Wind Energy Stocks: सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) में फिर लौटी तेजी! क्या wind energy के शेयर अब सोलर को टक्कर देंगे? निवेश का सही मौका जानें

सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयरों में हाल ही में फिर से तेज़ी देखी गई है, जिसका मुख्य कारण कंपनी का ऋण-मुक्त होना, मजबूत ऑर्डर बुक और बेहतर वित्तीय परिणाम हैं, यह तेजी अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते निवेश और भारत सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों से प्रेरित है

Published By Rohit Kumar

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Wind Energy Stocks: सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) में फिर लौटी तेजी! क्या wind energy के शेयर अब सोलर को टक्कर देंगे? निवेश का सही मौका जानें
Wind Energy Stocks: सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) में फिर लौटी तेजी! क्या wind energy के शेयर अब सोलर को टक्कर देंगे? निवेश का सही मौका जानें

सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयरों में हाल ही में फिर से तेज़ी देखी गई है, जिसका मुख्य कारण कंपनी का ऋण-मुक्त होना, मजबूत ऑर्डर बुक और बेहतर वित्तीय परिणाम हैं, यह तेजी अक्षय ऊर्जा (renewable energy) क्षेत्र में बढ़ते निवेश और भारत सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों से प्रेरित है। 

सुजलॉन एनर्जी में निवेश का मौका: मुख्य बातें

  • सुजलॉन ने हाल ही में मजबूत वित्तीय परिणाम (Q3 FY25 में राजस्व में 91% की वृद्धि) दर्ज किए हैं और इसकी ऑर्डर बुक लगभग 6.5 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा, कंपनी अब लगभग ऋण-मुक्त हो चुकी है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
  •  कई विश्लेषक (जैसे मोतीलाल ओसवाल) सुजलॉन पर बुलिश हैं और इसके शेयर के लिए उच्च लक्ष्य (₹82 तक) देख रहे हैं।
  • शेयर फिलहाल अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹74.30 से नीचे कारोबार कर रहा है, जो बताता है कि इसमें अस्थिरता है। निवेशक को बाजार के उतार-चढ़ाव और व्यापक आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखना चाहिए। 

विंड एनर्जी बनाम सोलर एनर्जी: कौन किसको टक्कर देगा?

भारत के अक्षय ऊर्जा परिदृश्य में, सोलर और विंड एनर्जी दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और वे एक-दूसरे के पूरक (complementary) हैं, न कि पूरी तरह से प्रतिस्पर्धी। 

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  • भारत की कुल स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में सोलर एनर्जी का हिस्सा सबसे अधिक (लगभग 48%) है, क्योंकि सौर पैनल अपेक्षाकृत सस्ते हैं और आवासीय उपयोग के लिए अधिक उपयुक्त हैं।
  •  विंड एनर्जी ग्रिड को संतुलित करने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन के अलग-अलग समय में बिजली पैदा कर सकती है, खासकर जब धूप उपलब्ध न हो।
  • भारत सरकार ने 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विंड और सोलर दोनों क्षेत्रों में भारी निवेश और विकास आवश्यक है।
  • कई ऊर्जा उत्पादक अब ग्रिड की विश्वसनीयता और लागत-प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए विंड और सोलर प्रोजेक्ट्स को मिलाकर हाइब्रिड परियोजनाएं स्थापित कर रहे हैं। 
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क्यूंकि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में ज़बरदस्त विकास की संभावना है, इसलिए दोनों क्षेत्रों के गुणवत्तापूर्ण शेयरों में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। सुजलॉन एनर्जी, एक मार्केट लीडर के रूप में, एक आकर्षक विकल्प हो सकता है, लेकिन किसी भी निवेश से पहले गहन शोध और वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि शेयर बाजार में जोखिम होता है।

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