इंवर्टर चार्ज नहीं हो रहा है? ये हो सकते हैं कारण

इंवर्टर बैटरी का प्रयोग करने से अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है, लेकिन यदि यह बैटरी चार्ज न हो तो इसके क्या कारण हो सकते हैं? यहाँ जानें

Published By News Desk

Published on

आज के समय में केवल इलेक्ट्रिक ग्रिड पर ही निर्भर नहीं रहा जा सकता है, बिजली की आवश्यकताएं प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में इंवर्टर बैटरियों का प्रयोग किया जा रहा है। इंवर्टर बैटरी का प्रयोग कर के बैकअप के रूप में बिजली का प्रयोग अपने आवश्यक कार्य के लिए किया जा सकता है। यदि आपका इंवर्टर चार्ज नहीं हो रहा है? (Inverter not charging?) उसके या कारण हो सकते हैं, इसकी जानकारी हम आपको इस लेख के माध्यम से प्रदान करेंगे। जिस से आप इंवर्टर का प्रयोग सही प्रकार से कर सकते हैं।

इंवर्टर चार्ज नहीं हो रहा है? ये हो सकते हैं कारण
इंवर्टर चार्ज नहीं हो रहा है?

इंवर्टर चार्ज नहीं हो रहा है?

इंवर्टर के द्वारा DC को AC में बदलने का कार्य किया जाता है, बैटरी में बिजली के केवल DC रूप को ही जमा किया जा सकता है, जिसका प्रयोग नागरिक अपनी आवश्यकता के समय कर सकते हैं। अधिकांश उपकरण AC के द्वारा ही चलाए जा सकते हैं। पावर बैकअप प्रदान करने वाले इंवर्टर में बैटरी ही इनबिल्ड होती है या बाह्य रूप से उसे जोड़ा जा सकता है।

यहाँ पर इंवर्टर चार्ज आप सीधा समझ सकते हैं कि इंवर्टर के साथ जोड़ी गई बैटरी चार्ज नहीं हो रही है, इसके कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें लेख में निस्तृत रूप से आगे बताया गया है। यदि इंवर्टर बैटरी खराब हो गई है या चार्ज नहीं हो रही है, या इंवर्टर के आंतरिक सर्किट में कुछ खराबी आ गई है, तो भी इंवर्टर चार्ज नहीं होता है। ऐसे में चार्ज न होने के कारण का पता होना आवश्यक होता है, जिससे आप इंवर्टर को प्रयोग करने में सावधानियों पर ध्यान रख सकते हैं।

इंवर्टर चार्ज न होने के कारण

SolarDukan से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें WhatsApp

इंवर्टर के चार्ज न होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:-

Dead Battery (खराब बैटरी)– यदि इंवर्टर में लगी हुई बैटरी चार्ज नहीं हो रही है तो ऐसे में यह भी हो सकता है कि बैटरी डेड पड़ गई हो। डेड बैटरी उसे कहते हैं जो अपने प्रारम्भिक चार्ज को खो चुकी होती है, एवं उसकी क्षमता पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी होती है, जिस से इस प्रकार की बैटरी का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। तो ऐसे में इंवर्टर के साथ नई बैटरी को जोड़ दिया जाता है, नई बैटरी जोड़ने से पहले आपको बैटरी के खराब या चार्ज न होने के कारण की जानकारी होनी चाहिए। नई बैटरियों को नजदीकी बाजार या ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से इंवर्टर की रेटिंग के अनुसार खरीदा जा सकता है।

पिघले हुए फ्यूज (Melted Fuses)– इंवर्टर एवं उससे संचालित उपकरणों की सुरक्षा के लिए फ्यूज का प्रयोग किया जाता है, कई बार इंवर्टर का अधिक प्रयोग करने से या ओवरचार्ज करने से अंदर लगा फ्यूज अधिक गर्म हो जाता है, ऐसे में फ्यूज पिघलता है, और पूरी तरह से सर्किट के कनेक्शन को बंद कर देता है। यदि इंवर्टर के सर्किट में रिवर्स पोलरिटी या शॉर्ट सर्किट हो,1 तो भी इंवर्टर बैटरी चार्ज नहीं होती है। ऐसे में इंवर्टर को किसी एक्सपर्ट इलेक्ट्रीशियन के द्वारा सही करवा सकते हैं। एवं नए फ्यूज को सर्किट में जोड़ सकते हैं।

जले हुए रेक्टीफायर्स (Brunt Rectifier)– रेक्टीफायर का प्रयोग बैटरी को चार्ज करने में किया जाता है, क्योंकि रेक्टीफायर AC को DC में बदलने का काम करते हैं। इंवर्टर को अधिक समय तक चार्ज करने या अधिक समय तक उसका प्रयोग करने पर अधिक तापमान के कारण रेक्टीफायर जल सकते हैं। इंवर्टर के अंदर सही सर्किट कनेक्शन के न होने के कारण भी रेक्टीफायर्स खराब हो सकते हैं। ऐसा होने पर किसी एक्सपर्ट इलेक्ट्रीशियन की सहायता से इसे बदल सकते हैं। साथ ही कूलिंग फैन का प्रयोग कर सकते हैं। जिस से इंवर्टर अधिक गर्म होने से बचाया जा सकता है।

सर्किट में खराब कनेक्शन (Loose Connection)– इंवर्टर के अंदर ढीले कनेक्शन के कारण भी बैटरी सही से चार्ज नहीं होती है। ऐसे में बैटरी के टर्मिनल और लूस क्लैंप की जांच करनी चाहिए। ऐसे में इंवर्टर को ऑन करने पर भी यह चार्ज नहीं होता है। यदि इंटर्नल सर्किट में किसी प्रकार से जंग लगी हो, तो उसे साफ करना चाहिए, और यदि आप स्वयं से बैटरी सर्किट को साफ करने में असमर्थ हैं तो किसी एक्सपर्ट तकनीशियन की सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इस कार्य में सुरक्षा का महत्वपूर्ण ध्यान रखा जाता है।

यह भी देखें:1 लाख को बना दिया ₹1 करोड़ ₹4 के इस पावर शेयर ने, शेयर पर टूटे निवेशक

1 लाख को बना दिया ₹1 करोड़ ₹4 के इस पावर शेयर ने, शेयर पर टूटे निवेशक

ट्रिप इंवर्टर (Tripped Inverter)– यदि इंवर्टर का प्रयोग करते समय उस से अनेक उपकरणों को एक साथ संचालित करने के कारण कई बार इंवर्टर स्वतः ही बंद हो जाता है, इसका कारण इंवर्टर पर एक साथ बहुत अधिक लोड का आ जाना होता है। लोड बढ़ने के कारण इंवर्टर ट्रिप हो सकता है। यह किसी प्रकार की कोई खराबी नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक होता है, ऐसे में कुछ समय इंतजार कर सकते हैं, और इंवर्टर पर लगे MCB के रीसेट बटन को दबा कर पुनः उसके माध्यम से कार्य कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि इस पर अधिक लोड को न चलाया जाए।

यदि बैटरी टर्मिनलों में जंग लग जाए

कई बार वातावरण में उपस्थित नमी के कारण इंवर्टर बैटरी के टर्मिनल में जंग लग जाती है, ऐसे में जब बैटरी को चार्ज किया जाता है, तो यह चार्ज नहीं होती है, साथ ही धीरे-धीरे से बैटरी अपनी क्षमता को भी खोने लगती है। ऐसे में समय-समय पर बैटरी के टर्मिनलों की जांच करनी चाहिए, एवं उनकी सफाई करनी चाहिए। जिस से उन्हें सही से प्रयोग किया जा सकता है। और बैटरी को चार्ज होने में भी किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है।

ओवरहीटिंग होने के कारण

इंवर्टर पर ओवरलोड पड़ने के कारण और कूलिंग फैन के ठीक से न करने के कारण इंवर्टर अधिक गर्म हो जाता है। ऐसे में इंवर्टर इन्डिकेटर के द्वारा अलार्म बजा देता है। और काम करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में इंवर्टर से संचालित होने वाले सभी उपकरणों को बंद कर देना चाहिए, जिस से लोड को कम किया जा सकता है। एवं इंवर्टर को ठंडा होने देना चाहिए। इस स्थिति में पंखे का प्रयोग करना चाहिए, एक बार पुनः नॉर्मल होने पर इंवर्टर का प्रयोग किया जा सकता है।

इंवर्टर के रखरखाव करने के लाभ

इंवर्टर के चार्ज न होने के कारण की जानकारी देखने के बाद अब आप उसके रखरखाव करने के तरीके और लाभ की जानकारी देखें:-

  • यदि इंवर्टर का उचित रखरखाव किया जाता है, तो इसका प्रयोग 10-15 साल तक आसानी से किया जा सकता है।
  • इंवर्टर का उचित रूप से प्रयोग करना चाहिए, इस पर आवश्यकता से अधिक लोड को नहीं चलाना चाहिए। ऐसे में यह सही से कार्य करता है।
  • यदि आप सर्किट की जानकारी नहीं रखते हैं तो किसी भी प्रकार की समस्या होने पर एक्सपर्ट इलेक्ट्रीशियन की सहायता प्राप्त करें। जिस से सुरक्षा एवं सावधानी का पूरा ध्यान रखा जा सकता है।
  • इंवर्टर का रखरखाव करने से बैटरी को चार्ज होने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है, और पर सही ढंग से प्रयोग में ली जा सकती है।

निष्कर्ष

इस लेख के माध्यम से आप इंवर्टर चार्ज नहीं हो रहा है? के कारणों की जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं, और समय रहते हुए उसमें होने वाली समस्याओं का निदान कर सकते हैं। यदि इनवर्टरों का प्रयोग ऐसे स्थानों पर किया जा रहा है, जहां बिजली की कटौती अधिक मात्रा में होती है, तो ऐसे में बहुत आवश्यक है कि इंवर्टर का रखरखाव सही से किया जाए। जिस से किसी भी प्रकार की कोई समस्या ही उत्पन्न न हो और उपयोगकर्ता अपनी बिजली की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकता है।

  1. रिवर्स पोलरिटी का संरक्षण किया जा सकता है। ↩︎

यह भी देखें:Waaree 4Kw सोलर पैनल- टॉप सोलर कंपनी Waaree के 4 किलोवाट सोलर सिस्टम की कीमत की कैलकुलेशन करें

Waaree 4Kw सोलर पैनल सिस्टम की कीमत कैलकुलेशन करें

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें