क्या आप जानते हैं कि अब सौर ऊर्जा से चलेंगे कृषि उपकरण?

सौर ऊर्जा का इस्तेमाल अब खेतों में भी होने लगा है! इस नई तकनीक से किसानों की मेहनत आसान और सस्ती होगी। जानिए कैसे सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि उपकरण किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करेंगे और पर्यावरण पर भी इसका सकारात्मक असर होगा।

Published By Rohit Kumar

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क्या आप जानते हैं कि अब सौर ऊर्जा से चलेंगे कृषि उपकरण?
सौर ऊर्जा से चलेंगे कृषि उपकरण

आज के समय में सौर ऊर्जा के प्रयोग की लोकप्रियता बढ़ रही है, सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त होने वाली एक प्राकृतिक ऊर्जा है, सूर्य प्रचुर मात्रा में यह ऊर्जा प्रदान करता है। सौर ऊर्जा से चलने वाले अनेक उपकरण आज के समय में बाजारों में उपलब्ध रहते हैं, इन उपकरणों का प्रयोग अनेक क्षेत्रों में किया जा सकता है। सौर ऊर्जा (Solar Energy) के उपकरणों में कार्य करने वाला सबसे महत्वपूर्ण उपकरण सोलर पैनल है, सोलर पैनल के द्वारा ही सौर ऊर्जा से बिजली का निर्माण किया जाता है। कृषि क्षेत्र में भी सौर ऊर्जा संचालित उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है, सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि उपकरण की जानकारी देखें।

सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि उपकरण

सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि उपकरण का प्रयोग कर के कृषि को आधुनिक रूप से विकसित किया जा सकता है, क्योंकि सोलर उपकरण बिना किसी प्रदूषण को उत्पन्न किए ही कार्य करते हैं। सोलर उपकरणों की इस विशेषता के लिए ही इनका प्रयोग करने की सर्वाधिक सलाह दी जाती है, सोलर उपकरणों को एक बार सही से स्थापित करने के बाद इनका प्रयोग लंबे समय तक किया जा सकता है, जिसके लिए आवश्यक है कि इनका रखरखाव भी सही से किया जाए, सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि उपकरण इस प्रकार रहते हैं।

सिंचाई के लिए वाटर पंप

कृषि में सिंचाई करना एक महत्वपूर्ण कार्य है, पारंपरिक रूप से होने वाली कृषि में ग्रिड संचालित पंप या जीवाश्म ईंधन (डीजल, पेट्रोल) से चलने वाले पंप का प्रयोग किया जाता है, ऐसे उपकरणों के द्वारा पर्यावरण को नुकसान होने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है, सोलर पंप के द्वारा कृषि में सिंचाई को आधुनिक रूप से किया जाता है। सोलर पंप को चलाने के लिए सोलर पैनल से बनने वाली बिजली का प्रयोग किया जाता है।

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ठंडे क्षेत्रों में गर्म हवा प्राप्त करने के लिए सोलर उपकरणों का प्रयोग किया जा सकता है, ऐसे में चाहे पानी को गर्म करना हो या अन्य कोई कार्य करने हों, उसके सोलर सोलर उपकरण एक सुरक्षित प्रणाली प्रदान करते हैं, इसलिए लिए कृषि क्षेत्र में सोलर पैनल स्थापित किए जाते हैं, इस प्रकार किसान आर्थिक बचत करने के साथ ही अनेक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

डिहाइड्रेटर

डिहाइड्रेटर से आप यह समझ सकते हैं कि कृषि में बीज को सुखाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरण होते हैं, यह कार्य सौर ऊर्जा की सहायता से आसानी से किया जा सकता है, इन उपकरणों की सहायता से समय की बचत की जा सकती है, यदि बीज सुखाने का कार्य पारंपरिक रूप से किया जाए तो ऐसे में अधिक समय लग जाता है।

वेंटिलेटर

वेंटिलेटर का प्रयोग पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस एवं जानवरों के बाड़ों में किया जाता है, किसी भी बंद क्षेत्र में वेंटिलेशन करने के लिए इन उपकरणों को लगाया जाता है, जब वेंटिलेटर को स्थापित कर दिया जाता है, तो ऐसे में तापमान को अनुकूल बनाया जा सकता है, एवं हवा को सही से प्राप्त किया जा सकता है, आज के समय में ऑटोमेटिक रूप से चलाने वाले सोलर वेंटिलेशन उपलब्ध रहते है। ऐसे में वेंटिलेशन के लिए लगाए गए पंखे को सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली के द्वारा चला सकते हैं। ऐसे उपकरण आर्थिक बचत करने के लिए जाने जाते हैं।

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सेंसर

सेंसरों का प्रयोग कर के अनेक उपकरणों को विकसित किया जाता है, कृषि में प्रयोग किए जाने वाले अनेक उपकरणों को रिमोट सेंसर के माध्यम से कंट्रोल किया जा सकता है, ऐसे उपकरणों के द्वारा भोजन, पानी एवं मिट्टी की गुणवत्ता को आसानी से जांचा जा सकता है, एवं पूरी जानकारी को एकत्रित किया जा सकता है, जिससे उनमें होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या को हल किया जा सकता है। मिट्टी एवं मौसम की जानकारी होने के बाद कृषि को सही प्रकार से किया जा सकता है। रिमोट सेंसर सौर ऊर्जा के माध्यम से चलाए जा सकते हैं।

कृषि में लाइटिंग

लाइटिंग की आवश्यकता घरों के साथ ही लगभग सभी क्षेत्रों में होती है, बागवानी किए जाने वाले स्थानों को सजाने के लिए भी रोशनी प्रदान करने वाली लाइट का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए सोलर लाइट का प्रयोग भी किया जा सकता है। अपने कृषि क्षेत्र में सोलर पैनल को स्थापित करने के बाद किसान बिजली के अनेक कार्यों को इनके द्वारा पूरा कर सकते हैं, सोलर पैनल द्वारा बनने वाली बिजली का प्रयोग कर के बिजली के बिल को पूरी तरह से कम किया जा सकता है। इसके साथ ही अतिरिक्त बिजली को डिस्कॉम को बेच कर आर्थिक लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है।

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कृषि में प्रयोग होने वाले वाहन

ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में सौर ऊर्जा से चलने वाली गाड़ियां का निर्माण आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे वाहन पर्यावरण को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, कृषि में ट्रैक्टर का प्रयोग अधिक होता है, इनमें लगने वाली बैटरी को सौर ऊर्जा के माध्यम से चार्ज कर के प्रयोग किया जा सकता है, सोलर ट्रैक्टर एक प्रकार से इलेक्ट्रिक वाहन होते हैं। अपने कृषि कार्यों को इनके द्वारा करने के बाद आप आर्थिक बचत कर सकते हैं।

सौर ऊर्जा को भविष्य की ऊर्जा भी कहा जाता है, क्योंकि इस ऊर्जा के माध्यम से पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखा जा सकता है, सोलर उपकरण पर्यावरण के अनुकूल कार्य करते हैं, एवं जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को कम करते हैं। इनके प्रयोग से ही कार्बन फुटप्रिन्ट को कम कर के हरित भविष्य की ओर बढ़ा जा सकता है। कृषि क्षेत्र में सोलर उपकरणों की विशेषता यह भी है कि एक बार इन्हें सही दिशा में, सही कोण पर, सही से स्थापित करने के बाद लंबे समय तक इनका लाभ उठाया जा सकता है।

सोलर उपकरणों का प्रयोग आवासीय, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक, शोध एवं विज्ञान और कृषि क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है, सोलर उपकरणों में किए जाने वाले निवेश को बुद्धिमानी का निवेश कहा जाता है, इनमें प्राथमिक निवेश अधिक होता है, इसलिए अधिकांश नागरिक इनका प्रयोग नहीं करते हैं, इन्हें स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा नागरिकों को सब्सिडी योजनाओं के माध्यम से प्रेरित किया जा रहा है, सोलर सब्सिडी को प्राप्त करने के बाद कम कीमत में सोलर उपकरणों को लगाया जा सकता है, एवं कुशलतापूर्वक इनका प्रयोग किया जा सकता है।

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