क्या सोलर इन्वर्टर बिना बैटरी के काम कर सकता है?

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सौर ऊर्जा का प्रयोग कर बिजली का उत्पादन करने के लिए सोलर सिस्टम को स्थापित किया जाता है। इस से उपभोक्ता को कई लाभ प्राप्त होते हैं। सोलर सिस्टम के द्वारा बिजली बनाने की प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल होती है। इसमें किसी प्रकार का कोई प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है। क्या सोलर इन्वर्टर बिना बैटरी के काम कर सकता है यह जानकारी आप जान सकते हैं। सोलर सिस्टम में प्राथमिक निवेश अधिक है जिस कारण अधिकांश नागरिक इसका प्रयोग नहीं करते हैं जबकि इस के प्रयोग से वे कई वर्षों तक फ्री में बिजली प्राप्त कर सकते हैं। एक पूरे सोलर सिस्टम में सोलर पैनल के बाद बैकअप के लिए स्थापित की गई बैटरियों की कीमत अधिक होती है।

क्या सोलर इन्वर्टर बिना बैटरी के काम कर सकता है यह सवाल आपके मन में आया होगा। इसकी जानकारी आप इस आर्टिकल के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। जिस से आप सोलर सिस्टम में होने वाले खर्चे में बचत कर सकते हैं एवं बिना बैटरी के कार्य करने वाले सोलर सिस्टम को स्थापित कर सकते हैं। आप जानते होंगे कि बैटरी का प्रयोग पावर बैकअप के लिए किया जाता है। यदि आप बिना बैटरी के सोलर सिस्टम को स्थापित करते हैं तो आप बैकअप पावर का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। यह लाभ प्रदान करता है या हानि, इसकी जानकारी आप जान सकते हैं।

क्या सोलर इन्वर्टर बिना बैटरी के काम कर सकता है?
क्या सोलर इन्वर्टर बिना बैटरी के काम कर सकता है?

क्या सोलर इन्वर्टर बिना बैटरी के काम कर सकता है

सोलर पैनल बिजली का उत्पादन दिष्ट धारा DC के रूप में करते हैं, इसे संग्रहीत करने के लिए सोलर बैटरियों का प्रयोग किया जाता है। सोलर इंवर्टर दिष्ट धारा DC को प्रत्यावर्ती धारा AC के रूप में परिवर्तित करते हैं। सोलर पैनल से सीधे सोलर इंवर्टर में बिजली को ट्रांसफ़र करने के लिए बीच में सोलर चार्ज कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जाता है। सोलर सिस्टम जो बिना बैटरी के कार्य करते हैं, वे इस प्रकार हैं:

  1. Grid-Tied Solar System
  2. Transformer less Inverter

Grid-Tied Solar System

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ग्रिड-टाइड सोलर सिस्टम को ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम भी कहा जाता है। ऑनग्रिड सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस प्रकार के ग्रिड सिस्टम में किसी प्रकार की बैटरी लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल से प्राप्त होने वाली बिजली को पावर ग्रिड के साथ जोड़ा जाता है। एवं उपभोक्ता द्वारा उसके समान ही बिजली का प्रयोग किया जा सकता है।

यदि सोलर पैनल अधिक बिजली का उत्पादन करते हैं तो उस बिजली को ग्रिड को ट्रांसफ़र कर दिया जाता है। बिजली की गणना करने के लिए नेट मीटर का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में उपभोक्ता अपने बिजली बिल को शून्य कर सकते हैं। इस प्रकार के सोलर सिस्टम में बनाई गई बिजली का प्रयोग भी ऑन टाइम ही किया जा सकता है। यदि ग्रिड की बिजली चले जाए तो सोलर पैनल द्वारा निर्मित बिजली का प्रयोग भी नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार के सोलर सिस्टम में पावर बैकअप के लिए किसी प्रकार की बैटरी को नहीं जोड़ा जाता है।

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Transformer less Inverter

वर्तमान समय में आधुनिक तकनीक से बने ट्रांसफॉर्मरलेस इंवर्टर इंवर्टर बाजारों में उपलब्ध हैं। इन इनवर्टरों का प्रयोग घरों में किया जा सकता है। चूंकि सोलर पैनल द्वारा हर समय एक समान बिजली का उत्पादन नहीं किया जाता है, यह किसी समय कम एवं किसी समय अधिक रेटिंग में बिजली का उत्पादन करते हैं ऐसे में घर में प्रयोग होने वाले उपकरणों के खराब होने की संभावनाएं अधिक रहती है। अधिक लोड वाले उपकरण को चलाने पर इंवर्टर कार्य नहीं करता है। ऐसे में सोलर कन्ट्रोलर का प्रयोग किया जा सकता है।

निष्कर्ष

उपर्युक्त सिस्टम के द्वारा ही सोलर इंवर्टर बिना बैटरी के काम कर सकते हैं। ऐसे में स्थापित किया गया सिस्टम कमजोर रहता है एवं इसके खराब होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। सोलर सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए बैटरियों का प्रयोग करना चाहिए। जिस से आप बिजली का बैकअप रख सकें एवं सोलर पैनल द्वारा निर्मित की जाने वाली अधिक बिजली को संग्रहीत कर सके।

बिना बैटरी के सोलर सिस्टम से इंवर्टर एवं अन्य प्रयोग किए जाने वाले उपकरण खराब हो सकते हैं। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से भी बैटरी का प्रयोग किया जा सकता है। सोलर ऊर्जा प्रचुर है इसका प्रयोग कर पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है क्योंकि यह कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करने में सहायक है। एवं उपभोक्ता 20-25 साल तक फ्री में बिजली प्राप्त कर सकते हैं।

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