हरित ऊर्जा: परिभाषा, महत्व, प्रकार और अंतर की पूरी जानकारी

हरित ऊर्जा पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाली ऊर्जा है, क्योंकि यह पेट्रोल, डीजल आदि जीवाश्म ईंधन के समान कोई प्रदूषण उत्पन्न नहीं करती है।

Published By News Desk

Published on

घर हो या चाहे कोई औद्योगिक क्षेत्र हर जगह ही किसी न किसी प्रकार की ऊर्जा का कार्य होता है, जैसे घर के बिजली से चलने वाले उपकरणों के लिए विद्युत ऊर्जा, औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े-बड़े प्लांटों को चलाने के लिए यांत्रिक ऊर्जा आदि। अधिकांश ऊर्जाओं का उत्पादन जीवाश्म ईंधन से करने की प्रक्रिया में भारी प्रदूषण उत्पन्न होता है, ऐसे में हरित ऊर्जा (Green Energy) एक ऐसी ऊर्जा होती है, जो किसी भी प्रकार के प्रदूषण को उत्पन्न नहीं करती है, यह पर्यावरण के अनुकूल बिजली का उत्पादन करने के लिए जानी जाती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको हरित ऊर्जा से जुड़ी पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।

हरित ऊर्जा: परिभाषा, महत्व, प्रकार और अंतर की पूरी जानकारी
हरित ऊर्जा

हरित ऊर्जा क्या होती है?

प्राकृतिक स्रोतों जैसे सूर्य का प्रकाश, वायु, पानी आदि से प्राप्त होने वाली हवा को हरित ऊर्जा कहते हैं, नवीकरणीय स्रोतों के माध्यम से प्राप्त होने वाली ऊर्जा प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती है। हरित ऊर्जाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये वायुमंडल में किसी भी प्रकार से कोई जहरीली गैस नहीं नहीं छोड़ती है, इस प्रकार की ऊर्जा ग्रीनहाउस गैसों का बिल्कुल भी उत्सर्जन नहीं करती है। ये पर्यावरण के अनुकूल कार्य करती हैं, और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहायक होती हैं। पृथ्वी को प्राकृतिक संसाधनों के माध्यम से ऐसी ऊर्जा प्राप्त होती है, इसलिए ही इन्हें हरित ऊर्जा कहा जाता है।

हरित या हरा रंग स्वास्थ्य, प्रकृति एवं स्थिरता को परिभाषित करता है। हरित ऊर्जा के द्वारा प्रकृति को सुरक्षित रखा जा सकता है, इसलिए ही इसे हरित ऊर्जा नाम दिया गया है। नवीकरणीय ऊर्जा में हरित ऊर्जा के समान स्रोत सम्मिलित रहते हैं, लेकिन इनमें सामान्य अंतर यह है कि नवीकरणीय ऊर्जा में ऐसी प्रौद्योगिकियाँ एवं उत्पाद शामिल रहते हैं जो स्थानीय एवं वैश्विक पर्यावरण दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। अतः हरित ऊर्जा का प्रयोग करने पर स्वतः ही नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में निवेश हो जाता है।

हरित ऊर्जा का महत्व

SolarDukan से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें WhatsApp

आज के समय में जहां जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल, कोयला आदि) के द्वारा अपनी बिजली की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है, ऐसे में पर्यावरण बहुत तेजी से प्रदूषित हो रहा है। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैश्विक समस्याओं से आज पूरी पृथ्वी प्रभावित है। साथ ही इनका प्रयोग बहुत महंगा भी है, जिस से आर्थिक रूप से भी यह अधिक प्रभावित करते हैं। वैज्ञानिकों ने बताया है कि ग्रीनहाउस गैसों के कारण धरती का तापमान हर साल बढ़ रहा है, तथा ऐसे में कई गंभीर बीमारियों का दुष्प्रभाव सभी प्राणियों पर पड़ रहा है।1 ऐसे में आवश्यक है कि इनकी जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को कम या खत्म किया जाए।

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के द्वारा बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, और आवश्यकता है कि अधिक से अधिक इनके द्वारा उत्पादित बिजली का ही प्रयोग किया जाए। हरित ऊर्जा ऐसी ऊर्जा है जो कई बार प्रयोग की जा सकती है, क्योंकि यह अत्यधिक मात्रा में भी प्राप्त होती है। इनका प्रयोग ही पृथ्वी के भविष्य को निर्धारित कर सकता है। यह किसी प्रकार की हानि भी पर्यावरण को नहीं पहुँचाता है, हरित ऊर्जा के अनेक प्रकार हैं। जिनका प्रयोग किया जा रहा है। यह विज्ञान की सबसे आधुनिक खोज में से शामिल हैं।

हरित ऊर्जा कितने प्रकार की होती है?

हरित ऊर्जा के प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त की जाती है, इस ऊर्जा का प्रयोग कर के बिजली का उत्पादन किया जा सकता है, हरित ऊर्जा के प्रकार इस प्रकार हैं:-

सौर ऊर्जा (Solar Energy): सूर्य से मिलने वाले प्रकाश से एक स्वच्छ ऊर्जा हमें प्राप्त होती है, जिसे सौर ऊर्जा कहते हैं। सूर्य ऊर्जा का एक बड़ा प्राकृतिक स्रोत है, जो प्रचुर मात्रा में कई अरब सालों से हमें ऊर्जा प्रदान करता है। इस ऊर्जा के कारण ही धरती पर जीवन संभव भी है। सूर्य से धरती पर पहुँचने वाली किरण में फ़ोटॉन होते हैं, जो ऊर्जा संचरण का कार्य करते हैं। सूर्य के अंदर परमाणु संलयन जैसी प्रक्रियाएं होती हैं। संलयन की इस प्रक्रिया में प्रचुर मात्रा में ऊर्जा निकलती है। यदि ऊर्जा फ़ोटॉन के रूप में हमें प्राप्त होती है। जिसका प्रयोग हम अनेक कार्यों में करते हैं।

पवन ऊर्जा (Wind Energy)– हरित ऊर्जा का एक प्रकार पवन ऊर्जा भी है, वायुमंडल के असमान तापमान एवं विक्षोभ के कारण हवा उत्पन्न होती है, इसमें भी सूर्य की मुख्य भूमिका होती है। पवन मुख्यतः दो प्रकार की होती है, जिनमें गर्म हवा और ठंडी हवा शामिल हैं, ये हवाएं जिस प्रकार के सतह से गुजर का प्राप्त होती हैं उसी प्रकार का प्रभाव प्रदान करती है। पवन ऊर्जा के द्वारा भी किसी प्रकार का कोई प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है। यह प्राणियों के स्वास्थ्य को किसी प्रकार का हानिकारक प्रभाव नहीं पहुंचाती है।

यह भी देखें:luminous 5kw solar system price: luminous 5 किलोवाट सोलर पैनल की कीमत और सब्सिडी क्या है, अभी जान लो

luminous 5kw solar system price: luminous 5 किलोवाट सोलर पैनल की कीमत और सब्सिडी क्या है, अभी जान लो

जलविद्युत ऊर्जा (Hydroelectric energy)– बहते पानी के माध्यम से जलविद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। इसमें जैसे नदियों पर बांध बनाए जाते हैं, बड़ी-बड़ी टरबाइनों का प्रयोग किया जाता है, ऐसी परियोजनाओं के माध्यम से बिजली का उत्पादन किया जात है। यह परियोजनाएं बड़े एवं छोटे दोनों ही स्तर पर की जाती हैं। बिजली का उत्पादन करने के लिए प्रक्रिया किसी प्रकार से प्रदूषण का उत्सर्जन नहीं करती है।

भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)– धरती के नीचे की सतह तरल पदार्थ के रूप में गर्मी होती है। यह ऊर्जा भूतापीय ऊर्जा कही जाती है, जो चट्टानों में आंतरिक रूप से होती है। भाप एवं गर्म पानी से भूतापीय ऊर्जा प्राप्त करने के लिए कई मील गहरे भूमिगत जलाशयों, कुओं को खोदा जाता हैं। भूतापीय ऊर्जा में प्राप्त होने वाली भाप एवं गर्म पानी का प्रयोग कर के बिजली उत्पादन करने के लिए टर्बाइनों को चलाया जाता है।

बायोमास (Biomass)– यह एक स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत होता है, जिसे जीवित जीवों एवं पौधों से प्राप्त किया जाता है। साथ ही इसे अवशिष्ट पदार्थों से भी प्राप्त किया जा सकता है, यह सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा के समान ही गुण रखती है। लेकिन इनके जलने पर ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जिसकी मात्रा जीवाश्म ईंधन से होने वाले प्रदूषण से कम ही होती है। इनका अधिकांश प्रयोग कृषि क्षेत्रों में किया जाता है, साथ ही इसका प्रयोग दैनिक कार्यों में कई प्रकार से किया जाता है। यह एक प्रकार से बाइगैस के समान ही होती है।

बायोगैस (Biogas)– यह केवल एक हरित ऊर्जा का स्रोत नहीं है, बल्कि यह अवशिष्ट उत्पादों में भी उपयोग होती है, जैसे जैविक पदार्थों के विघटन के दौरान उपोत्पाद के रूप में उत्पादित बायोगैस सीवेज, भोजन, कृषि अपशिष्ट एवं खाद जैसी सामग्रियों से प्राप्त होती है। इस प्रकार की गैसों से घरों को गर्म करने, बिजली बनाने एवं वाहनों को ईंधन देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बायोगैस डाइजेस्टर में रखा गया कचरा पोषक तत्वों से भरपूर खाद बनाता है, जिसे खेतों एवं घरेलू उपयोग के लिए भी उपयुक्त कहा जाता है।

हरित ऊर्जा से पर्यावरण को लाभ

हरित ऊर्जा द्वारा पर्यावरण को अनेक लाभ प्रदान होते हैं, जिस से यह पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। ये लाभ इस प्रकार रहते हैं:- नकई कारणों से पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है:-

  • पर्यावरण को स्वच्छ रखने में हरित ऊर्जा का महत्व सबसे अधिक है। ये जीवाश्म ईंधन के विपरीत बिना किसी हानिकारक प्रभाव के वातावरण को स्वच्छ रखने में पर्यावरण के अनुकूल रहती है।
  • हरित ऊर्जा के स्रोत द्वारा बहुत कम मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हो सकता है, लेकिन यह इतनी कम मात्र में होता है कि पर्यावरण की इस से किसी प्रकार का कोई प्रदूषण नहीं होता है। यह पृथ्वी के भविष्य को हरित बना सकता है।
  • जैसे कि जीवाश्म ईंधन के प्रयोग से आए दिन महंगाई बढ़ती जा रही है, वहीं हरित ऊर्जा के प्लांट को बस एक बार स्थापित कर के अनेकों साल तक इसका लाभ प्राप्त किया जा सकता है, यह घरेलू, व्यावसायिक एवं वाणिज्यिक सभी प्रकार के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होते हैं।
  • हरित ऊर्जा के सभी प्रकारों के माध्यम से बिजली का उत्पादन किया जा सकता है, उत्पादित होने वाली बिजली को बैटरियों में जमा कर के रखा जा सकता है, जिसका प्रयोग आवश्यकता पड़ने पर किया जा सकता है।
  • हरित ऊर्जा के माध्यम से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होते हैं, जैसे सोलर प्लांट, विंड प्लांट आदि क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है, वर्ष 2018 तक अक्षय ऊर्जा के माध्यम से पूरे विश्व में लगभग 11 मिलियन से अधिक रोजगार के प्रदान किये गए हैं।
  • हरित ऊर्जा के स्रोत प्रचुर मात्रा में ऊर्जा प्रदान करते हैं, इस प्रकार की ऊर्जा का प्रयोग कई बार किया जा सकता है, जबकि जीवाश्म ईंधन का प्रयोग एक बार करने पर दोबारा नहीं किया जा सकता है। हरित ऊर्जा से अनेक लाभ पर्यावरण के साथ नागरिकों को भी होते हैं।
  • हरित ऊर्जा के स्रोत शून्य ग्रीनहाउस उत्सर्जन के लिए जाने जाते हैं, फिर भी इनमें से बायोगैस या बायोमास कुछ मात्रा में ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन करती है। इस उत्सर्जन को भी संतुलित किया जा सकता है।

हरित ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा में अंतर

सामान्यतः हरित ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा और अक्षय ऊर्जा का प्रयोग एक-दूसरे के लिए किया जाता है। इनमें अंतर को इस प्रकार समझा जा सकता है कि हरित ऊर्जा सूर्य से प्राप्त होती है, नवीकरणीय ऊर्जा को सौर ऊर्जा या हरित ऊर्जा द्वारा प्राप्त किया जाता है। इसके लिए यह भी कहा जाता है कि अधिकांश हरित ऊर्जा के स्रोत नवीकरणीय हैं, लेकिन सभी नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों को पूरी तरह से हरित नहीं कहा जाता है।

निष्कर्ष

हरित ऊर्जा का प्रयोग अधिक से अधिक कर के ही हरित भविष्य की कल्पना भी की जा सकती है, इसके लिए वैश्विक स्तर पर कई सम्मेलन किये गए हैं, साथ ही भारत जैसे देश में इन ऊर्जाओं के प्रयोग को बढ़ाने के लिए सरकार नागरिकों को सब्सिडी योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित कर रही है, जिस से पर्यावरण को सुरक्षित रखने में आम जनता की सहभागिता भी अहम होती है, और वे लंबे समय तक ऐसे उपकरणों का लाभ प्राप्त कर के बिजली के बिल से आजाद रह सकते हैं।

  1. वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ग्रीनहाउस गैसों के कारण हर साल धरती का तापमान बढ़ रहा है। ↩︎

यह भी देखें:Solar Panel Angle and Direction: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ने की इसके आउटपुट को लेकर स्टडी 

Solar Panel Angle and Direction: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ने की इसके आउटपुट को लेकर स्टडी 

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें