अपनी छत पर लगे सोलर पैनल का सच जानें! ‘मेड इन इंडिया’ या चीनी?

क्या आपने लाखों खर्च कर जो सोलर पैनल लगवाया है, वो वाकई भारतीय है या बस नाम का? चाइनीज़ पैनल बनते हैं भारत में भी, पहचान पाना मुश्किल है। लेकिन चिंता मत कीजिए! हम बता रहे हैं एक ऐसा आसान तरीका जिससे आप तुरंत जान सकेंगे सच—बस एक नज़र में!

Published By Rohit Kumar

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भारत में सोलर पैनल का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है, साथ ही बाजारों में भारत के सोलर ब्रांड अपने आधुनिक सोलर उपकरणों को पेश कर रहे हैं। सोलर पैनल का प्रयोग कर सौर ऊर्जा से बिजली बनाई जाती है। आज के समय में तेजी से घरों में सोलर पैनल लग रहे हैं। सरकार द्वारा भी सोलर पैनल को लगाने के लिए नागरिकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ऐसे में सब्सिडी प्राप्त कर कम कीमत में सोलर सिस्टम को स्थापित किया जा सकता है। छत पर लगा सोलर पैनल ‘मेड इन इंडिया’ है या चाईनीज? ऐसे चलेगा पता।

आपके छत पर लगा सोलर पैनल 'मेड इन इंडिया' है या चाईनीज? ऐसे चलेगा पता
सोलर पैनल

छत पर लगा सोलर पैनल ‘मेड इन इंडिया’ है या चाईनीज?

हाल ही में DCR (डोमेस्टिक कंटेंट रूल्स) में चीन द्वारा इम्पोर्ट किए गए सोलर पैनल की जांच की गई, जिसमें वे विफल रहे। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा मेड इन इंडिया सोलर पैनल के लिए एक ऑनलाइन रिपॉजिटरी लांच की जाने की घोषणा की गई है। लाइव मिनट की रिपोर्ट के अनुसार MNRE के सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला द्वारा बताया गया कि मैन्युफैक्चर्ड मॉड्यूल पर एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर रहेगा, जिस से इसे प्लेटफ़ॉर्म पर रजिस्टर्ड किया जाएगा। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के लाभार्थी सोलर पैनल को वेरीफाई कर सकते हैं।

इस प्रकार यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर की सहायता से उपभोक्ता आसानी से यह जान सकते हैं कि उनके घर की छत पर मेड इन इंडिया सोलर पैनल लगा है या नहीं। यदि ऐसा पंजीकृत सोलर पैनल उनके सिस्टम पर न लगा हो तो वे सही सोलर पैनल को जो भारत में निर्मित हो, ऐसे सोलर पैनल को लगा सकते हैं। भारत सरकार द्वारा सोलर पैनल को स्थापित करने से देश की नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता भी बढ़ेगी, और परिवारों को बिजली के भारी बिल से भी राहत प्राप्त होगी। एवं वे पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने में भी अपना सहयोग प्रदान कर सकते हैं।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लांच किया जाएगा

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MNRE के सचिव द्वारा यह जानकारी दी गई है कि आवासीय स्तर पर सोलर पैनल विनिर्माण की ट्रेसबिलिटी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लांच किया जाएगा, जिसमें यूआईडी वाले सोलर पैनल होंगे, जिन्हें भारत में बनाया गया जाएगा। ऐसे सोलर पैनल की स्थापना सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं में की जाएगी। जिस से यूआईडी होने पर सोलर पैनल की जांच हो सकती है। और यह सत्यापित किया जा सकेगा कि योजना में स्थापित सोलर पैनल को भारत में विशेष रूप से विनिर्मित किया गया है।

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इस प्लेटफॉर्म को बनाने में इंडस्ट्री की सहायता से 6 महीने की प्रोसेस में विकसित किया जाएगा, इस प्लेटफॉर्म को आने वाले 2 महीने में लांच किया जा सकता है। CPSU की योजना के फेज 2 और पीएम कुसुम योजना सहित केंद्र के अन्य सब्सिडी योजनाओं के अंतर्गत लगाए जाने वाले सोलर सिस्टम में इन्हीं सोलर पैनल का प्रयोग किया जाएगा। पीएम सूर्योदय योजना में भी यही सोलर पैनल घरों की छतों पर स्थापित किए जाएंगे। भारत में निर्मिट सोलर पैनल का प्रयोग कर उनकी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी, जिस से ऐसे सोलर पैनल का प्रयोग अधिक हो सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि होगी।

भारत में बनने वाले सोलर पैनल उच्च प्रदर्शन करेंगे, जिन्हें लंबे समय तक प्रयोग किया जा सकता है। सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल बिजली उत्पादन करने के लिए जाने जाते हैं, ये किसी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न नहीं करते हैं। सोल पैनल के अधिक से अधिक प्रयोग से जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को कम किया जा सकता है।

जिससे पर्यावरण में मौजूद कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है। सोलर पैनल को सरकार द्वारा प्राप्त सब्सिडी के माध्यम से कम कीमत में लगाया जा सकता है, सोलर सिस्टम पर किए जाने वाले निवेश को बुद्धिमानी का निवेश कहा जाता है, क्योंकि ऐसे सोलर सिस्टम का प्रयोग कई सालों तक किया जा सकता है।

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