इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होती है

Published By SOLAR DUKAN

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सौर ऊर्जा द्वारा बिजली का उत्पादन करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है। क्योंकि इसमें किसी प्रकार की विषैली गैस का उत्सर्जन नहीं होता है ना ही किसी प्रकार का शोर होता है। यह पर्यावरण के अनुकूल बिजली उत्पादन करने की प्रक्रिया है। उच्च क्षमता के सोलर पैनल का प्रयोग कर घर के सभी उपकरणों को संचालित किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग भी किया जा सकता है।

इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होती है? इसकी जानकारी इस लेख में साँझा की जाएगी। इलेक्ट्रिक कार (Electronic Cars) को कैसे सोलर पैनल से चार्ज कर सकते हैं इस से जुड़े सभी सवालों का जवाब इस इस लेख में आप पढ़ सकते हैं। EV Car भविष्य को सुरक्षित रखने का एक बहुत अच्छा विकल्प है। सौर ऊर्जा का प्रयोग करने के लिए सोलर सिस्टम महंगा हो सकता है लेकिन इसके द्वारा भविष्य में लम्बे समय तक उपभोक्ता लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होती है

यदि आपके पास सोलर बैटरी हैं एवं आप उसे सोलर पैनल के माध्यम से चार्ज करना चाहते हैं, तो बैटरी को चार्ज करने के लिए कितने क्षमता के सोलर पैनल की आवश्यकता होगी लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

क्या इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जा सकता है?

सोलर पैनल का उपयोग करने वाले उपभोक्ता यह जानते होंगें कि सोलर पैनल (Solar Panel) से सीधा किसी भी उपकरण को संचालित नहीं किया जा सकता है। इसके लिए सोलर चार्ज कंट्रोलर द्वारा बिजली को नियंत्रित कर बैटरी में संगृहीत किया जाता है या सोलर इन्वर्टर की बैटरी में संगृहीत किया जाता है। ऐसा ही ईवी कार को चार्ज करने के लिए सोलर पैनल से बनाई गयी बिजली जिसे बैटरियों में संगृहीत किया जाता है उस से ईवी कार को चार्ज किया जा सकता है।

सोलर पैनल से Electronic Car को चार्ज करने के लिए PV इन्वर्टर का प्रयोग किया जा सकता है, जिस के साथ होम चार्जिंग यूनिट को कनेक्ट किया जाता है। ऐसा करने पर PV इन्वर्टर द्वारा सौर ऊर्जा को दिष्ट धारा DC में परिवर्तित कर कार की बैटरी की आवश्यकता के अनुसार प्रदान किया जाएगा। वैसे ईवी कार को करने के लिए बहुत अधिक क्षमता के सोलर पैनल की आवश्यकता होती है। उपर्युक्त उपकरणों का प्रयोग करने से ही इलेक्ट्रिक कार को घर के चार्ज किया जा सकता है।

ईवी कार को चार्ज करने के लिए सोलर पैनल को प्रभावित करने वाले कारक

Electronic Car को सोलर पैनल द्वारा चार्ज करने पर नीचे दिए गए कारक प्रभावित कर सकते हैं:

  • सूर्य के प्रकाश की मात्रा– जिस क्षेत्र में उपभोक्ता द्वारा सोलर सिस्टम को स्थापित किया गया है वहां सूर्य से प्रदान होने वाली ऊर्जा अच्छी मात्रा में मिलनी चाहिए। ऐसा होने पर पैनल सही से कार्य करेंगें एवं बिजली का उत्पादन उचित मात्रा में कर पाएंगे। यदि उस क्षेत्र में सोलर पैनल पर छाया अधिक पड़ती हो एवं धूप कम मिले तो ऐसे में सोलर पैनल कम विद्युत ऊर्जा का निर्माण करेंगें।
  • सोलर पैनल के प्रकार– उच्च बिजली का उत्पादन करने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि उच्च दक्षता के सोलर पैनलों को स्थापित किया जाये। जिस से अधिक मात्रा में बिजली का उत्पादन हो सके।
  • कार का आकार एवं उसकी दक्षता– जिस कार को सोलर पैनल द्वारा चार्ज करना है उसका आकार भी चार्जिंग को प्रभावित कर सकता है। कई ईवी कारों में बैटरी की निकल कर भी चार्ज किया जाता है, उनमें आकार कोई बाधा नहीं है। EV कार की दक्षता उसी बैटरी की दक्षता होती है। वह यह दर्शाती है कि कार चार्ज होने पर कैसा प्रदर्शन करती है और कितने अधिक समय तह प्रयोग की जा सकती है।

इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होती है?

किसी भी EV कार को सोलर पैनल द्वारा चार्ज किया जा सकता है। जैसा की EV की मानक टेस्ला मॉडल S की बैटरी क्षमता 100 Kwh है जो कि बहुत अधिक होता है। कार का आकार और दक्षता से भी सोलर पैनलों की संख्या पर प्रभाव पड़ेगा। इस के आधार पर देखे तो अनुमान से Tesla Model S को चार्ज करने के लिए लगभग 75 से अधिक सोलर पैनलों की जरूरत पड़ेगी।

ईवी कार को कहाँ चार्ज करें?

भारत में अभी कम मात्रा में ही इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग हो रहा है, लेकिन आने वाले समय में इनका प्रयोग की सर्वाधिक होगा। वैश्विक स्तर पर देखें तो बहुत से देशों में EV बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इनसे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है। इन्हें निम्न स्थानों पर चार्ज किया जा सकता है:

  • घर पर EV कार चार्जिंग– घर में सोलर पैनल से EV कार को चार्ज करने के लिए PV इन्वर्टर की आवश्यकता होती है। या होम चार्जिग यूनिट का होना आवश्यक होता है। जिसके द्वारा ही इलेक्ट्रिक कार को चार्ज किया जा सकता है। साथ ही आप पावर ग्रिड की सहायता से भी कार को होम चार्जिंग यूनिट की सहायता से चार्ज कर सकते हैं
  • कार्य स्थल पर EV कार चार्जिंग– यदि कोई उपभोक्ता इस कार द्वारा कार्य स्थल पर जाता है तो वह उसे कार्य के दौरान चार्ज कर सकता है। ऐसा करने से उसकी बैटरी को भी सुरक्षित रखा जा सकता है। कार्य स्थल पर कार चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन में आपको कार के चार्जिंग सॉकेट को प्लग इन करना होता है। जिसके लिए आपको चार्जिंग शुल्क जमा करना होता है। जैसे फ्यूल पम्प पर करते हैं।

क्या इलेक्ट्रिक कार पर सोलर पैनल लगा सकते हैं?

किसी भी ईवी कार पर सोलर पैनल को स्थापित करना बहुत महंगा हो सकता है। कार मेकर्स/इंजीनियर इस पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। कार को पूरी तरह से भी सोलर पैनल से कवर कर देने पर यह उसे फुल चार्ज नहीं कर सकता है क्योंकि EV कार की दक्षता अधिक होती है एवं उसकी क्षमता के अनुसार अधिक सोलर पाने कार पर लग नहीं सकता हैं। हाल ही में कैलिफोर्निया की Aptera Moters द्वारा ऐसी कार लांच की गयी जिस पर 700 वाट का सोलर पैनल लगा हुआ है।

ईवी कार को चार्ज करने के लिए सोलर पैनल से सम्बंधित प्रश्न एवं उत्तर

क्या EV कार पर सोलर पैनल लगा सकते हैं?

हाँ, EV कार पर सोलर पैनल लगा सकते हैं, लेकिन यह बहुत ज्यादा महंगी प्रक्रिया है। ग्लोबल स्तर पर कैलिफोर्निया की Aptera Moters द्वारा ऐसी कार लांच की गयी जिस पर 700 वाट का सोलर पैनल लगा हुआ है।

इलेक्ट्रिक कार को कहाँ चार्ज किया जा सकता है?

इलेक्ट्रिक कार को घर में सोलर सिस्टम से, पावर ग्रिड से होम चार्जिंग यूनिट की सहायता से चार्ज किया जा सकता है। एवं इसे EV चार्जिंग स्टेशन पर भी चार्ज किया जा सकता है।

EV कार को चार्ज करने के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होती है?

EV कार को चार्ज करने के लिए बहुत अधिक सोलर पैनलों की जरूरत होती है। इलेक्ट्रिक कार के मानक में टेस्ला मॉडल एस को चार्ज करने के लिए लगभग 75 से अधिक सोलर पैनलों की आवश्यकता होती है। क्योंकि इसकी क्षमता 100 Kwh है।

EV कार को चार्ज करने के लिए सोलर पैनल को प्रभावित करने वाले कारक कौन हो सकते हैं?

EV कार को चार्ज करने के लिए सोलर पैनल को प्रभावित करने वाले कारक सोलर पैनल का आकर एवं प्रकार, कार का आकर एवं उसकी दक्षता हो सकते हैं।

निष्कर्ष

EV कार भविष्य में बहुतायत में भारत में प्रयोग होगी, उसके लिए अभी कई बड़ी कंपनियों द्वारा EVs पर कार्य किया जा रहा है। ऐसा होने पर सोलर सिस्टम का प्रयोग भी चार्जिंग के लिए किया जायेगा। जिस से यह प्रक्रिया इकोफ्रेंडली हो सके।

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