इन्वर्टर बैटरी कितने प्रकार की होती हैं

इन्वर्टर के साथ प्रयोग करने के लिए बाजार में लेड एसिड बैटरी एवं लिथियम बैटरी उपलब्ध हैं। लिथियम इनवर्टर बैटरी, लेड एसिड इनवर्टर बैटरी के सामने बहुत महंगी है। यह बहुत देर तक बैकअप प्रदान करती है।

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बिजली की अनावश्यक कटौती होने पर उपभोक्ताओं द्वारा इन्वर्टर का प्रयोग किया जाता है। किसी भी प्रकार के इन्वर्टर का प्रयोग दिष्ट धारा DC को प्रत्यावर्ती धारा AC में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। इन्वर्टर को बैटरी के साथ जोड़ा जाता है। जिस से उपभोक्ता बिजली की आवश्यकता के समय इसका प्रयोग कर सकता है। इन्वर्टर बैटरी (Inverter Battery) DC रूप में बिजली को संगृहीत करती है। इन्वर्टर बैटरी का प्रयोग बिजली कटौती के समय किया जाता है। यह बैटरियां कितने प्रकार की होती है। इसकी जानकारी इस लेख के माध्यम से प्रदान की जाएगी। जिसमें उनकी विशेषताएं एवं दोषों के बारे में बताया गया है।

इन्वर्टर बैटरी कितने प्रकार की होती हैं
इनवर्टर बैटरी के प्रकार

घर के लोड के अनुसार इन्वर्टर बैटरी को खरीदना चाहिए जिसके लिए बिजली के लोड के अनुसार बैटरियों की कैलकुलेशन करनी होती हैं यदि आप बैटरी के कैलकुलेशन की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो लेख पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

इन्वर्टर बैटरी के प्रकार

इन्वर्टर के साथ प्रयोग करने के लिए बाजार में लेड एसिड बैटरी एवं लिथियम बैटरी उपलब्ध हैं। लिथियम इनवर्टर बैटरी, लेड एसिड इनवर्टर बैटरी के सामने बहुत महंगी है। यह बहुत देर तक बैकअप प्रदान करती है। इन्वर्टर बैटरी की कीमत (Inverter Battery Price) बैटरी के प्रकार पर निर्भर करती है। लिथियम बैटरी महंगी होने के कारण इसका वर्तमान में कम प्रयोग किया जा रहा है। बैटरी को हम इस प्रकार से विभाजित कर सकते हैं:

  1. लेड एसिड बैटरी (Lead Acid Batteries)
    • फ्लैट प्लेट बैटरी
    • जैल बैटरी
    • ट्यूबलर बैटरी
    • सोलर बैटरी
  2. लिथियम बैटरी (Lithium Batteries)

लेड एसिड बैटरी

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लेड एसिड बैटरी सबसे पुरानी इनवर्टर बैटरी है। इसे अब कुछ नई तकनीक से बनाया जाने लगा है। यह रिचार्जेबल बैटरी होती है। इसमें लेड होने के साथ साथ सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4) का प्रयोग इलेक्ट्रोलाइट के रूप में किया जाता है। यह गैल्वेनिक सेल के रूप में कार्य करता है। लेड एसिड बैटरी को फुल चार्ज करने के लिए 14 से 16 घंटे का समय लगता है। लेड एसिड बैटरी पर अधिकतम ५ वर्ष की वारंटी कंपनियां प्रदान करती हैं। यह मुख्य रूप से 4 प्रकार की होती है:

लेड एसिड बैटरी

फ्लैट प्लेट बैटरी

यह सबसे पुरानी तकनीक से बनाई जाने वाली लेड एसिड बैटरी है। फ्लैट प्लेट बैटरी के अंदर एसिड भरा जाता है जिसकी सहायता से यह चार्ज होती है। इसके अतिरिक्त इसमें अधिकांश समय पानी भरा जाता है। इस इनवर्टर बैटरी के कार्य करने पर यह पानी अवशोषित होता है। फ्लैट प्लेट बैटरी 150 Ah की कीमत लगभग 10 हजार रूपये है।
फ्लैट प्लेट बैटरी

यह बैटरी आकार में छोटी होती है लेकिन इसकी लम्बाई अधिक रहती है। छोटे आकार के कारण ही इसे घरों में प्रयोग भी किया जाता है। यह बैटरी कम समय तक ही कार्य करती है। यह कम लोड तक का कार्य ही कर सकती है। इसका प्रयोग ऐसे स्थानों पर किया जा सकता है जहां बिजली को कटौती होते रहती है।

जैल बैटरी

लेड एसिड बैटरी में जैल बैटरी आधुनिक है। इसमें जैल भरा जाता है और ऐसे अच्छे से बंद किया जाता है जिस कारण इसे सीलबंद बैटरी भी कहा जाता है। जिस से इसके अंदर भरा गया एसिड बाहर नहीं निकलता है। इस इनवर्टर बैटरी में पानी भरने पर इसे अच्छे से बंद कर देना चाहिए। जिस से इसके अंदर का पानी भी बाहर नहीं निकलता है।
जैल बैटरी

यह बैटरी अधिक लोड पर भी कार्य कर सकती है। इसकी बैटरी लाइफ फ्लैट प्लेट बैटरी से अधिक होती है। लेड एसिड जैल बैटरी की कीमत अधिक होती है। इसकी 150 Ah की बैटरी की कीमत लगभग 15 रूपये तक होती है।

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ट्यूबलर बैटरी

ट्यूबलर बैटरी लेड एसिड बैटरी का ही एक प्रकार है। इस बैटरी के अंदर ट्यूब के आकार की लम्बी प्लेट लगी होती हैं, जिसके कारण यह सामान्य बैटरी की तुलना में अधिक मात्रा में बिजली को संगृहीत करती है। इनवर्टर बैटरी के अंदर लगी हुई प्लेट सल्फ्यूरिक एसिड में डूबी रहती हैं। इस बैटरी का वजन अधिक होता है। लेड बैटरी में इस बैटरी का प्रयोग सर्वाधिक किया जाता है। ट्यूबलर बैटरी क्या होती है

ट्यूबलर बैटरी के अंदर भी समय-समय पर पानी भरना होता है, जिस से यह सही से कार्य करती है। यह लेड एसिड बैटरियों में विश्वसनीय है। इसका रखरखाव एवं निर्माण आसान होता है। इसकी बैटरी लाइफ अधिक होती है। ट्यूबलर बैटरी अधिक तापमान पर भी सही से कार्य करती है। इसकी कीमत Ah एवं ब्रांड के आधार पर अलग-अलग होती है। 150 Ah की ट्यूबलर बैटरी की कीमत 12 हजार रूपये तक है।

सोलर बैटरी

सोलर बैटरी वह बैटरी होती है जिसका प्रयोग सामान्यतः सोलर सिस्टम में किया जाता है। साथ ही यह बैटरी ग्रिड से प्राप्त होने वाली बिजली से भी चार्ज की जा सकती है। यह भी लेड एसिड बैटरी ही होती है। इसे ट्यूबलर तकनीक से बनाया जाता है। जिस कारण इसका बैटरी बैकअप अधिक होता है।
सोलर बैटरी क्या है

यह भी देखें:Aluminium Air Battery क्या होती है

Aluminium Air Battery क्या होती है और इसके क्या फायदे है

सोलर इनवर्टर बैटरी की बैटरी लाइफ भी अधिक होती है। इसे अधिक रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती है। इसकी कीमत ट्यूबलर बैटरी के समान ही होती है। 150 Ah की सोलर बैटरी लगभग 12 हजार रूपये तक होती है।

लिथियम बैटरी

लिथियम बैटरी सर्वाधिक आधुनिक बैटरी है। इसमें लिथियम फॉस्फेट का प्रयोग किया जाता है। इस बैटरी का वजन कम होता है। इसे अपने साथ ले जाया जा सकता है। लिथियम इनवर्टर बैटरी को रखरखाव की अधिक आवश्यकता नहीं होती है। इसकी बिजली संग्रह करने की दक्षता लगभग ९५% होती है। यह चार्ज होने में भी कम समय लगाती है।

लिथियम बैटरी क्या है

इस बैटरी को स्थापित करने पर कंपनी द्वारा 10 से 15 साल तक की वारंटी प्रदान की जाती है। जिसमें अगर वारंटी के समय बैटरी खराब हो जाती है तो कम्पनी द्वारा नई बैटरी आपको दी जाती है। लिथियम बैटरी की कीमत अधिक होती है। लिथियम 150 Ah बैटरी की कीमत 35 हजार रूपये से शुरू है। इस प्रकार की बैटरी के प्रयोग से लिथियम इन्वर्टर बनाये जाते हैं।

घर के लिए किस प्रकार की इन्वर्टर बैटरी का प्रयोग करें

घर में यदि आप इन्वर्टर का प्रयोग करते हैं एवं इन्वर्टर बैटरी का प्रयोग करने की सोच रहे हैं तो इसमें इन्वर्टर के आधार पर बैटरी का प्रयोग करें। इन्वर्टर बैटरी के प्रकार में लिथियम बैटरी सबसे आधुनिक है। इसके बहुत लाभ होते हैं पर यह अन्य बैटरियों की तुलना में बहुत महंगी होती है।

लेड एसिड इनवर्टर बैटरी का प्रयोग वर्तमान में सर्वाधिक होता है। यदि आप सोलर प्लांट के लिए बैटरी का प्रयोग करना चाहते हैं तो आपको सोलर ट्यूबलर बैटरी का प्रयोग करना चाहिए। ट्यूबलर बैटरी, लिथियम बैटरी की तुलना में सस्ती है। इसका प्रयोग किया जा सकता है।

इनवर्टर बैटरी सम्बंधित प्रश्न एवं उत्तर

इनवर्टर बैटरी कितने प्रकार की होती है?

इनवर्टर बैटरी मुख्यतः 2 प्रकार की होती है: लेड एसिड बैटरी एवं लिथियम बैटरी

लेड एसिड बैटरी कितने प्रकार की होती है?

लेड एसिड बैटरी 4 प्रकार की होती है:
फ्लैट प्लेट बैटरी, जैल बैटरी, ट्यूबलर बैटरी, सोलर बैटरी

लिथियम बैटरी की विशेषता क्या है?

लिथियम बैटरी अन्य सभी बैटरियों से अधिक दक्षता वाली होती है। यह वजन में भी हल्की होती है। इसका प्रयोग करने पर निर्माता कम्पनी द्वारा 10 से 15 वर्ष की वारंटी प्रदान की जाती है।

फ्लैट प्लेट बैटरी किस प्रकार की बैटरी है?

फ्लैट प्लेट बैटरी लेड एसिड बैटरी के प्रकारों में सबसे पुराने प्रकार की बैटरी है। इसके अंदर एसिड भरा होता है एवं महीने में 1 या 2 बार इसके अंदर पानी भरना होता है। इसका प्रयोग ऐसी जगह किया जाता है जहां अधिकांश समय बिजली की कटौती की जाती है।

घर के इन्वर्टर के लिए किस प्रकार की बैटरी का प्रयोग करें?

घर के इन्वर्टर के लिए लिथियम बैटरी सर्वोत्तम है लेकिन अधिक कीमत के कारन इसका प्रयोग कम लोग करते हैं। इन्वर्टर के लिए ट्यूबलर बैटरी का प्रयोग भी किया जा सकता है।

निष्कर्ष

इन्वर्टर बैटरी के प्रकारों की जानकारी जानने के बाद आप अपने प्रयोग के लिए बैटरी ले सकते हैं। बैटरी खरीदने से पूर्व पावर एवं सोलर उपकरण बनाने वाले प्रमुख ब्रांड का ध्यान रखें, क्योंकि प्रचलित ब्रांड जैसे ल्यूमिनस, एमारोन, एक्साइड आदि अच्छी बैटरी के साथ ही अधिक वारंटी भी प्रदान करते हैं।

यह भी देखें:भारत में पहली बार 100 महीने की वारंटी वाली सोलर बैटरी, पूरी जानकारी देखें

भारत में पहली बार 100 महीने की वारंटी वाली सोलर बैटरी, पूरी जानकारी देखें

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