कितने किलोवाट के सोलर पैनल से घर का लोड चल जाएगा, जानें

Published By SOLAR DUKAN

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सौर ऊर्जा (Solar Energy) का प्रयोग कर बनाई गयी बिजली पर्यावरण के अनुकूल होती है। इसका उपयोग आवासीय, व्यावसायिक एवं वाणिज्यिक स्तर पर किया जाता है। बहुत से उपभोक्ता अपने घर पर सोलर पैनल लगा कर बिजली के भारी बिल में छूट प्राप्त करते हैं। वहीं अधिकांश नागरिकों को घर का लोड चलने के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल चाहिए इसका अनुमान नहीं होता है।

ऐसे में उपभोक्ता या तो कम क्षमता वाले या अधिक क्षमता के सोलर पैनलों को घर में स्थापित कर देते हैं। जिस से कम क्षमता होने पर घर की बिजली का लोड अधिक होता है और सोलर उतनी बिजली उत्पादन करता नहीं है। अधिक क्षमता का सोलर पैनल महंगा होता है जिसमें उपभोक्ता को आर्थिक नुकसान होता है।

क्या आप सोलर ऊर्जा के बारे में जानते हैं, कैसे सोलर पैनल बिजली का उत्पादन करते हैं, सोलर पैनल की जानकारी जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।

सोलर पैनल से घर का लोड चलाएं

सबसे पहले घर में प्रयोग होने वाली बिजली का डाटा आपको देखना चाहिए जिस से यह पता लगाया जा सकता है कि कितने किलोवाट का सोलर पैनल स्थापित करना है। जिसके लिए घर में लगे हुए बिजली के मीटर से या बिजली के बिल से आप घर में प्रयोग की जाने वाली बिजली के लोड का पता कर सकते हैं। एवं लोड पता होने पर आप उसके आधार पर सोलर पैनल को स्थापित कर सकते हैं।

बिजली के मीटर से लोड का पता करें

ग्रिड द्वारा प्राप्त की जाने वाली बिजली की गणना के लिए घरों में इलेक्ट्रिक मीटर लगा होता है। इलेक्ट्रिक मीटर की सहायता द्वारा घर में प्रयोग होने वाली कुल बिजली के लोड का पता करने के लिए मीटर में यूनिट kW/h को देख सकते हैं। और औसत यूनिट के अनुसार बिजली के लोड की गणना कर सकते हैं। यदि आप प्रतिदिन 3 से 7 यूनिट बिजली का प्रयोग कर रहे हैं तो आपके घर में बिजली का औसतन 5 यूनिट है।

बिजली के बिल से लोड पता करें

बिजली के बिल की सहायता से घर में बिजली का लोड जानने के लिए बिजली के बिल में प्रयोग की गयी यूनिट की संख्या लिखी होती है। यदि आपका बिल मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक रूप में आता है तो आप उसमें लिखी यूनिट को प्रतिदिन के अनुसार एक औसत के रूप में निकालें। यदि मासिक यूनिट 150 हो तो प्रतिदिन 5 यूनिट बिजली का लोड हो सकता है।

लोड के अनुसार सोलर पैनल स्थापित (install) करें

यदि आपके घर में बिजली का प्रतिदिन लोड 5 यूनिट रहता है तो आप 1 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल को स्थापित कर सकते हैं। 1 kW क्षमता वाले सोलर पैनल से प्रतिदिन 4 से 6 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। एवं यदि आपके घर की बिजली का लोड औसतन 10 यूनिट प्रतिदिन रहता है तो आप 2 kW के सोलर पैनल स्थापित कर सकते हैं। जिसमें आप 500 वाट की 4 सोलर प्लेट्स का प्रयोग कर सकते हैं।

सोलर सिस्टम के उपकरण

सोलर सिस्टम को दो प्रकार से स्थापित किया जाता है जिनमें अलग-अलग उपकरण शामिल हो सकते हैं:

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में इलेक्ट्रिक ग्रिड से बिजली को साझा किया जाता है। इसका लाभ ये होता है कि बिजली के बिल में छूट प्राप्त होती है। अतिरक्त सोलर बिजली के उत्पादन के समय बिजली ग्रिड को प्रदान की जाती है। इसमें बिजली के आयात-निर्यात की गणना करने के लिए नेट मीटर लगाया जाता है एवं DC को AC में बदलने के लिए इन्वर्टर लगाया जाता है। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है?

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम

ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में चार्ज कंट्रोलर की सहायता से DC को सोलर बैटरियों में संग्रहित किया जाता है। इसका उपयोग ऐसे स्थान पर भी किया जा सकता है जहां इलेक्ट्रिक ग्रिड नहीं होते हैं। ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की तुलना में यह थोड़ा महंगा होता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बैटरी होती है जिसमें की बिजली को दिष्टधारा DC के रूप में संग्रहित किया जाता है। ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है

भारत में सोलर पैनलों की कीमत

वर्तमान में भारत में अनेक प्रकार के सोलर पैनल उपलब्ध हैं। सोलर पैनलों से सम्बंधित अनेक कम्पनियां हैं। उनमें से कुछ कंपनियों के सोलर पैनलों की कीमत निम्न है:

सोलर पैनल का प्रकार विक्रय मूल्य (रूपये में)
Tata Solar 1 kW70,000-90,000
अडानी सोलर 1 kW50,000-70,000
Waaree Solar 1 kW15,000-30,000
गोल्डी सोलर 1 kW40,000-60,000
विक्रम सोलर 1 kW15,000-30,000
पतंजलि सोलर 1 kW (ऑफ-ग्रिड)90,000-1 लाख

सोलर पैनल पर मिलने वाली सब्सिडी चेक करने के लिए यहाँ क्लिक करें

1 किलोवॉट पर चलाए जाने वाले उपकरण

1 किलोवाट क्षमता की बिजली जनरेट करने वाले सोलर पैनल से घर के अधिकांश उपकरण संचालित किये जा सकते हैं लेकिन उनका प्रयोग एक निश्चित समय के लिए ही किया जा सकता है। 1 kW बिजली से संचालित कुछ उपकरण इस प्रकार हैं:

  • ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में रेफ्रिजरेटर, वासिंग मशीन, एसी एवं वॉटर-पम्प जैसे उपकरणों को संचालित किया जा सकता है।
  • ऑफ़-ग्रिड सौर प्रणाली में अधिक बैटरी होने पर ही मोटर, एसी जैसे अधिक बिजली ग्रहण करने वाले उपकरणों को संचालित किया जा सकता है। ये ऑन-ग्रिड की तुलना में महंगे होते हैं।
  • ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टरम में चार्जिंग से सम्बंधित छोटे उपकरण मोबाइल, कम्प्यूटर आदि चलाये जा सकते हैं।

भारत में सोलर सिस्टम स्थापित करने पर सब्सिडी

सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा प्रदान करने के लिए ग्लोबली प्रयास किये जाते हैं। यदि आप भारत में अपने घर पर सोलर पैनल प्लांट स्थापित करना चाहते हैं तो ऐसे में आप इस पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। यह दो प्रकार से प्रदान की जाती है:

  • यदि 1 किलोवाट से 3 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम स्थापित किया जाये तो ऐसे में 40% सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • 3 किलोवाट से 10 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया जाये तो ऐसे में 20% सब्सिडी प्रदान की जाता है।

घर पर सोलर पैनल स्थापित करने के लाभ

  • सोलर पैनल से बिजली जनरेट करना पर्यावरण के अनुकूल है। इस से प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
  • ऑन-ग्रिड सोलर पैनल को स्थापित करने के बाद आप ग्रिड की बिजली के बिल को कम कर सकते हैं।
  • ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम को स्थापित करने पर बैटरी द्वारा आप बिजली का संग्रह कर सकते हैं। जिसका प्रयोग आप किसी भी समय कर सकते हैं।
  • यह एक बार भुगतान करने पर कई सालों तक निःशुल्क बिजली प्रदान करता है।

भारत में सोलर पैनल का निर्माण एवं विक्रय करने वाली कंपनियों की जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

घर का लोड चलाने के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल चाहिए सम्बंधित प्रश्न एवं उत्तर

घर का लोड चलाने के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल चाहिए?

घर का लोड चलाने के लिए सोलर पैनल को स्थापित करने से पूर्व आपको घर की बिजली के लोड की जानकारी होनी चाहिए। जिसे आप बिजली के मीटर द्वारा या बिजली बिल के माध्यम से ज्ञात कर सकते हैं

सोलर सिस्टम को घर पर कितने प्रकार से स्थापित किया जा सकता है ?

सोलर सिस्टम को घर पर दो प्रकार से स्थापित किया जा सकता है:
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम एवं ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम

1 किलोवाट से घर के कौन-कौन से उपकरण संचालित किये जा सकते है?

1 किलोवाट से रेफ्रिजरेटर, वासिंग मशीन, एसी एवं वॉटर-पम्प बड़े उपकरण एवं चार्जिंग के सभी छोटे उपकरण संचालित किये जा सकते हैं।

निष्कर्ष

घर का लोड चलाने के लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल चाहिए। इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम आपको घर के लोड की जानकारी होनी जरूरी है। ऐसे में आप जानकारी प्राप्त ना होने पर सोलर पैनल की जानकारी रखने वाले किसी व्यक्ति से विमर्श कर सकते हैं। सोलर पैनल स्थापित करने से कई प्रकार के लाभ आप प्राप्त कर सकते हैं।

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