यह 5 सोलर उपकरण किसानों की खेती संबंधित समस्याओं का करेंगे समाधान

कृषि के क्षेत्र में सोलर उपकरणों का प्रयोग कर किसान अनेक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। और अपनी कृषि को विकसित कर सकते हैं।

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कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रयोग आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है, ऐसा होने से कृषि क्षेत्र को विकसित किया जा सकता है। यदि आप किसान हैं और अपने कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के सोलर उपकरणों का प्रयोग करना चाहते हैं, तो हम आपको इस लेख में टॉप 5 सोलर उपकरण की जानकारी प्रदान करेंगे, जिनका प्रयोग कर आप अपने कृषि क्षेत्र को विकसित कर सकते हैं। कृषि क्षेत्र में प्रयोग किये जाने वाले कुछ सोलर उपकरणों पर केंद्र एवं राज्य सरकार अपने-अपने स्तर से सब्सिडी प्रदान करती है।

यह 5 सोलर उपकरण किसानों की खेती संबंधित समस्याओं का करेंगे समाधान
5 सोलर उपकरण किसानों की खेती संबंधित

कृषि में प्रयोग होने वाले टॉप 5 सोलर उपकरण

जैसा कि आप देखते होंगे कृषि क्षेत्र में सिंचाई से जुड़े कार्यों में पंप का प्रयोग किया जाता है, ऐसे ही अलग-अलग कार्यों के लिए भी अन्य उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। इलेक्ट्रिक ग्रिड से ऐसे उपकरणों को चलाने पर भारी बिजली का बिल प्राप्त किया जा सकता है, या जीवाश्म ईंधन की सहायता से इन उपकरणों का चला कर आर्थिक नुकसान के साथ ही पर्यावरण को भी प्रदूषित किया जाता है, ऐसे में आवश्यक है, कि ऐसे उपकरणों का प्रयोग किया जाए, जो सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा के माध्यम से संचालित होते हैं। एवं उपयगकर्ता को लाभ प्रदान करते हैं। कृषि में प्रयोग होने वाले टॉप 5 सोलर उपकरण (Top 5 Farming Solar Equipment) इस प्रकार हैं:-

सोलर वाटर पंप (Solar Pump)

कृषि क्षेत्र में कई फसलों के उत्पादन के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है, सिंचाई को सामान्यतः जीवाश्म ईंधन से संचालित होने वाले पंपों से किया जाता है, जिसके प्रयोग से किसानों को आर्थिक नुकसान भी होता है, और पर्यावरण को भी भारी मात्रा में प्रदूषित करने का कार्य यह करता है। या ग्रिड बिजली से संचालित होने वाले पंप का प्रयोग कर किसान भारी बिल प्राप्त करते हैं। ऐसे में सोलर वाटर पंप का प्रयोग कर किसान बंधु अनेक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अपनी आवश्यकता के अनुसार उचित दक्षता एवं क्षमता के सोलर पंप का प्रयोग करना चाहिए। सोलर वाटर पंप (Solar Pump)

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सोलर पंप सूर्य से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित होता है, इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है, किसान अपने खेतों में पानी की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। सोलर वाटर पंप को स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना के माध्यम से कम कीमत में इसे स्थापित किया जा सकता है। इस योजना के माध्यम से सोलर पंप को लगाने में होने वाले 90% खर्च को सरकार द्वारा किया जाता है। योजना में 2 HP से 10 HP तक क्षमता के सोलर पंप पर सब्सिडी प्रदान की जाती है।

सोलर ट्रॉली (Solar on Wheels Trolley)

सोलर ट्रॉली के द्वारा सोलर पैनल को कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है, जिस से कृषि क्षेत्र में उसे कही पर भी प्रयोग किया जा सकता है। भारत में कुछ ब्रांड की सोलर ट्रॉली उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग किसान कर सकते हैं। सोलर ट्रॉली में सोलर पैनल को स्थापित करने के फ्रेम पहले से ही बने होते हैं, इस फ्रेम में सोलर पैनल को आसानी से स्थापित किया जा सकता है, और सौर ऊर्जा का प्रयोग कर के बिजली को प्राप्त किया जाता है। अपनी आवश्यकता के अनुसार खेतों में ट्रॉली से सोलर पैनल को कहीं पर भी स्थापित किया जा सकता है। इसका प्रयोग कर के सोलर पैनल को पोर्टेबल बनाया जा सकता है। सोलर ट्रॉली (Solar on Wheels Trolley)

सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम

सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम (Solar Power Fencing System) एक ऐसा सिस्टम है जिसका प्रयोग कर के कृषि क्षेत्र की सुरक्षा की जाती है, इस सिस्टम में अपने कृषि क्षेत्र के चारों ओर मेटल के तार की एक बाउंड्री बना कर उसमें DC करंट को थोड़े-थोड़े से समय अंतराल में छोड़ा जाता है, इस प्रकार के सिस्टम के द्वारा कृषि क्षेत्र में बाह्य जानवरों एवं अन्य घुसपैठियों को रोकने का कार्य किया जाता है। जिस से फसलों की सुरक्षा की जा सकती है। इस सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम का प्रयोग कृषि क्षेत्र के अतिरिक्त औद्योगिक क्षेत्रों में भी किया जाता है। सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम

जंगली जानवरों से बचाव के लिए भी इस सिस्टम का प्रयोग किया जाता है, यह अलग-अलग क्षमता के अनुसार स्थापित किया जाता है, यदि कोई नागरिक अपनी 5 एकड़ की भूमि में सोलर पावर फेंसिंग सिस्टम को स्थापित करना चाहता है, तो इसमें लगभग 40 हजार रुपये तक का खर्चा हो सकता है। ऐसे सिस्टम को स्थापित करने में कम खर्चा होता है।

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सोलर रूफटॉप

किसान अपने घर की छत पर भी सोलर पैनल को स्थापित कर बिजली के बिल को कम कर सकते हैं, केंद्र सरकार द्वारा घर की छतों पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए अनेक सोलर योजनाओं (Solar Rooftop) को लांच किया गया है, इन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर के सोलर पैनल को कम कीमत पर स्थापित किया जा सकता है।

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सोलर पैनल को स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार अपने-अपने स्तर से नागरिकों को सोलर सब्सिडी प्रदान करती है, सरकार द्वारा 1 किलोवाट से 10 किलोवाट तक की क्षमता के सोलर पैनल को लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। सोलर पैनल को एक बार सही से स्थापित के अनेक वर्षों तक इसका लाभ प्राप्त किया जा सकता है। छत पर सोलर सिस्टम लगाने से कितना कम होता है बिजली का बिल?

सोलर इन्वर्टर

सोलर इंवर्टर का प्रयोग कर के बैटरी या सोलर पैनल से प्राप्त होने वाली दिष्ट धारा DC को अल्टरनेटिव करंट AC में बदलने का कार्य किया जाता है। घरों में प्रयोग किये जाने वाले सामान्य इंवर्टर की तुलना में सोलर इंवर्टर की कीमत अधिक होती है, सोलर इंवर्टर का प्रयोग कर AC से चलने वाले सभी उपकरणों का आसानी से संचालित किया जा सकता है। सोलर सिस्टम के अनुसार सोलर इंवर्टर का प्रयोग किया जाता है, सामान्यतः सोलर सिस्टम ऑनग्रिड, ऑफग्रिड एवं हाइब्रिड प्रकार से स्थापित किये जाते हैं। किसान अपने सोलर सिस्टम की क्षमता, उसके प्रकार के अनुसार सही सोलर इंवर्टर का प्रयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सोलर पैनल का प्रयोग हर प्रकार के सोलर उपकरण में किया जाता है, किसान सोलर उपकरणों का प्रयोग कर के कृषि को आसान एवं विकसित बना सकते हैं, सोलर उपकरणों के प्रयोग से आर्थिक बचत भी किसान कर सकते हैं, और जिस समय कृषि संबंधित कार्य न हो उस दौरान इलेक्ट्रिक ग्रिड को सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को बेच कर आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। आज के समय में हर क्षेत्र में सोलर उपकरणों का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है।

सोलर उपकरणों के अधिक से अधिक प्रयोग से ही हरित भविष्य की कल्पना की जा सकती है, क्योंकि सोलर उपकरण किसी भी प्रकार के प्रदूषण को उत्पन्न नहीं करते हैं, इनके द्वारा पर्यावरण के अनुकूल ही बिजली का उत्पादन कार्य किया जाता है। जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को खत्म किया जा सकता है, और कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है।

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