12v और 24v के सोलर पैनल में अंतर जानें

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12v और 24v के सोलर पैनल में अंतर: सौर ऊर्जा का प्रयोग कर बिजली का उत्पादन वर्तमान में बहुत अधिक प्रचलन में है। इसमें प्रयोग होने वाले उपकरण पर्यावरण के अनुकूल कार्य करते हैं, जिस से किसी प्रकार का कोई प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है। एवं पर्यावरण में बढ़े हुए कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है। सरकार द्वारा भी सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। सोलर पैनल के द्वारा सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको 12v और 24v के सोलर पैनल में अंतर की जानकारी प्रदान करेंगे। जिस से आप सही सोलर पैनल का प्रयोग अपने सोलर सिस्टम में कर सकते हैं, सोलर पैनल मुख्य रूप से पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के होते हैं। यदि आप पुराने इंवर्टर को सोलर इंवर्टर में बदलना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग करना होता है। जिसका प्रयोग बैटरी के अनुसार किया जाता है। इसके लिए ही रेटिंग की जानकारी का होना आवश्यक होता है।

12v और 24v के सोलर पैनल में क्या अंतर है
12v और 24v के सोलर पैनल में अंतर

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सामान्यतः सोलर पैनलों में 36 या 48 या 60 या 72 या 144 PV सेल लगे होते हैं। जिनके आधार पर ही सोलर पैनल को 12 वोल्ट और 24 वोल्ट के सोलर पैनल के रूप में जाना जाता है। इन सभी सोलर पैनल की VOC (Open Circuit Voltage) अलग-अलग होती है। 12v और 24v के सोलर पैनल में अंतर की जानकारी आगे दी गई है।

12V के सौर पैनल

12V के सोलर पैनल मुख्य रूप से 36 सेल वाले सोलर पैनल होते हैं। इनकी VOC लगभग 22 वोल्ट होती है। 36 सेल के सोलर पैनल 175 वाट तक के होते हैं। इनका प्रयोग सिंगल बैटरी के इंवर्टर के साथ किया जा सकता है। बाजार में आने वाले 48 सेल के सोलर इंवेरेर को भी 12V के सोलर पैनल कहते हैं यह 220 वाट तक के सोलर पैनल होते हैं। इनकी VOC 22 वोल्ट से 33 वोल्ट तक होती है। यह पुराने इंवर्टरों के लिए आदर्श होते हैं। इनका प्रयोग समान VOC के इंवर्टर या सोलर चार्ज कन्ट्रोलर के अनुसार किया जा सकता है।

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24V के सौर पैनल

24V के सोलर पैनल में 60 सेल होते हैं। इस सोलर पैनल की VOC 33 वोल्ट होती है। यह बाजारों में 270 वाट क्षमता के सोलर पैनल होते हैं। इन सोलर पैनलों का प्रयोग डबल बैटरी के इंवर्टर के साथ किया जा सकता है। जो PWM (Pulse Width Modulation) के सोलर चार्ज कन्ट्रोलर वाले होते हैं। सिंगल बैटरी के इंवर्टर होने पर MPPT तकनीक के सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जा सकता है, जिसकी VOC रेटिंग अधिकतम 45 वोल्ट हो सकती है।

36V के सोलर पैनल

36V के सोलर पैनल में 72 सेल प्रयोग किए गए होते हैं। इनकी VOC लगभग 45 वोल्ट होती है। पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल में इनकी VOC 44 वोल्ट होती है, जबकि मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल में इनकी VOC 47 वोल्ट तक होती है। इनका प्रयोग करने के लिए न्यूनतम VOC 90 वोल्ट के इंवर्टर या सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जाना चाहिए। जो MPPT तकनीक के होने चाहिए। MPPT तकनीक के ही सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग इस पैनल को जोड़ने में करना चाहिए। ये आउटपुट का उच्च प्रदर्शन करते हैं।

निष्कर्ष

उपरोक्त आर्टिकल के माध्यम से आप 12V और 24V के सोलर पैनल में अंतर देख सकते हैं। इनमें मुख्य अंतर सेल का होता है। यदि आप अपने घर के लिए 500 वाट के सोलर पैनल का प्रयोग कर रहे हैं तो आप 12V और 24V दोनों ही प्रकार के सोलर पैनल का प्रयोग कर सकते हैं।

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जिसमें PWM तकनीक के सोलर चार्ज इंवर्टर का प्रयोग करें। एवं यदि आप 1 किलोवाट से अधिक क्षमता का सोलर सिस्टम स्थापित कर रहे हैं तो ऐसे में आप 36 वोल्ट के सोलर पैनल का प्रयोग MPPT तकनीक के सोलर चार्ज कन्ट्रोलर के साथ करें। जिस से आप के द्वारा निर्मित की जाने वाली बिजली में पावर loss की समस्या उत्पन्न न हो। एवं आप अपने सोलर सिस्टम को सुरक्षित कर सकें।

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