एमपी में सोलर पावर प्लांट ने शुरू किया बिजली उत्पादन, नागरिकों के लिए खुशखबरी

ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (मध्य प्रदेश) द्वारा बिजली बनाने का काम शुरू हो गया है, ऐसे में अब राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता में वृद्धि हुई है।

Published By News Desk

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एमपी में सोलर पावर प्लांट ने शुरू किया बिजली उत्पादन, नागरिकों के लिए खुशखबरी
सोलर पावर प्लांट

देश भर में सोलर एनर्जी से जुड़े अनेक सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं, इन पावर प्लांट से बनने वाली बिजली से ही देश की नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। हाल ही में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थापित किए गए ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Omkareshwar Floating Solar Power Plant) ने भी अब बिजली उत्पादन का कार्य शुरू कर दिया गया है। ऐसे में अब राज्य में सोलर एनर्जी से बिजली उत्पादन की क्षमता में भी तगड़ी वृद्धि हुई है।

सोलर पावर प्लांट ने शुरू किया बिजली उत्पादन

मध्य प्रदेश में सोलर एनर्जी से जुड़े कई प्रोजेक्ट स्थापित किए गए हैं, राज्य में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के कार्य ने तेजी पकड़ ली है। अब राज्य में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट ने भी बिजली का उत्पादन करना शुरू कर दिया है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की एक यूनिट ने बिजली का उत्पादन करना शुरू कर दिया है। यह पावर प्लांट ओंकारेश्वर स्थित जलाशय में लगाया गया है, जिसमें 88MW प्लांट की D यूनिट ने काम करना शुरू कर दिया है।

MD द्वारा किया गया प्लांट चालू

इस पावर प्रोजेक्ट के एमडी राजीव जैन द्वारा इस यूनिट को शुरू किया गया है, इस NHDC द्वारा इस पावर प्लांट की 50% क्षमता को जून में ही शुरू कर दिया था। इस प्रोजेक्ट से बनने वाली बिजली की कीमत 3.22 रुपये प्रति यूनिट है। इससे बनने वाली ऊर्जा को MPPMCL द्वारा एग्रीमेंट किया गया है। यह पावर प्लांट दुनिया में सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का भाग है। जिसकी टोलट क्षमता 520 मेगावाट है।

ओंकारेश्वर सोलर पावर प्लांट की संरचना

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इस सोलर पावर प्रोजेक्ट से बनने वाली बिजली को 33kV में बदलने के बाद 4.5Km ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से 33kV/220kV सब-स्टेशन सक्तापुर में भेज दिया गया, यह सब-स्टेशन अब राज्य की ट्रांसमिशन कंपनी के ग्रिड से जोड़ा गया है। जिसे कंट्रोल करने के लिए स्टेशन में कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी। इस प्लांट के द्वारा एक साल के अन्तर्गत 204.58MU बिजली का उत्पादन किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट बैक वाटर में 207.4 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।

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पर्यावरण के लिए फायदेमंद

सोलर प्रोजेक्ट से पर्यावरण को सबसे ज्यादा लाभ प्राप्त होता है, क्योंकि फ्लोटिंग प्लांट में निकासी की व्यवस्था के लिए बहुत कम जगह की जरूरत होती है। साथ ही ऐसे में जलाशयों में पानी के भाप बनने की मात्रा भी कम हो जाती है, जिससे जल संरक्षण करने में भी सहायता प्राप्त होती है। इस प्लांट से हर साल 32.5 लाख घन लीटर पानी को भाप बनने से बचाया जाएगा। फ्लोटिंग प्लांट में लगे सोलर पैनल भी कुशलता से कार्य करते हैं।

इस प्रकार के सोलर पावर प्लांट लगाने के बाद राज्य में बिजली की आपूर्ति को आसानी से किया जा सकता है, एवं आम नागरिकों को बिजली कम कीमत में भी प्राप्त हो सकती है। इस प्रकार सोलर पैनल से जनरेट होने वाली बिजली से लंबे समय तक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

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