी के लिए आप विक्रम सोलर की आधिकारिक वेबसाइट में जा सकते हैं।

सोलर सिस्टम में प्रयोग होने वाले उपकरण

सोलर सिस्टम के प्रकार के अनुसार उसमें उपकरणों का प्रयोग किया जा सकता है, सोलर सिस्टम को मुख्य रूप से 3 प्रकार से स्थापित किया जा सकता है। ऑनग्रिड सोलर सिस्टम को कम बिजली कटौती वाले स्थानों के लिए उपयुक्त कहा जाता है, ऐसे सिस्टम में पावर बैकअप नहीं किया जा सकता है। ऑफग्रिड सोलर सिस्टम में पावर बैकअप किया जा सकता है। ऐसे सिस्टम में बैटरी का प्रयोग होता है। हाइब्रिड सोलर सिस्टम में पावर बैकअप भी किया जा सकता है और ग्रिड के साथ बिजली को साझा किया जा सकता है। सोलर सिस्टम में प्रयुक्त होने वाले उपकरण इस प्रकार हैं:-

  • सोलर पैनल– सूर्य से प्राप्त होने वाले प्रकाश द्वारा प्राप्त ऊर्जा से बिजली बनाने का कार्य सोलर पैनल द्वारा किया जाता है, सोलर पैनल के अंदर सोलर सेल लगे होते हैं, जो अर्द्धचालक पदार्थ के बने होते हैं, जिनके द्वारा इलेक्ट्रॉन को मुक्त किया जाता है। जिस से सर्किट में धारा DC (दिष्ट धारा) के रूप में प्रवाहित होती है।
  • सोलर चार्ज कन्ट्रोलर– सोलर पैनल द्वारा बनाई जाने वाली बिजली असमान होती है, जिसका प्रयोग सीधे करने पर सोलर सिस्टम खराब हो सकता है, ऐसे में सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को नियंत्रित करने के लिए सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जाता है, ये PWM (Pulse Width Modulation) एवं MPPT (Maximum Power Point Tracking) तकनीक में निर्मित होते हैं।
  • सोलर इंवर्टर– सोलर पैनल द्वारा प्राप्त होने वाली बिजली जो DC के रूप में होती है, उस बिजली को AC में परिवर्तित करने का कार्य सोलर इंवर्टर द्वारा किया जाता है। AC का प्रयोग कर अधिकांश विद्युत उपकरणों को संचालित करने में किया जाता है। सोलर इंवर्टर को सोलर सिस्टम कर सोलर पैनल एवं सोलर बैटरी से जोड़ कर किया जाता है।
  • सोलर बैटरी– सोलर बैटरी का प्रयोग ऑफग्रिड सोलर सिस्टम एवं हाइब्रिड सोलर सिस्टम में किया जाता है। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को संग्रहीत करने के लिए सोलर बैटरी की आवश्यकता होती है। सोलर बैटरी में संग्रहीत की जाने वाली बिजली को उपयोगकर्ता अपनी जरूरत के अनुसार कर सकते हैं। बाजार में लेड-एसिड बैटरी एवं एडवांस लिथियम आयन बैटरी उपलब्ध रहती है।
  • नेट-मीटर– ऑनग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल द्वारा बनने वाली बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ साझा किया जाता है, ऐसे सिस्टम में ग्रिड के अनुसार ही बिजली का प्रयोग किया जाता है। इस सिस्टम में शेयर की जाने वाली बिजली की गणना करने के लिए नेट-मिटरिंग की जाती है। ऐसे सोलर सिस्टम के द्वारा सभी प्रकार के उपकरणों को चलाया जा सकता है। ऑनग्रिड सोलर सिस्टम से बिजली बिल को कम किया जा सकता है।
  • अन्य उपकरण– सोलर सिस्टम में मुख्य उपकरणों के अतिरिक्त अन्य छोटे एवं महत्वपूर्ण उपकरणों का प्रयोग भी किया जाता है, ऐसे उपकरणों का प्रयोग कर सोलर सिस्टम को सुरक्षा प्रदान करने एवं कनेक्शन स्थापित करने के लिए किया जाता है। ऐसे उपकरणों में सोलर पैनल स्टैन्ड, ACDB/DCDB बॉक्स, वायर आदि होते हैं।

सोलर पैनल पर सब्सिडी

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकों को सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी योजना के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है, हाल ही मे सरकार द्वारा पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है। केंद्र सरकार की इस योजना में 1 किलोवाट से 10 किलोवाट तक की क्षमता के सोलर पैनल पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। साथ ही 300 यूनिट मुफ़्त बिजली भी प्रदान की जाती है। देश के 1 करोड़ परिवारों के घर की छत पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है। 3 किलोवाट क्षमता के सोलर सिस्टम पर सरकार द्वारा 78 हजार रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

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निष्कर्ष

सोलर पैनल को स्थापित करने से उपयोगकर्ता को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, वह बिजली के बिल को कम कर सकते हैं, सोलर पैनल द्वारा बनने वाली बिजली को पावर बैकअप के लिए प्रयोग कर सकते हैं। सोलर पैनल के प्रयोग से बनने वाली बिजली को बेच कर आर्थिक लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है। सोलर पैनल के अधिक से अधिक प्रयोग से ही जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को खत्म किया जा सकता है। जिस से कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है। एवं हरित भविष्य की ओर बढ़ा जा सकता है। सोलर पैनल पर किए गए निवेश को बुद्धिमानी का निवेश कहा जाता है।

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