हाइब्रिड सोलर सिस्टम: कार्य, मूल्य, प्रकार, लाभ और हानि

Published By SOLAR DUKAN

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ज्यादातर लोगों को ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम तथा ऑफ़ ग्रिड सोलर सिस्टम के बारे में ही पता होता है लेकिन वर्तमान में लोगों के द्वारा हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System) को भी बहुत ही पसंद किया जा रहा है। हाइब्रिड सोलर सिस्टम, ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम तथा ऑफ़ ग्रिड सोलर सिस्टम दोनों से मिलकर बना होता है। हाइब्रिड सोलर सिस्टम इन्वर्टर तथा बैटरी का उपयोग करके बिजली का उत्पादन करते हैं। हाइब्रिड सोलर सिस्टम की मदद से बनने वाली बिजली, उपकरणों के इस्तेमाल के साथ ही बैटरी में सेव भी होती है जिससे की बची हुई बिजली को हम ग्रिड के माध्यम से बिजली विभाग में भेज सकते हैं।

जिस स्थान पर बिजली की अत्यधिक परेशानी होती है उन जगहों के लिए यह सर्वश्रेष्ठ होता है। हाइब्रिड सोलर सिस्टम के कार्य, मूल्य तथा प्रकार की जानकारी यहाँ देखें।

हाइब्रिड सोलर सिस्टम: कार्य, मूल्य, प्रकार, लाभ और हानि
हाइब्रिड सोलर सिस्टम

हाइब्रिड सोलर सिस्टम

सोलर सिस्टम के नाम पर पहले के समय में हमारे पास केवल दो ही विकल्प हुआ करते थे, पहला ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम तथा ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम। लेकिन जैसे जैसे समय बदला वैसे वैसे एक और सोलर सिस्टम बाजार में लॉन्च हुआ जिसका नाम हाइब्रिड सोलर सिस्टम है। यह सिस्टम ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम दोनों का मिश्रण है।

इन दोनों में कुछ-कुछ खामियां पाई गयी थी जिस कारण हाइब्रिड सोलर सिस्टम को बनाया गया था। जैसे ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम से केवल तब तक उपकरणों को चलाया जा सकता है, जब तक की सरकारी ग्रिड में बिजली है अथवा सोलर पैनल बिजली बना रहे हैं।

वहीं ऑफ़ ग्रिड सोलर सिस्टम की सहायता से आप अपने घर के उपकरणों को सरकारी ग्रिड, सोलर पैनल तथा बैटरी से चला सकते हैं लेकिन सोलर पैनल के द्वारा उत्पन्न अधिक बिजली को आप सरकार को नहीं भेज सकते। इन दोनों सोलर सिस्टमों में एक-एक कमी होने के कारण हाइब्रिड सोलर सिस्टम को लॉन्च किया गया जिसमे की इन दोनों का मिश्रण है।

हाइब्रिड सोलर सिस्टम का कार्य

आपकी जानकारी के लिए बता दें की हाइब्रिड सोलर सिस्टम में एक सोलर पैनल लगा होता जिसके माध्यम से बिजलीन बनती है तथा घर के सभी उपकरणों को दिन के समय यह चलता है। अब अगर मान ले की घर के उपकरणों का लोड कम हो तथा सोलर पीनल ज्यादा बिजली बनाती है तो वह बैटरियों में स्टोर हो जाती है। अब अगर बैटरी भी फुल चार्ज हो जाती है तो फिर बची हुई बिजली नेट मीटरिंग के द्वारा सरकारी ग्रिड के माध्यम से बिजली विभाग को भेज दी जाती है।

हाइब्रिड सोलर सिस्टम का कार्य

ऐसे में आपका बिजली बिल भी कम आएगा। अगर रात में सरकारी ग्रिड से बिजली आ रही है तो घर के सभी उपकरण इसी ग्रिड की बिजली के माध्यम से चलेंगे। अब अगर रात को बिजली चली जाती है तो सोलर पैनल रात को न चलने के कारण, घर के सभी उपकरणों को बैटरियों की मदद से चलाया जाएगा। “इस प्रकार हाइब्रिड सोलर सिस्टम सफलतापूर्वक कार्य करता है।”

हाइब्रिड सोलर सिस्टम का मूल्य

हाइब्रिड सिस्टम ऑन ग्रिड तथा ऑफ़ ग्रिड सोलर सिस्टम से अधिक मंहगा होता है। इसमें आपको एकल निवेश करना पढ़ेगा जिससे की आप आगे के जीवन में बिजली के बिल से छुटकारा पा सकते हैं। भारत में 1 kW हाइब्रिड सोलर की कीमत लगभग 1 लाख रूपये से लेकर 20 kW के लिए 15 लाख तक जा सकता है। यह कीमत सोलर सिस्टम के ब्रांड तथा आकार पर भी निर्भर करता है।

सोलर सिस्टम मॉडलसेल्लिंग प्राइस (लगभग)
1 kW हाइब्रिड सिस्टम1,06,000 रूपये
2 kW हाइब्रिड सिस्टम1,80,000 रूपये
3 kW हाइब्रिड सिस्टम2,30,000 रूपये
5 kW हाइब्रिड सिस्टम3,83,000 रूपये
10 kW हाइब्रिड सिस्टम7,05,000 रूपये
15 kW हाइब्रिड सिस्टम10,98,000 रूपये
20 kW हाइब्रिड सिस्टम15,25,000 रूपये


कीमतें ब्रांड, निर्माता, उपलब्धता आदि के आधार पर अलग अलग हो सकती हैं, इसलिए इन मूल्यों में आपको 8-10% का अंतर दिख सकता है।

हाइब्रिड सोलर सिस्टम के प्रकार

हाइब्रिड सिस्टम तीन प्रकार के होते हैं। इनके बारे में विस्तार से नीचे बताया गया है:-

सौलर डीजल हाइब्रिड सिस्टम 

सोलर डीजल हाइब्रिड सिस्टम एक ऐसी विद्युत सिस्टम है जो की एक फोटो वोल्टिक सिस्टम से सोलर ऊर्जा को किसी अन्य ऊर्जा स्त्रोत के साथ जोड़ती है।

सौलर पीवी विंड हाइब्रिड सिस्टम

सौलर पीवी विंड हाइब्रिड सिस्टम एक प्रकार का ऊर्जा सिस्टम है जिसमे की विंड टरबाइन के साथ एक फोटो वोल्टिक रचना शामिल होती हो। सर्दियों में यह विंड टरबाइन से अधिक उत्पादन करेगा तथा गर्मियों में सौर पैनल अपना चरम उत्पादन करेगा।

सौलर तापीय हाइब्रिड सिस्टम

सौलर तापीय हाइब्रिड सिस्टम का उपयोग न केवल बिजली उत्पादन करने के लिए किया जाता है बल्कि तापीय उद्देश्य के लिए भी किया जाता है। सौलर तापीय हाइब्रिड सिस्टम अन्य सिस्टमों की दक्षता से अधिक बेहतर है।

हाइब्रिड सोलर सिस्टम के लाभ तथा हानि

हाइब्रिड सिस्टम के लाभ

  • सोलर बैटरी बैकअप  8-10 घंटे के साथ।
  • कस्टमर को  ग्रिड के साथ बैटरी बैंक मिलेगा।
  • बिजली ग्रिड उपलब्ध न होने पर भी यह सिस्टम काम करता है।
  • उन क्षेत्रों में सफल है जहां बिजली की समस्या या बिजली कटौती की समस्या है।
  • एसी, फ्रिज, कूलर आदि जैसे भारी इलेक्ट्रॉनिक्स चला सकते हैं।
  • 5 – 7 वर्षों में ROI का जीवन और 25-30 वर्ष तक।

हाइब्रिड सिस्टम की हानि

  • यह थोड़ा मागत में महँगा है क्युकी इसकी बैटरी पर ज्यादा खर्चा होता है
  • लोड सीमाएँ – सोलर सिस्टम की कैपेसिटी अधिक नहीं हैं

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