वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल: क्या हम सौर ऊर्जा को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे थे?

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सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। सोलर पैनल को आज के समय में विज्ञान का सबसे प्रसिद्ध आविष्कार कहा जाता है। सोलर पैनल से बिजली प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, कि पैनल को सही दिशा में, सही कोण पर स्थापित किया जाए। जिस से वह अपनी पूरी दक्षता एवं क्षमता के साथ बिजली का उत्पादन करे। लेकिन क्या सौर ऊर्जा को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे थे? इस लेख से वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल (Vertical Bifacial Solar Panel) की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस सोलर पैनल के कार्य-प्रदर्शन पर किये गए शोध की जानकारी हम आपको बताएंगे।

वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल: क्या हम सौर ऊर्जा को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे थे?
वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल

इस प्रकार के सोलर पैनल के द्वारा अन्य सभी सोलर पैनलों से अधिक बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस सोलर पैनल की कार्यप्रणाली पर अलग-अलग रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा शोध किए जा रहे हैं। इस प्रकार के बाइफेशियल सोलर पैनल को ऊर्ध्वाधर रूप से स्थापित किया जाता है। इन्हें स्थापित करने से कई लाभ उपयोगकर्ता को प्राप्त होते हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल पर यूएस और यूरोप की कंपनियां कार्य कर रही हैं। ऐसे सोलर पैनल भविष्य में अधिक मात्रा में प्रयोग किए जाएंगे। जिस से आवासीय एवं व्यवसायिक क्षेत्रों में दीवारों और छतों पर इस प्रकार के सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे।

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वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल

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बाइफेशियल सोलर पैनल एक आधुनिक सोलर पैनल है, जिसके माध्यम से सिर्फ सूर्य के सीधे प्रकाश से ही नहीं बल्कि परावर्तित प्रकाश से भी बिजली का उत्पादन किया जाता है। ऐसे सोलर पैनल के द्वारा सामने की ओर से सूर्य से प्राप्त होने वाले प्रत्यक्ष प्रकाश से बिजली का उत्पादन किया जाता है, जबकि पीछे की ओर से Albedo Lights के द्वारा बिजली का उत्पादन किया जाता है। यह सोलर पैनल अन्य सोलर पैनल की तुलना में 15% अधिक बिजली का उत्पादन करने में सक्षम होते हैं। इन्हें घरों की दीवारों पर भी स्थापित किया जा सकता है। जिससे ये आसानी से दोनों ओर से बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।

डच शोधकर्ताओं1 की रिपोर्ट के अनुसार मोनोफेशियल एवं बाइफेशियल मॉड्यूल ऊर्जा रेटिंग की तुलना को सक्षम करने के लिए 20-डिग्री मॉड्यूल झुकाव कोण का उपयोग करते हैं, क्योंकि मोनोफेशियल मानक सभी जलवायु के लिए कोण को 20 डिग्री तक ठीक करता है। भले ही जलवायु के लिए इष्टतम झुकाव कुछ भी हो सकता है। पूर्व-पश्चिम-उन्मुख और ऊर्ध्वाधर स्थापनाओं, साथ ही ट्रैकर्स वाले सिस्टम पर विचार नहीं किया गया है. शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने उपज गणना एल्गोरिदम के लिए कोणीय नुकसान को सही करते हुए मोनोफेशियल पैनल के लिए बनाए रखा। सामान्य सोलर पैनलों को उपभोक्ता के अक्षांश की स्थिति के आधार पर स्थापित किया जाता है।

वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल बिजली कैसे बनाते हैं?

वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल सौर ऊर्जा को दोनों ओर से अवशोषित करने के लिए कार्य करते हैं। ये सोलर पैनल सूर्य की किरणों को सीधे सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। जब सूर्य की किरणें पैनल पर पड़ती हैं, तो इनमें लगे सोलर सेल में एक प्रक्रिया शुरू होती है, सोलर सेल में जब सूर्य की किरणें पड़ती हैं, तो उसमें उपस्थित सिलिकॉन सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।

यह विद्युत ऊर्जा संग्रहित करने के लिए सोलर बैटरी का प्रयोग सोलर सिस्टम में किया जा सकता है। सोलर पैनल में p और n टाइप अर्द्धचालक होता है। जो विद्युत उत्पादन में सहायता करता है। पैनलों को बस बार से जोड़ कर इनपुट और आउट्पुट टर्मिनल का निर्माण किया जाता है। वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल बिजली कैसे बनाते हैं?

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वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल के प्रयोग से दो प्रकार से ऊर्जा प्राप्त की जाती है। सूर्य से सीधे सौर ऊर्जा को सामने की और से तथा जो सौर ऊर्जा परावर्तित हो कर पृष्ट भाग पर टकराती है वह Albedo Lights के रूप में पैनल द्वारा अवशोषित होती है, उस से भी बिजली का उत्पादन किया जाता है। बाइफेशियल वर्टिकल सोलर पैनल के फायदे हैं कि ये पैनल प्रति वर्ष अधिक सौर ऊर्जा संचित करते हैं एवं बिजली बिल को कम करते हैं। अन्य सोलर पैनल प्रतिवर्ष तेजी से अपनी दक्षता खो देते हैं। सोलर पैनल को मजबूती प्रदान करने के लिए इसे एल्यूमिनियम फ्रेम से कवर किया जाता है।

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वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल से लाभ

बाइफेशियल वर्टिकल सोलर पैनल से निम्नलिखित लाभ उपयोगकर्ता को प्राप्त होते हैं:-

  • अधिक ऊर्जा उत्पादन– बाइफेशियल वर्टिकल सोलर पैनल के उपयोग से बिजली का अधिक उत्पादन होता है, क्योंकि इस प्रकार के सोलर पैनल दोनों ओर से बिजली का उत्पादन करते हैं।
  • स्थान की बचत– इन पैनलों को सामान्यतः बिल्डिंगों की दीवारों पर लगाया जाता है, या कम स्थान पर लगाया जा सकता है, जिससे स्थान की बचत होती है एवं उपभोक्ता अन्य स्थान का प्रयोग कर सकते हैं।
  • कम वायु प्रदूषण– इस प्रकार के सोलर पैनल द्वारा सौर ऊर्जा का उपयोग करने से वायु प्रदूषण की मात्रा कम होती है, जिससे वायुमंडलीय गैसों का प्रभाव कम होता है। एवं कार्बन फुटप्रिन्ट को कम किया जा सकता है।
  • बाइफेशियल वर्टिकल सोलर पैनल पर गर्मी का कम असर पड़ता है, जिस कारण ये बिजली का उत्पादन अधिक करने में सक्षम होते हैं। ये सोलर पैनल वातावरण के तापमान के निकट रहते हैं। जबकि अन्य सोलर पैनल प्रति डिग्री तापमान बढ़ने पर 0.3-0.4% दक्षता खो देते हैं। वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल की दक्षता
  • बाइफेशियल सोलर पैनल लगाने से घरेलू एवं व्यापारिक प्रयोग के लिए बिजली का खर्च कम होता है। साथ ही इन पैनलों के उपयोग से कम ऊर्जा खपत होती है, क्योंकि ये सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं, जो निःशुल्क और प्रचुर मात्रा में होती है।
  • बाइफेशियल वर्टिकल सोलर पैनल विशेष रूप से उच्च विकिरण स्थितियों में कम ऑपरेटिंग तापमान एवं कुल ऊर्जा उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह प्रतिवर्ष अन्य सोलर पैनल से 2.5% अधिक बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।
  • इस प्रकार के सोलर पैनलों का प्रयोग कृषि क्षेत्र में भी किया जा सकता है। इनकी स्थापना के साथ ही उस स्थान पर कृषि भी की जा सकती है।

वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल का प्रयोग

बाइफेशियल वर्टिकल सोलर पैनल का प्रयोग आज के समय में हर क्षेत्र में किया जाता है, ये आधुनिक सोलर पैनल होते हैं, जिनका प्रयोग करने से उपयोगकर्ता को कई लाभ प्राप्त होते हैं। ये सोलर पैनल परियोजनाओं में आधुनिकता एवं संरचना का महत्वपूर्ण भाग हैं। ये आवासीय उपयोग, व्यापारिक एवं औद्योगिक उपयोग, कृषि परियोजनाएं एवं अन्य क्षेत्रों में प्रयोग होते हैं। इनका प्रयोग रेगिस्तान एवं हल्के रंग की छतों पर प्रयोग किये जा सकते हैं। ये सोलर पैनल ऊर्ध्वाधर (Vertical) स्थापित किए जाते हैं। जिस से ये कम स्थान में आसानी से स्थापित हो जाते हैं। ऐसे स्थानपन पर उपभोक्ता अन्य कार्य भी कर सकते हैं।

लीपज़िग यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज2 के बाइफेशियल वर्टिकल सोलर पैनल पर रिसर्च के अनुसार यह सोलर पैनल दोनों तरफ से सौर ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं। पूर्व-पश्चिम दिशा में स्थापित, अधिकांश बिजली सुबह एवं शाम को उत्पन्न होती है। इससे बिजली के भंडारण की आवश्यकता कम हो जाएगी, एवं साथ ही बिजली उत्पादन के लिए आवश्यक जगह भी कम रहेगी। इस सोलर पैनल पर अभी कार्य किया जा रहा है, लेकिन यह विश्व के अनेक देशों में स्थापित हैं। इनका प्रयोग घरों की दीवारों, छतों पर किया जा रहा है। जिस से बिजली उत्पादन के साथ ही उच्च डिजाइनिंग में ये प्राप्त होते हैं।

निष्कर्ष

बाइफेशियल वर्टिकल सोलर पैनल आधुनिक तकनीक के अधिक बिजली उत्पादन करने वाले सोलर पैनल होते हैं। इस प्रकार के सोलर सिस्टम पर लगातार ही रिसर्च होते रहते हैं। इनका कम प्रयोग होने का कारण इनकी कीमत का अन्य सोलर पैनलों से कई गुना अधिक होना है। साथ ही इस प्रकार के सोलर पैनल को अधिक रखरखाव की आवश्यकता होती है, जिसके लिए अन्य माउंटिंग उपकरणों का प्रयोग भी किया जाता है। यह सोलर पैनल पर्यावरण को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है। इस प्रकार के एडवांस सोलर पैनल अभी भारत में उपलब्ध नहीं हैं। अभी इस प्रकार के सोलर पैनल पर लगातार ही शोध किये जा रहे हैं।

  1. नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने कुछ प्रमुख सुधारों के साथ आईईसी 61853 मानक को बाइफेशियल सौर मॉड्यूल तक विस्तारित करने का प्रस्ताव दिया है। विशेष रूप से, वे मानक के तीसरे और चौथे भाग को बदलने की अनुशंसा करते हैं। ↩︎
  2. नए शोध में कहा गया है कि वर्टिकल सोलर पैनलों ने प्रदर्शन में सुधार किया है ↩︎

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