एसी-कूलर सब चलाना है तो कौन सा सोलर पैनल आएगा काम? ये रहा जवाब

सोलर पैनल के द्वारा एसी-कूलर चलाने से आप बिजली के बिल में भारी बचत कर सकते हैं। साथ ही यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी सहायक है।

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गर्मियों के समय में बिजली का इस्तेमाल अधिक होता है, इस मौसम में गर्मी से बचने के लिए घरों में एसी या कूलर का प्रयोग किया जाता है, ऐसे समय में बिजली का बिल भी बहुत अधिक प्राप्त होता है। बिजली के बिल को कम करने के साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकते है, जिसके लिए सोलर पैनल से संचालित होने वाले एसी-कूलर का प्रयोग किया जा सकता है। ऐसे उपकरणों द्वारा अनेक लाभ उपयोगकर्ता को प्राप्त होते हैं, यदि एसी-कूलर (AC-Cooler) सब चलाना है तो कौन सा सोलर पैनल आएगा काम? यहाँ जानें।

एसी-कूलर सब चलाना है तो कौन सा सोलर पैनल आएगा काम? ये रहा जवाब
एसी-कूलर सब चलाना है तो कौन सा सोलर पैनल आएगा काम?

सोलर पैनल सूर्य से प्राप्त होने वाले प्रकाश को विद्युत ऊर्जा में बदलने का कार्य करते हैं, सोलर पैनल द्वारा असमान रूप से दिष्ट धारा (DC) का उत्पादन किया जाता है। इस बिजली को नियंत्रित करने के लिए के लिए सिस्टम में सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जाता है। वे उपभोक्ता जो बिजली का बिल भरने में असमर्थ हैं, वे बिजली के बिल से बचने के लिए सोलर पैनल से चलने वाले एसी-कूलर का प्रयोग कर सकते हैं। यहाँ जाने एसी-कूलर को कौन से सोलर पैनल से जोड़ना चाहिए।

सोलर पैनल कैसे काम करते हैं?

सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है, यह प्रचुर मात्रा में सौर ऊर्जा प्रदान करता है। सोलर पैनल के अंदर सोलर सेल लगे होते हैं, जिन्हें फोटोवोल्टिक सेल (PV Cell) भी कहा जाता है। सोलर सेल सिलिकॉन जैसे अर्द्धचालक पदार्थों से बनाए जाते हैं। जब सोलर सेल पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तो उसमें उपस्थित फ़ोटॉन अर्द्धचालक पदार्थ से इलेक्ट्रॉन को मुक्त करने का कार्य करते हैं, इन मुक्त इलेक्ट्रॉन से ही धारा प्रवाहित होती है, और सोलर पैनल बिजली का उत्पादन करते हैं। इस बिजली का प्रयोग करने के लिए सोलर सिस्टम में इंवर्टर का प्रयोग किया जाता है।

सोलर सिस्टम में लगे इंवर्टर के द्वारा दिष्ट धारा को प्रत्यावर्ती धारा AC में बदला जाता है, अधिकांश विद्युत उपकरण AC के माध्यम से ही संचालित होते हैं। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को सोलर बैटरियों में भी संग्रहीत कर के रखा जा सकता है। बिजली को DC के रूप में स्टोर किया जाता है। जिसका प्रयोग भी उपकरणों को संचालित करने में किया जा सकता है।

क्या घर पर लगे एसी-कूलर को सोलर पैनल से चलाया जा सकता है?

सोलर पैनल का प्रयोग घरों में बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिस से बिजली के उपयोगकर्ताओं को भारी बिल से राहत प्राप्त होती है, अधिकांश नागरिकों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या सोलर पैनल के माध्यम से गर्मियों के मौसम में कूलर या एसी को चलाया जा सकता है? तो इसका जवाब हाँ है। सोलर पैनल द्वारा निर्मित होने वाली बिजली का प्रयोग कर के आसानी से घर के सभी कम या ज्यादा क्षमता के विद्युत उपकरणों को चला सकते हैं। जिसके लिए आवश्यक है कि एक अपने घर में संचालित होने वाले सभी विद्युत उपकरणों के लोड की जानकारी हो, जिस से सही क्षमता के सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं।

घर में 1.5 टन की एसी चलाने के लिए कितने सोलर पैनल चाहिए होते हैं?

यदि आपके घर में 1.5 टन क्षमता का एसी लगा हुआ है एवं आप उसे सोलर पैनल से बनने वाली बिजली के द्वारा संचालित करना चाहते हैं, तो ऐसे में आपको सबसे पहले अपने एसी की रेटिंग की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, जिस से आप कुशल क्षमता के सोलर पैनल का प्रयोग कर सकते हैं। सोलर पैनल की गणना घर में संचालित होने वाले सभी उपकरणों के लोड के अनुसार की जाती है, जिससे बिजली की कमी नहीं होती है, और कोई गलत क्षमता का सोलर सिस्टम स्थापित नहीं किया जाता है।

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डेढ़ टन के एसी को चलाने के लिए लगभग 10 सोलर पैनल की आवश्यकता होती है। एसी को चलाने के लिए प्रयोग किए गए 10 सोलर पैनल में से प्रत्येक लगभग 250 वाट क्षमता के होते हैं, इस से आप यह समझ सकते हैं कि यदि आप 1.5 टन के एसी को सोलर पैनल के माध्यम से संचालित करना चाहते हैं तो आपको 2.5 किलोवाट के सोलर सिस्टम को स्थापित करना होता है, ऐसे सिस्टम से आप अन्य विद्युत उपकरण भी आसानी से प्रयोग कर सकते हैं। यदि आप बैटरी के माध्यम से इस एसी को चलाना चाहते हैं तो ऐसे में आपको 700 mAh से 800 mAh की बैटरी का प्रयोग करना चाहिए।

कूलर चलाने के लिए इन सोलर पैनल का प्रयोग करें

यदि आपके घर में एसी एवं कूलर दोनों हैं तो आपको बता दें कूलर को संचालित करने के लिए कम सोलर पैनल की आवश्यकता होती है, क्योंकि कूलर कम बिजली के द्वारा भी आसानी से संचालित हो जाते हैं। एसी चलाने के लिए अधिक सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। कूलर चलाने के लिए 180 वाट से 250 वाट के दो सोलर पैनल चाहिए होते हैं, जिनके द्वारा निर्मित होने वाली बिजली से आप दिन भर कूलर की हवा प्राप्त कर सकते हैं। कूलर सामान्यतः 7 घंटे से 10 घंटे प्रयोग करने पर 1 यूनिट बिजली लेता है। इसका प्रयोग कर आर्थिक बचत भी कर सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के समय में सोलर पैनल विज्ञान का एक आधुनिक चमत्कार है, इसका प्रयोग करने से अधिक से अधिक क्षमता के बिजली के उपकरणों को आसानी से चला सकते हैं। जिस से बिजली के बिल को भी कम किया जा सकता है, सोलर सिस्टम में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण पर्यावरण के अनुकूल कार्य करते हैं, इनके प्रयोग से जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को खत्म किया जा सकता है, सोलर पैनल द्वारा बिना किसी प्रकार के प्रदूषण को उत्पन्न कर बिजली का निर्माण किया जाता है।

सोलर पैनल के अधिक प्रयोग से ही पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रख के हरित भविष्य की कल्पना की जा सकती है, और कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है। सोलर पैनल पर किए जाने वाले निवेश को बुद्धिमानी का निवेश कहा जाता है, क्योंकि एक बार यस सिस्टम स्थापित करने के बाद लंबे समय तक इनका प्रयोग किया जा सकता है। एसी-कूलर चलाने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग करना चाहिए, जिससे आप अनेक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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