सोलर इन्वर्टर क्या है? प्रकार एवं कार्यविधि

सोलर सिस्टम में DC को AC में परिवर्तित करने का कार्य ही सोलर इन्वर्टर करते हैं। ये इलेक्ट्रिकल कन्वर्टर का कार्य करते हैं।

Published By SOLAR DUKAN

Published on

वर्तमान में सौर ऊर्जा के प्रयोग से बिजली का उत्पादन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सरकार द्वारा भी सोलर सिस्टम का प्रयोग करने के लिए नागरिकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सोलर सिस्टम पर्यावरण के अनुकूल ही बिजली का उत्पादन करता है। एवं इस प्रक्रिया से किसी प्रकार के प्रदूषण को उत्पन्न नहीं करता है। सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर, सोलर बैटरी, सोलर चार्ज कंट्रोलर का प्रयोग किया जाता है।

इस आर्टिकल के माध्यम से आप सोलर इन्वर्टर (Solar Inverter) से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिस से आप सोलर इन्वर्टर की कार्यविधि एवं इसके प्रकारों के बारे में जान सकते हैं। सोलर इन्वर्टर सोलर सिस्टम में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। वर्तमान में बाजार में आधुनिक तकनीक से बने कई प्रकार के सोलर इन्वर्टर उपलब्ध है। यदि आप सोलर सिस्टम के लिए सोलर इन्वर्टर खरीदना चाहते हैं तो यह जानकारी आपको लाभ प्रदान करेगी।

सोलर इन्वर्टर क्या है? प्रकार एवं कार्यविधि
सोलर इंवर्टर क्या है?

सोलर इन्वर्टर क्या है?

सूर्य से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा को सोलर पैनल द्वारा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। जो दिष्ट धारा DC के रूप में होती है, घर में प्रयोग किए जाने वाले अधिकांश उपकरण प्रत्यावर्ती धारा AC पर कार्य करते हैं। सोलर सिस्टम में DC को AC में परिवर्तित करने का कार्य ही सोलर इन्वर्टर करते हैं। ये इलेक्ट्रिकल कन्वर्टर का कार्य करते हैं। जिस कारण इन्हें PV इंवर्टर भी कहा जाता है। इंवर्टर से बिजली AC के रूप में उपकरणों को संचालित करने में प्रयोग की जाती है। सोलर इन्वर्टर में सोलर चार्ज कन्ट्रोलर लगा होता है। जो प्राप्त होने वाली बिजली की मात्रा को नियंत्रित करता है। सोलर इन्वर्टर को कन्ट्रोलर एवं अवरोधक ही सामान्य इंवर्टर से भिन्न करता है।

सोलर सिस्टम में सोलर इन्वर्टर की कार्यविधि

SolarDukan से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें WhatsApp

सोलर सिस्टम में सोलर इन्वर्टर की कार्यविधि (Working of Solar Inverter) निम्न प्रकार से कार्य करते हैं:

  • किसी भी सोलर सिस्टम में सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य सोलर पैनल करते हैं। सोलर पैनल में फोटोवोल्टिक सेल लगे होते हैं जो यह कार्य करते हैं।
  • सोलर पैनल से निर्मित बिजली DC के रूप में होती है। जिसे सोलर बैटरियों में जमा किया जाता है। या सोलर चार्ज कन्ट्रोलर लगे सोलर इंवर्टर में भेज दिया जाता है।
  • सोलर इन्वर्टर के अंदर लगे ट्रांसफार्मर से DC को AC में परिवर्तित किया जाता है। वर्तमान समय में ऐसे भी सोलर इंवर्टर हैं जिनमें ट्रांसफार्मर नहीं लगा होता है। ऐसे सोलर इंवर्टर की दक्षता ट्रांसफार्मर लगे इंवर्टरों से अधिक होती है।
  • सोलर इन्वर्टर के अंदर लगे हुए कन्ट्रोलर के द्वारा सोलर पैनल से आउटपुट पावर को बढ़ाया जाता है। सोलर इंवर्टर से प्राप्त होने वाली AC को ग्रिड से जोड़ कर उपकरणों को संचालित किया जाता है।
  • सोलर इन्वर्टर दिन के समय में सूर्य की ऊर्जा पर ही निर्भर रहता है। यह पैनल से प्राप्त DC को AC में परिवर्तित कर उपकरणों को संचालित करता है।
  • सोलर इन्वर्टर रात के समय में या बादल वाले मौसम में सोलर बैटरी में स्टोर बिजली को परिवर्तित कर उपकरणों को संचालित होने में सहायता करता है। कई सोलर उपकरण ग्रिड पावर का प्रयोग भी बैटरी चार्ज होने में करते हैं।

सोलर इन्वर्टर के प्रकार

सोलर इन्वर्टर को ग्रिड एवं सोलर चार्ज कन्ट्रोलर के आधार पर निम्न प्रकार में विभाजित किया है:

यह भी देखें:सामान्य इन्वर्टर को सोलर इन्वर्टर कैसे बनाएं, यहाँ देखें प्रक्रिया

सामान्य इन्वर्टर को सोलर इन्वर्टर कैसे बनाएं, यहाँ देखें प्रक्रिया

ग्रिड के आधार पर सोलर इन्वर्टर

  • ऑन-ग्रिड सोलर इन्वर्टर: इस प्रकार के सोलर इन्वर्टर का प्रयोग ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में किया जाता है। जिसमें बिजली को संग्रहीत करने के लिए किसी प्रकार की कोई बैटरी नहीं होती है। सोलर इन्वर्टर से जोड़ने के बाद सीधे ग्रिड से बिजली को नेट मीटर की सहायता से जोड़ा जाता है। इस प्रकार के सोलर इंवर्टर पैनल से प्राप्त होने वाली बिजली को 95% तक AC में परिवर्तित करते हैं। इन्हें निर्मित करने वाली कंपनियों द्वारा इन पर 2 से 5 साल की वारंटी प्रदान की जाती है। ये 25 साल तक कार्य करने के लिए बनाए जाते हैं। इस प्रकार के सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जाती है।
  • ऑफ-ग्रिड सोलर इन्वर्टर: इस प्रकार के सोलर इन्वर्टर सोलर बैटरियों से जोड़े जाते हैं। एवं बैटरी में जमा की गई बिजली को ही AC में परिवर्तित करने का कार्य करते हैं। इसमें इन्हें डायरेक्ट सोलर पैनल से नहीं जोड़ा जाता है। ये सोलर इंवर्टर ग्रिड पर निर्भर नहीं रहते हैं। यदि आप इस प्रकार के इंवर्टर अपने घर में लगाते हैं तो आप ग्रिड की बिजली जाने पर भी बिजली प्राप्त कर सकते हैं।
  • हाइब्रिड सोलर इन्वर्टर: ये सबसे आधुनिक एवं महंगे सोलर इंवर्टर होते हैं। यह ग्रिड एवं सोलर सिस्टम दोनों पर ही कार्य करते हैं। दिन के समय में ये पूरी प्राथमिकता सोलर सिस्टम से प्राप्त बिजली को देते हैं एवं रात के समय में ये सोलर बैटरी मे संग्रहीत बिजली को परिवर्तित करने का कार्य करते हैं। एवं ग्रिड से बिजली प्राप्त कर बैटरी को चार्ज होने में भी सहायक होते हैं।

सोलर चार्ज कन्ट्रोलर के आधार पर

  • PWM (Pulse Width Modulation)- यह सोलर इंवर्टर में लगे हुए PWM कंट्रोलर की सबसे पुरानी तकनीक है। इस तकनीक के इंवर्टर सस्ते होते हैं एवं इनका प्रयोग घरों एवं छोटी दुकानों में किया जा सकता है। इन सोलर चार्ज कन्ट्रोलर की अलग-अलग एम्पियर रेटिंग होती है। इन्हें सोलर सिस्टम की क्षमता के अनुसार स्थापित किया जाता है।
  • MPPT (Maximum Power Point Tracking)– आधुनिक MPPT तकनीक से बने सोलर इंवर्टर महंगे होते हैं। ये कुशल प्रदर्शन भी प्रदान करते हैं। इसकी कार्यविधि से अधिक शक्ति प्रदान होती है, एवं ये PWM तकनीक से बने सोलर इन्वर्टर की तुलना में किसी प्रकार की ऊर्जा का नुकसान नहीं करते हैं।

भारत में सोलर इन्वर्टर निर्माण करने वाली कंपनियां

वर्तमान में भारत में बड़ी-बड़ी कंपनियां सोलर इन्वर्टर का निर्माण कर रही है। आधुनिक तकनीक से उच्च क्षमता के सोलर इंवर्टर बाजारों में मौजूद हैं। भारत में सोलर इंवर्टर का निर्माण एवं विक्रय करने वाली कुछ कंपनियां इस प्रकार हैं:

Luminous Power Technologies

ल्यूमिनस द्वारा घरों एवं दुकानों के लिए NXG, NXG PRO, NXG Grid Tie सीरीज के इंवर्टर बनाए गए हैं, इसके अतिरिक्त बड़े औद्योगिक क्षेत्रों के लिए Solarverter, Solarverter PRO, NXI, NXT + सीरीज के अनेक सोलर इंवर्टर का निर्माण एवं विक्रय किया जाता है।

ULT Solar

सोलर इन्वर्टर के निर्माण के क्षेत्र में UTL एक प्रचलित ब्रांड है। इसके इंवर्टर 98% दक्षता प्रदान करते है। इनके सोलर इन्वर्टर का प्रयोग घरों, औद्योगिक क्षेत्रों, सेनाओं आदि स्थानों पर किया जाता है। यह उच्च गुणवत्ता के उत्पादों का निर्माण करने के लिए प्रसिद्ध है।

SolarDukan से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें WhatsApp

निष्कर्ष

उपर्युक्त आर्टिकल के माध्यम से आप सोलर इन्वर्टर की जानकारी समझ गए होंगे। भारत में अनेक ब्रांड जैसे माइक्रोटेक, SU-kam आदि सोलर इन्वर्टर के निर्माण एवं विक्रय करने के लिए प्रसिद्ध हैं। सोलर इंवर्टर की कीमत इनकी क्षमता एवं इनका निर्माण करने वाले ब्रांड के अनुसार अलग-अलग है। उच्च क्षमता के सोलर इन्वर्टर घर के सभी उपकरणों को संचालित करने में सक्षम होते हैं। सोलर इंवर्टर भी पर्यावरण के अनुकूल कार्य करते हैं।

यह भी देखें:सोलर इन्वर्टर और सोलर पीसीयू में अंतर

सोलर इन्वर्टर और सोलर पीसीयू में अंतर

0 thoughts on “सोलर इन्वर्टर क्या है? प्रकार एवं कार्यविधि”

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें