Solar Pump for Agriculture: सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के पंप

Published By SOLAR DUKAN

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भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ की सर्वाधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि के लिए सिंचाई कर फसलों को पानी प्रदान करना किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। जिसके लिए किसान पारंपरिक ग्रिड बिजली के द्वारा अपने कृषि क्षेत्रों में पंप स्थापित करते हैं। वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा से चलने वाले Solar Pump द्वारा परिवर्तन देखे गए हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से Solar Pump से संबंधित पंपों की कार्यविधि, सोलर पंप के प्रकार, उनसे होने वाले लाभ आदि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Solar Pump (agriculture) सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के पंप
Solar Pump (agriculture) सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के पंप

कृषि में Solar Pump का प्रयोग

कृषि क्षेत्रों में सोलर पंपों के प्रयोग से कृषि उत्पादकता में वृद्धि की कोशिश की जाती है, इन्हें अच्छे से डिजाइन किया जाता है, एवं प्रयोग से पहले कुशल परीक्षण किया जाता है। सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले पंपों के प्रयोग से किसानों को ग्रिड की बिजली या जीवाश्म ईंधन के प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है। सोलर पंप सेट में वोल्टेज फ्रीक्वेंसी ड्राइव (VFD), डायरेक्ट करंट डिस्ट्रब्यूशन बॉक्स (DCDB), मोटर, कंट्रोलर एवं पैनल स्टैन्ड होते हैं।

मुख्यतः 2 प्रणालियों के सोलर पंपों का प्रयोग कृषि में होता है, पहले ऐसे पंप जिन्हें संचालित करने के लिए सौर ऊर्जा को DC विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर बैटरी का प्रयोग किया जाता है। एवं दूसरे सौर पंपों को संचालित करने के लिए सौर ऊर्जा की ऊष्मा का प्रयोग किया जाता है। कृषि में सिंचाई करने के लिए सोलर पंपों की क्षमता कृषि के प्रकार एवं उस क्षेत्र में भूजल के स्तर पर निर्भर करती है।

सोलर पंपों की कार्यप्रणाली

कृषि क्षेत्रों में सोलर पंप प्रणाली द्वारा सिंचाई करने की कार्यविधि इस प्रकार है:

  • सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। सोलर पैनल फ़ोटो-वोल्टिक सेलों से निर्मित होते हैं। जो सौर ऊर्जा को दिष्ट धारा DC में परिवर्तित करने का कार्य करते हैं। इन्हें पैनल स्टैन्ड पर लगाया जाता है। प्रत्यावर्ती धारा AC के लिए इंवर्टर का प्रयोग भी किया जाता है।
  • सोलर पैनल से प्राप्त होने वाली बिजली द्वारा सोलर पंप को संचालित किया जाता है, सोलर पंप की आवश्यकता के अनुसार उसे AC या DC प्रदान की जाती है। जिस से सोलर पंप की मोटर एक्टिवेट हो जाती है एवं पानी को स्रोत से खींचती है।
  • मोटर के एक्टिवेट होने पर पानी को डिस्ट्रब्यूशन सिस्टम द्वारा खेतों को प्रदान किया जाता है। जिसके लिए पंपों में पाइप या चैनल लगे होते हैं।
  • आधुनिक तकनीक से बनाए गए सोलर पंपों को नियंत्रित करने के लिए उनमें कन्ट्रोलर डिवाइस लगाए जाते हैं, जिनके द्वारा पंप के संचालन को, जल वितरण को मैनेज किया जाता है।

किसानों द्वारा ईंधन से संचालित पंपों द्वारा की जाने वाली से उन्हें तो आर्थिक नुकसान होता ही है, साथ ही साथ पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा अधिक हो जाती है। जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को खेती करने में बहुत प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सौर पंप प्रणाली में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण वातानुकूलित हैं।

Solar Pump के प्रकार

कृषि में सिंचाई के लिए वर्तमान में बहुत तकनीकों के सौर पंप बाजारों में उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  1. AC Solar Pump– सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले AC सोलर पंप के संचालन के लिए इंवर्टर का प्रयोग किया जाता है। इंवर्टर के द्वारा सूर्य से प्राप्त होने वाली DC को AC में परिवर्तित किया जाता है। AC सोलर पंप में धारा के परिवर्तन होने पर बिजली की क्षति देखी जाती है।
  2. DC Solar Pump– इस प्रकार के सोलर पंपों को संचालित करने के लिए सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को सोलर बैटरियों में DC के रूप में संग्रहीत किया जाता है। एवं उन बैटरियों का प्रयोग किया जाता है।
  3. Surface Pump– इस प्रकार के सोलर पंपों का प्रयोग ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है, जहां भूजल का स्तर 10 मीटर की गहराई तक होता है। इस से तालाबों, नदियों आदि से भी पानी खींच सकते हैं। सरफेस सोलर पंप को स्थापित करना एवं इनकी मैन्टिनेंस आसान है। किन्तु इनका प्रयोग ऐसे स्थानों में नहीं किया जा सकता है, जहां भूजल अधिक गहराई में हो।
  4. Submersible Pump– इनका प्रयोग ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है जहां भूजल गहराई में होता है। इन्हें स्थापित करने की प्रक्रिया जटिल एवं महंगी है। इन्हें स्थापित करने में बोरवेल का प्रयोग किया जाता है।

कृषि में सोलर पंप के लाभ

कृषि क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के पंप के लाभ इस प्रकार हैं:

  • अधिकांशतः सौर पंपों को स्थापित करना आसान है, इन्हें नागरिक स्वयं भी स्थापित कर सकते हैं। यदि नागरिक को अलग-अलग स्थानों पर कृषि के लिए सिंचाई करनी हो तो ऐसे में सोलर पंपों को एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाना एवं स्थापित करना आसान है।
  • सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले पंप किसी प्रकार से ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन नहीं करते हैं। यह किसी प्रकार का ध्वनि या वायु प्रदूषण भी उत्पन्न नहीं करता है। ये पर्यावरण के अनुकूल कार्य करते हैं। जिस से जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या को कम किया जा सकता है।
  • सौर पंपों को अधिक रखरखाव (Maintenance) की आवश्यकता नहीं होती है। सोलर पंप प्रणाली में स्थापित किए पैनलों को बस समय-समय पर साफ करना होता है। क्योंकि कृषि क्षेत्रों में उन पर धूल-मिट्टी आदि जमा हो सकती है। ये अधिक समय तक कार्य कर सकते हैं, जिस से किसान को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
  • सूर्य की ऊर्जा से संचालित होने वाले सोलर पैनल किसानों को आधुनिकता के साथ सिंचाई करने की छूट प्रदान करते हैं। किसानों को किसी प्रकार के ईंधन या ग्रिड पावर के पंपों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती है। इनके द्वारा ऐसे क्षेत्रों में भी सिंचाई की जा सकती है जहां ग्रिड पावर नहीं होती है।
  • सोलर पंप की दक्षता अधिक होती है। यह कार्य करने में कुशल होते हैं। सोलर पैनलों द्वारा निर्मित बिजली प्रदान करने के लिए इस सिस्टम में कन्ट्रोलर लगाए जाते हैं, जो बिजली की मात्रा को नियंत्रित करने हैं, जिस से पम्प अच्छे से कार्य करता है। ऐसे में सिंचाई की ड्रिप या स्प्रिंकलर प्रणाली का प्रयोग भी किया जाता है।
  • सरकारों द्वारा सोलर पंपों के महत्व को समझते हुए कृषि क्षेत्र में सोलर पंप स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। जिस से किसानों को इसे स्थापित करने में आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। यही इनकी विश्वसनीयता को प्रदर्शित करता है।

Solar Pump से संबंधित प्रश्न एवं उत्तर

कृषि में सोलर पंप क्या कार्य करता है?

वैसे तो सोलर पंप जल संबंधी अनेक कार्य करते हैं। कृषि क्षेत्र में इनका प्रयोग सिंचाई के लिए किया जाता है।

1 HP क्षमता के सोलर वाटर पंप को संचालित करने में कितने सोलर पैनल की आवश्यकता होती है?

1 HP क्षमता के सोलर वाटर पंप को स्थापित करने में 100 वाट के 4 सोलर पैनल की आवश्यकता होती है।

क्या सोलर पंपों से किसी प्रकार का कोई प्रदूषण उत्पन्न होता है?

नहीं सोलर पंपों से किसी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है, वे पर्यावरण के अनुकूल कार्य करते हैं।

सोलर पैनलों के प्रकार बताइए?

सोलर पैनल मुख्यतः चार प्रकार के हैं: सबमर्सिबल सोलर पंप, सरफेस सोलर पंप, AC सोलर पंप, DC सोलर पंप।

Solar Pump की लागत कितनी है?

Solar Pump की लागत उसके आकार एवं क्षमता के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। प्रारंभ निवेश के आधार पर यह बहुत महंगे होते हैं, लेकिन इनसे किसानों को लंबे समय तक लाभ प्राप्त होता है।

निष्कर्ष

सौर पंपों से संबंधित जानकारी आप इस लेख से प्राप्त कर सकते हैं। कृषि के क्षेत्र में इनके द्वारा किसानों को बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं। पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी नागरिक इन्हें स्थापित कर योगदान प्राप्त कर सकते हैं। भविष्य के समय पर इनका प्रयोग अधिक तेजी से किया जाएगा। यदि आप सिंचाई हेतु सोलर पंपों का प्रयोग करना चाहते हैं तो यह लेख सहायक होगा।

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