सोलर पैनल की लागत 4 साल के बिजली बिल जितनी 21 साल फ्री बिजली मिलेगी

सोलर पैनल लगवाने से पहले, कंपनी की आफ्टर सेल्स सर्विस और फाइनेंसिंग विकल्पों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। अच्छे सेवा प्रदाता सरकार की सब्सिडी प्रक्रिया में मदद, मेंटेनेंस और पैनल रिप्लेसमेंट की सुविधा प्रदान करते हैं। राधिका चौधरी का सुझाव है कि गुणवत्ता और सेवा को प्राथमिकता देना चाहिए।

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सोलर पैनल की लागत 4 साल के बिजली बिल जितनी 21 साल फ्री बिजली मिलेगी

सोलर पैनल लगाने का निर्णय महत्वपूर्ण है, खासकर जब बाजार में विभिन्न कंपनियों के उत्पाद और सेवाओं में काफी अंतर होता है। यहाँ हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और फ्रेयर एनर्जी की को-फाउंडर राधिका चौधरी से प्राप्त जानकारी साझा करेंगे।

सोलर पैनल की कीमत और चयन

सोलर पैनल की कीमतें विभिन्न कंपनियों के बीच अलग-अलग होती हैं। 3 किलोवाट के सोलर पैनल के लिए कोटेशन लेने पर कीमतें लगभग 1.20 लाख रुपये के आसपास हैं। राधिका चौधरी के अनुसार, पैनल की गुणवत्ता को नेकेड आईज से पहचानना मुश्किल है। मार्केट में टियर-2 और टियर-3 टाइप के प्रोडक्ट भी उपलब्ध होते हैं, जिनकी कीमत में 10%-15% का ही अंतर होता है। आफ्टर सेल्स सर्विस के हिसाब से पैनल चुनना सबसे बेहतर है, क्योंकि पैनल खराब होने पर फ्री में रिप्लेसमेंट और मेंटेनेंस की सुविधा मिलनी चाहिए।

बिजली कनेक्शन की कैपेसिटी

अगर घर का कनेक्शन 1 किलोवाट का है और 3 किलोवाट का सोलर लगवाना चाहते हैं, तो कनेक्शन की कैपेसिटी बढ़वानी होगी। कई राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन है, जबकि कुछ स्थानों पर इसे ऑफलाइन माध्यम से किया जाता है। फ्रेयर एनर्जी इस प्रक्रिया में भी मदद करती है, जिससे ग्राहक आसानी से अपनी कैपेसिटी बढ़वा सकते हैं।

सर्दियों और बारिश में सोलर पैनल की कार्यक्षमता

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सोलर पैनल सर्दियों और बारिश के दिनों में भी बिजली जनरेट करते हैं, लेकिन गर्मियों की तुलना में कम होती है। यह पैनल इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन के साथ ही लगाए जाते हैं, जिसे ऑन ग्रिड सिस्टम कहा जाता है। इससे यूजर को यह पता नहीं चलता कि बिजली सोलर से आ रही है या ग्रिड से।

बैटरी का उपयोग

भारत में बैटरी का उपयोग कम होता है क्योंकि इससे मेंटेनेंस और कॉस्ट दोनों बढ़ जाती हैं। बैटरी तब लगाई जाती है जब ग्रिड स्टेबिलिटी का इश्यू हो या जब पीक आवर्स में इलेक्ट्रिसिटी रेट ज्यादा हो। भारत का बाजार बहुत प्राइस सेंसिटिव है, इसलिए बैटरी के उपयोग से सोलर पैनल की लागत 50% तक बढ़ जाती है।

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सरकार की नीतियाँ और सब्सिडी

सरकार वर्चुअल नेट मीटरिंग की सुविधा लाने पर विचार कर रही है, जिससे अपार्टमेंट में रहने वाले लोग भी सोलर पैनल लगा सकें। इसके अलावा, प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने की योजना भी है। इसके अलावा सरकार की तरफ से सोलर पैनल सिस्टम लगाने पर सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई जाती है।

फ्रेयर एनर्जी की स्थापना

राधिका चौधरी ने बताया कि नेशनल सोलर मिशन 2008 में लॉन्च हुआ था, लेकिन 2014 में सोलर बिजनेस शुरू करना काफी कठिन था क्योंकि बाजार अनऑर्गेनाइज्ड था। उन्होंने टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर बड़े एरिया को टारगेट करना शुरू किया और अब कंपनी का रेवेन्यू 800 करोड़ रुपये है, जिसे अगले साल दोगुना करने की योजना है।

सोलर पैनल लगवाने से पहले कंपनी की आफ्टर सेल्स सर्विस और फाइनेंसिंग विकल्पों पर ध्यान देना जरूरी है।

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